जन्म के बाद दो मिनट तक नवजात नहीं रोए तो क्या करें, सेमिनार में चिकित्सकों ने किया मंथन Bhagalpur News
ऑक्सीजन की कमी से नवजात का ब्रेन किडनी फेफड़ा प्रभावित होने लगता है। नवजात के शरीर का तापमान कम करने के लिए क्रिटिकूल उपकरण में रखा जाता है।
भागलपुर [जेएनएन]। जन्म के दो मिनट से लेकर पांच मिनट तक अगर नवजात नहीं रोए तो उसे शीघ्र इलाज की आवश्यकता होती है। ब्रेन में ऑक्सीजन की कमी के कारण नवजात नहीं रोता है। उक्त बातें स्थानीय एक होटल में आयोजित कार्यशाला में भारतीय शिशु अकादमी बिहार शाखा के अध्यक्ष और नालंदा मेडिकल कॉलेज शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कही। इस अवसर पर उन्होंने क्रिटिकूल उपकरण का भी उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि इस बीमारी को नवजात बर्थ एस्फिक्सिया कहा जाता है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से नवजात का ब्रेन, किडनी, फेफड़ा प्रभावित होने लगता है। नवजात के शरीर का तापमान कम करने के लिए क्रिटिकूल उपकरण में रखा जाता है।
बेतिया मेडिकल कॉलेज के सह प्राध्यापक एवं एपीआई बिहार झारखंड के सचिव डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि प्रसव के समय परेशानी होने, नवजात का वजन कम होने आदि वजह से ब्रेन में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इससे नवजात सांस नहीं ले पाता, शरीर नीला होने लगता है और पल्स रेट कम होने लगता है। अगर नवजात का शीघ्र उपचार नहीं किया गया तो ब्रेन हेमरेज के अलावा नवजात कमजोर दिमाग का भी हो सकता है।
डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा कि उक्त उपकरण से नवजात के इलाज में मदद मिलेगी। इस अवसर पर डॉ. आरके सिंह, डॉ रोमा यादव, डॉ. वीणा यादव के अलावा अन्य चिकित्सक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी भागलपुर के वरीय उद्घोषक डॉ विजय कुमार मिश्र ने किया।