Move to Jagran APP

हायड्रोपोनिक चारा दूर कर रहा पशुओं का बांझपन, कृषि विज्ञान केंद्र बांका के विज्ञानियों ने इस तरह किया तैयार

पशुओं में बाझंपन की समस्‍या अब नहीं होगी। इसके लिए बांका कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानियों ने हायड्रोपोनिक चारा तैयार किया है। इस चारा को नियमित रूप से खिलाने पर बांझपन की समस्‍या नहीं होगी साथ ही पशुु बीमार भी कम होंगे।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 04:01 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 04:01 PM (IST)
हायड्रोपोनिक चारा दूर कर रहा पशुओं का बांझपन, कृषि विज्ञान केंद्र बांका के विज्ञानियों ने इस तरह किया तैयार
पशुओं में बाझंपन की समस्‍या अब नहीं होगी।

 संसू बांका। पशुओं में बढ़ रही बांझपन की बीमारी ने पशुपालकों की ङ्क्षचता बढ़ा दी है। गाय व भैंस के साथ-साथ बकरी में भी बांझपन की शिकायत अधिक हो रही है। इससे लगभग दस से 15 फीसद पशु बंझपन के शिकार हो रहे हैं। पशुओं में इस बांझ पन की समस्या को दूर करने के लिए केविक के पशु विज्ञानी डा. धर्मेंद्र कुमार ने जिले के तीन अलग-अलग गांव में बकरी पर इसका प्रत्यक्षण किया। इसमें पाया गया कि हाइड्रोपोनिक चार पशुओं को देने से बांझपन की समस्या नहीं होगी।

loksabha election banner

डा. धर्मेंद्र बताते है कि ज्यादतर पशुपालक अच्छी नस्ल के महंगे पशु खरीद लेते हैं, लेकिन रखरखाव व भरपूर मात्रा में पोषक तत्व नहीं दे पाते हैं। शहर के आसपास जो बकरी चरने नहीं जाती है। इससे उसको हरा चारा नहीं मिल पाता है। इससे बकरियों में चार से पांच बार बच्चा देने के बाद बांझपन की शिकायत आ जाती है। चुकी किसान केवल मक्का और भूसा खिलाते हैं, लेकिन यदि इस मक्के को हाइड्रोपोनिक चारा तैयार कर पशुओं को खिलाया जाय तो इससे पशुओं में बांझपन की समस्या दूर हो जाएगी।

विटामिन की कमी के कारण पशुओं में हो रहा बांझपन की समस्या

पशुओं में बांझपन होने का मुख्य कारण विटामिन की कमी है। पशुओं को हरा चारा नहीं मिलने के से इसके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। लेकिन हाइड्रोपोनिक चारा में विटामिन ए और ई दोनों पाया जाता है। इसे खिलाने से पशुओं में बांझपन की समस्या नहीं होगी। इसके साथ ही यदि गया गर्मी में नहीं आ रही है। गाय को 2.50 ग्राम मक्का या गेहूं का हाईड्रोपोनिक चारा तैयार कर 15 दिन खिलाने से गाय गर्मी में आ जाएगी।

इन तीन गांवों में किसानों ने किया है प्रत्यक्षण

केविके के सहयोग से बांका प्रखंड के पोखरिया गांव निवासी सोनेलाल टुड्डू ,चुटिया गांव की शकुंतला देवी एवं धोरैया प्रखंड के विजय कुमार ने अपने बकरी पर प्रत्यक्षण किया गया। किसान विजय कुमार ने बताया कि 50 ग्राम अनाज से 2.50 ग्राम हाइड्रोपोनिक तौयार होता है। एक बकरी दो सौ से 2.50 ग्राम तक चारा खा सकती है। अब हम मक्के या गेहूं को पिसबाने क बजाया अंकुरित कर हाइड्रोपोनिक चारा तैयार कर खिलाते है। इससे कम अनाज में ज्यादा लाभ मिलता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.