मकान बनवा रहे हैं तो वाटर हार्वेस्टिंग भी बनवा लें, नहीं तो होगी कार्रवाई, जानिए Bhagalpur News
DM ने कहा कि निगम क्षेत्र में प्रत्येक भवन में अनिवार्य रुप से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम हो। जिस बहुमंजिले भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग नहीं बना है उन्हें दंडित करने का प्रावधान है।
भागलपुर [जेएनएन]। जल है तो जीवन है और जल है तभी हरियाली है। जल और हरियाली है तभी जीवन में खुशहाली है। जल और हरियाली दोनों एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। जहां हरियाली रहेगी वहां बारिश होती है। उक्त बातें जिले में गिरते भूगर्भ जलस्तर को बचाने को लेकर टाउन हॉल में जल जीवन हरियाली कार्यक्रम के तहत रैन वाटर हार्वेस्टिंग पर एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए डीएम प्रणव कुमार ने कहा।
डीएम प्रणव कुमार ने कहा, शहर गंगा के किनारे अवस्थित होने के बावजूद जलस्तर 100 फीट नीचे चला जाए यह चिंता का विषय है। सोचने की आवश्यकता है ताकि आने वाले दिनों में जलसंकट ना हो। शहर की बनावट ऐसी है कि सारा पानी गंगा की धारा में मिल जाता है। पानी कहीं भी नहीं ठहरता और पानी का उपयोग नहीं कर पाते हैं।
डीएम ने कहा, इसे संरक्षित करने के लिए निगम क्षेत्र में प्रत्येक भवन में अनिवार्य रुप से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम हो। जिस बहुमंजिले भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग नहीं बना है उन्हें दंडित करने का भी प्रावधान है। भूमि अपने आप में बड़ा फिल्टर है। जल संचय कर हम भविष्य को एक अच्छा कल दे सकत हैं। पंचायतों के माध्यम से 700 सोखता चापाकल के पास बनाया गया है। जिला के तीन प्रखंड के 20 पंचायत सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हुई है। पौधे सुख रहे हैं। सुखाड़ की स्थिति, हरियाली की स्थिति, वृक्षों का धीरे-धीरे कम होना और भूगर्भ जल नीचे जाना यह इशारा जागरूक होने के लिए कर रहा है।
जिला प्रशासन जितने भी तालाब को चिन्हित किया गया है। पिछले 20 साल में ध्यान नहीं देने के कारण अतिक्रमण हुआ है। इसे हटाने की कार्रवाई चल रही है। 10 दिनों के अंदर सभी तालाबों के जीर्णोद्धार का एक साथ काम शुरू होगा। ताकि पानी को धारण कर सके और भूगर्भ रिचार्ज हो सके। जमीन के अंदर कुछ लेयर है। उपरी लेवल अगर समाप्त हो जाएगा तो उसके अंदर पत्थर है। पहले लेयर में 25 फीट से 50 फीट के अंदर पानी मिलता है। फिर एक लेयर पत्थर का होता है। इसके नीचे 50 फीट तक पानी मिलता है। साफ पानी के लिए लोग भूगर्भ के 250 फीट तक जाते हैं। इसी तरह पानी का दोहन होता रहा तो आने वाले 50 वर्षो में पानी के लेयर को रिचार्ज नहीं किया तो पत्थर तोड़कर पानी लाना पड़ेगा। प्राकृतिक संसाधन का संरक्षण करना समय की आवश्यकता है। जल बचत के लिए प्रबुद्धजनों को क्रांतिदूत बनना होगा।
वाटर हावेस्टिंग लगाने वालों को मिलेगा पांच फीसद छूट
शहर के भूगर्भ जलस्तर को रिचार्ज करने के लिए शहरवासी को वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए प्रेरित किया। मेयर सीमा साहा और डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने कार्यशाला में घोषणा करते हुए कहा कि जो व्यक्ति इस सिस्टम को लगाएगा उन्हें होल्डिंग टैक्स में पांच फीसद की छूट मिलेगी। 300 फीट के नीचे आर्सेनिक की मात्रा है। इससे कैंसर जैसी बीमारी की लोग चपेट में आ रहे हैं। 2022 तक सजग नहीं हुए तो पूरा शहर आर्सेनिक की चपेट में होगा। भूगर्भ का जल स्रोत बढ़ाना होगा। जिन अध्यक्ष अनंत कुमार ने कहा पर्यावरण से छेड़छाड़ का नतीजा सामने सुखाड़ है। 40 फीसद धान की कम रोपनी हुई है।
इस मौके पर डीआरडीए निदेशक प्रमोद पांडेय, एडीएम राजेश झा राजा, उप नगर आयुक्त सत्येंद्र वर्मा, प्रफुल्ल चंद्र यादव, रीता वर्मा आदि मौजूद थे। मंच संचालन अमरेंद्र कुमार ने किया। ई. चंदन कुमार, प्रियांशु कुमार ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जल संचय की जानकारी दी। कार्यशाला के उद्घाटन भाषण के बाद अधिकांश लोग हॉल से निकलने लगे। इससे कार्यक्रम पर थोड़ा असर पड़ा। जल संचय को लेकर पार्षद भी गंभीर दिखे। इसमें हंसल सिंह, अनिल पासवान, शीला देवी और पूर्व पार्षद मेराज ही शामिल हुए।