Move to Jagran APP

स्तन में गांठ है तो नहीं करें नजरअंदाज, जानिए... Dr. Roma Yadav की सलाह

महिलाओं में अक्सर अनियमित माहवारी की समस्या होती है। ज्यादा रक्तश्राव होने लगता है। 40-45 वर्ष की उम्र की महिलाओं में अनियमित माहवारी की समस्या अक्सर देखी जा रही है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 10:58 AM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 04:36 PM (IST)
स्तन में गांठ है तो नहीं करें नजरअंदाज, जानिए... Dr. Roma Yadav की सलाह
स्तन में गांठ है तो नहीं करें नजरअंदाज, जानिए... Dr. Roma Yadav की सलाह

भागलपुर [जेएनएन]। दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित प्रश्न पहर में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रोमा यादव ने पाठकों के बीमारी संबंधी सवालों का समाधान किया। डॉ. रोमा ने कहा कि महिलाओं में अक्सर अनियमित माहवारी की समस्या होती है। ज्यादा रक्तश्राव होने लगता है। 40-45 वर्ष की उम्र की महिलाओं में अनियमित माहवारी की समस्या अक्सर देखी जा रही है। पांच से छह दिनों तक माहवारी होती है। ज्यादा रक्तश्राव होने की स्थिति में एक दिन में चार-पांच बार पैड बदलना पड़ता है। संभावना है कि गर्भाशय में ट्यूमर या फायब्रायड हो। अल्ट्रासाउंड से बीमारी की जानकारी मिलती है।

loksabha election banner

हालांकि चिकित्सक तुरंत बच्चादानी निकालने की सलाह दे देते हैं। जो उचित नहीं है। कुछ ऐसी भी दवाएं हैं जो खाने के बाद रक्तस्राव बंद हो जाता है। इसी प्रकार लिकोरिया से भी महिलाएं परेशान रहती हैं। इस बीमारी में सफेद पानी निकलता है। ज्यादातर लिकोरिया गंदगी की वजह संक्रमण होने से होता है। प्राइवेट पार्ट की सफाई अच्छी तरह नहीं करने से यह परेशानी हो सकती है। पैप्समीयर, क्ल्नोस्कोपिक से गर्भाशय की जांच पर बीमारी की जानकारी मिल सकती है।

कैंसर होगा तो जांच में कैंसर के सेल्स आ सकते हैं। फिर बायोप्सी करवाने से कैंसर की पुष्टि की जा सकती है। जंक फूड खाने की वजह से किशोरियों में माहवारी की शुरुआत हो रही है साथ ही हारमोन में बदलाव की वजह से रक्तस्राव भी होने लगा है। नौ और 10 वर्षों में किशोरियां को माहवारी होने लगी है। इसके अलावा हीमोग्लोबीन की कमी, मोटापा आदि से कई बीमारियां होने लगी हैं। चिप्स आदि खाने से भूख भी नहीं लगती, अत: हीमोग्लोबीन में कमी हो जाती है। हीमोग्लोबीन की कमी से प्रसव के वक्त या बाद में रक्तश्राव होने की संभावना बढ़ जाती है। आयरन की गोली, दाल, सोयाबीन, हरी सब्जी, मौसमी फलों, अंकुरित चना, गुड़ आदि के सेवन से आयरन की कमी नहीं होगी।

प्रश्न : 29 मार्च को परिवार नियोजन का ऑपरेशन करवाई हूं। पेट के बांयी तरफ सूजन हो गया है, दर्द भी होता है।

काजू कुमारी, अमरपुर

ऑपरेशन का जख्म नहीं भरने की वजह से मवाद हो सकता है। गर्म पानी में कपड़ा भिंगोकर सूजन के स्थान पर सेकें।

प्रश्न : मेरी उम्र 24 वर्ष है। सफेद पानी निकलता है। क्या बच्चादानी निकालना आवश्यक है।

संगीता देवी, अकबरनगर

प्राइवेट पार्ट की सफाई नहीं रखने से संक्रमण होता है। गर्भाशय की जांच करवा लें। तभी बीमारी की जानकारी मिलेगी। तुरंत बच्चादानी निकालना आवश्यक नहीं है।

प्रश्न : मेरी उम्र 42 वर्ष है। स्तन में गांठ है, क्या करें।

रश्मि साह, सुलतानगंज

किसी भी गांठ की अनदेखी नहीं करें। अल्ट्रासोनोग्राफी, मेमोग्राफी से यह जानकारी मिलेगी कि गांठ साधारण है या कैंसर है अथवा नहीं। एफएनएसी और बायोप्सी से जानकारी मिलती है। अक्सर गांठ में दर्द नहीं होता।

प्रश्न : मेरी उम्र 17 वर्ष है। कॉलेज की छात्रावास में रहती हूं। दो-तीन माह पर माहवारी होती है।

सोनी सिंह, भागलपुर

हारमोन, थायरायड और हीमोग्लोबीन की कमी से माहवारी अनियमित होती है। इसके अलावा पॉली सिस्ट ओवेरियन डिजीज हो सकती है। चिकित्सक की परामर्श से जांच करवा लें। वजन ज्यादा है तो कम करें, फास्ट फूड नहीं खाएं। नियमित व्यायाम करें।

प्रश्न : सात माह से गर्भवती हूं। पैर में सूजन है।

गीता रानी, सबौर

खून की कमी भी हो सकती है। हीमोग्लोबीन की जांच करवा लें। प्रीएकेलेम्सिया हो सकता है। चिकित्सक से जांच करवा लें।

प्रश्न : आठ माह का बच्चा है। दो बच्चों के बीच अंतर रखना चाहती हूं। कौन सी गर्भ निरोधक दवा ठीक रहेगी।

रेखा झा, मुंदीचक

वनली प्राजेस्ट्रेरॉन गर्भ निरोधक दवा का सेवन करें। अगर बच्चे को स्तनपान करवा रही हैं तो डीपो मेट्रोक्सी प्रोजेस्ट्रान एसीटेट सूई प्रत्येक तीन माह में लगवाए। अथवा तीन वर्ष के लिए कॉपरटी लगवा लें।

प्रश्न : माहवारी आठ दिन आगे चला गया है। कौन सी दवा खाएं।

संगीता कुमारी, नवगछिया

पेशाब की जांच करवा लें। गर्भ है या नहीं इसकी जानकारी मिल जाएगी। डॉ. से सलाह लेकर अल्ट्रासाउंड करवा लें। कभी-कभी पेलोपियन ट्यूब में भी गर्भ ठहर जाता है। जिसके फटने से मौत हो सकती है।

प्रश्न : 10 वर्ष की बच्ची है। उसे भूख नहीं लगती है। हीमोग्लोबीन की भी कमी है।

सोनू झा, पीरपैंती

चिकित्सक से दिखा लें। हो सकता है कृमि की दवा देनी पड़े। एक दवा खिलाने के बाद 15 दिनों के बाद दोबारा कृमि की दवा खिला दें। खाना खाने के पहले हाथ को अच्छी तरह साबुन से धोना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.