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कुख्यातों के वारंट पर कुंडली मार कर बैठने वालों की जाएगी थानेदारी

अब थानेदारों का कार्य मूल्यांकन फरार और कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार करने पर होगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Mar 2018 11:56 AM (IST)Updated: Tue, 13 Mar 2018 11:56 AM (IST)
कुख्यातों के वारंट पर कुंडली मार कर बैठने वालों की जाएगी थानेदारी
कुख्यातों के वारंट पर कुंडली मार कर बैठने वालों की जाएगी थानेदारी

भागलपुर। (बलराम मिश्र) अब थानेदारों का कार्य मूल्यांकन फरार और कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार करने पर होगा। अन्यथा उनकी थानेदारी चली जाएगी। इस संबंध में पुलिस महानिदेशक केएस द्विवेदी ने जोन के पुलिस महानिरीक्षक और उप-महानिरीक्षकको पत्र लिख संबंधित जिलों में इसे लागू करने को निर्देश देने को कहा है।

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जिलों के एसएसपी/एसपी से संबंधित जिले में तैनात थानेदारों को प्रतिदिन एक वांछित और फरार अपराधी को पकड़ने का लक्ष्य देने को कहा है। साथ ही पुलिस कप्तानों को इस निर्देश के अनुपालन को थानेदार के कार्य मूल्यांकन का आधार बनाने को कहा गया है।

वारंट पर कुंडली मार बैठने वालों से छिनेगी थानेदारी

मुख्यालय जिले में अपराध पर अंकुश लगाने के लिए अलग अलग रणनीति तैयार करने में जुटी है। इसी लेकर वारंट पर कुंडली मारकर बैठने वाले पुलिस अफसरों के खिलाफ भी मुख्यालय सख्ती के मूड में है। पुलिस महानिदेशक के निर्देश के बाद उन पुलिस अफसरों की परेशानी बढ़ेगी जो निजी फायदे के लिए आरोपितों के गिरफ्तारी वारंट पर कुंडली मारकर बैठे रहते हैं। ऐसे अफसरों पर मुख्यालय की नजर टेढ़ी है। अपराधियों को गिरफ्तार करने के टारगेट को पूरा नहीं करने वाले थानेदारों को एसपी स्तर से हटाने की कार्रवाई कर दी जाएगी।

20 मार्च 2015 को एसएसपी की अनुशसा दारोगा हुए थे बर्खास्त

5 अक्टूबर 1985 को सबौर के मीराचक गाव निवासी मुखिया रामदास मंडल की हत्या के आरोपितों का गिरफ्तारी वारंट नौ माह तक स्थानीय थानेदार ने दबाए रखा था। इस आरोप में सबौर के तत्कालीन थानेदार महेश्वर राय को एसएसपी विवेक कुमार की अनुशंसा पर रेंज डीआइजी संजय सिंह ने 20 मार्च 2015 को बर्खास्त कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जारी हुआ था गिरफ्तारी वारंट

रामदास मंडल हत्याकाड में 29 जनवरी 1988 को भागलपुर के चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अभियुक्त पंचा मंडल, हरमिंदर मंडल, प्रकाश मंडल, मागन मंडल, धनंजय मंडल उर्फ धनराज मंडल, शारदा देवी और तलाशो उर्फ तारावती देवी को उम्र कैद सुनाई थी। उच्च न्यायालय पटना ने भी निचली अदालत के फैसले को यथावत रखा था। बाद में सुप्रीम कोर्ट से इस हत्याकाड के अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी करने का निर्देश जारी हुआ था।

एसएसपी को सुप्रीम कोर्ट ने कर लिया था तलब

रामदास हत्याकाड में अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं होने पर इसे लापरवाही मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भागलपुर के तत्कालीन एसएसपी विवेक कुमार को तलब कर लिया था। इसके पूर्व महेश्वर राय पर आरोप था कि वह वारंट मिलने के नौ माह बाद एसएसपी को गुमराह करने के लिए वारंट पर यह मंतव्य लिख कर वापस कर दिया कि रामदास मुखिया हत्याकाड अब उनके थाना क्षेत्र का मामला नहीं रहा बल्कि वह जीरोमाइल थाने का मामला है। यह भी लिखा कि अभियुक्तों ने मीराचक इलाके की अपनी संपत्ति बेच दी है। अभियुक्त काफी समय पूर्व इलाके को छोड़ चुके हैं।


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