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बर्ड फ्लू की आशंका : पहले सुस्त हो जाती हैं मुर्गे-मुर्गियां और बत्तख, फिर हो जाती है मौत

अभी गोराडीह में मुर्गे मौत मामले की जांच भी नहीं हो पाई थी कि सन्हौला में बड़ी संख्या में मुर्गें व बत्तख की मारे जाने की सूचना मिली। जिले में बर्ड फ्लू की संभावना बढ़ गई है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 07:41 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 07:41 PM (IST)
बर्ड फ्लू की आशंका : पहले सुस्त हो जाती हैं मुर्गे-मुर्गियां और बत्तख, फिर हो जाती है मौत
बर्ड फ्लू की आशंका : पहले सुस्त हो जाती हैं मुर्गे-मुर्गियां और बत्तख, फिर हो जाती है मौत

भागलपुर [जेएनएन]। सन्हौला प्रखंड के कई गांवों में लागातार सैकड़ों की संख्या में मुर्गे-मुर्गियां एवं बत्तख मर चुके हैं। सूचना मिलने पर पशुपालन विभाग की टीम सन्हौला के मुर्गियाचक गांव पहुंची और वहां बीमार मुर्गियों का ब्लड सैंपल तथा स्टूल लिया। वहीं टीम के सदस्य मृत दो मुर्गियों को सैंपल के तौर पर साथ ले गए। मुर्गियाचक के ग्रामीण मो. फयाज, मो. सज्जाद, मो. आयूब, मो. इसराइल, मो. साबिर, मो. तैयफ, मो. शब्बीर, मो. जमील और मो. सिद्दीकी ने बताया कि हमलोगों का मुख्य पेशा मुर्गी पालन ही है। जिससे हमलोगों का भरण-पोषण होता है। विगत कुछ दिनों से मुर्गियां पहले तो सुस्त पड़ जाती हैं। इसके बाद एक से दो दिनों के अंदर उनकी मौत हो जाती है।

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वहीं जिला पशुपालन पदाधिकारी के निर्देश पर मुर्गियाचक गांव पहुंचे भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी बाग बाड़ी डॉ सुभाष चन्द्र हिंदुस्तानी, भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी गोराडीह डॉ. सतीश कुमार, पशु चिकित्सा पदाधिकारी सन्हौला डॉ संतोष तिवारी ने बताया कि बीमार पड़ रही मुर्गियों का कारण जानने हेतु चार मुर्गियों का ब्लड सैंपल और स्टूल लिया गया है। इनमें पाए जाने वाले लक्षणों को भी नोट किया गया है। जिसे जांच हेतु एलआरएस जांच सेंटर पटना भेजा जाएगा। डॉक्टरों ने बताया कि मुर्गियों को रानीखेत, गम्बरो रोग, एवीएन इन्फ्लूएंजा होने पर इस तरह के लक्षण पाए जाते हैं।

उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि जो पक्षी मर जाएं उन्हें आप गड्ढे में चूना और नमक देकर ढंक दें। संक्रमित मुर्गियों को स्वस्थ मुर्गी से अलग रखें। घर में लगातार फिनाइल का छिड़काव करें। जब भी आप मुर्गियों को घर के अंदर या बाहर करें अपने हाथ पैर को अच्छे से धो लें अन्यथा संक्रमण मनुष्य में भी फैल सकता है। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि अगर बर्ड फ्लू जैसी बीमारी जांच में पाई गई तो मुर्गियाचक गांव के तीन किलोमीटर में रहने वाले सभी मुर्गियों को मार दिया जाएगा ताकि यह रोग अन्यत्र जगह न फैले। वही मौके पर मौजूद फाजिलपुर सकरामा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अनुज झा ने बताया कि हमारी पंचायत के मुर्गियाचक, सुकसेना सहित असियाचक गांवों में लगातार मुर्गियों के मरने की सूचना मिल रही थी। जिसकी सूचना जिला पशुपालन चिकित्सा पदाधिकारी को दी गई थी।

इससे पहले गोराडीह प्रखंड के पिथना और आसपास के इलाकों में सोमवार को पचास से अधिक मुर्गे मृत मिले थे। उसी समय बर्ड फ्लू की आशंका बढ़ गई थी। क्योंकि भागलपुर के आसपास के जिलों से भी मुर्गे और बत्तख की मौत होने की सूचना मिल रही थी। गोराडीह में सूचना मिलते ही पशुपालन विभाग की चिकित्सक अंजली सिन्हा टीम के साथ पिथना गांव पहुंचीं थी। पैनडेमिक फ्लू प्रोटेक्शन किट पहने कर्मचारी ने मृत मुर्गों के सैंपल एकत्रित कर जांच के लिए कोलकाता लैब भेजा थे। साथ में आए डॉ. अनिल कुमार और सतीश कुमार ने बताया कि त्वरित जांच के लिए ही सैंपल सीधे कोलाकता स्थित लैब भेजा गया था। 

बर्ड फ्लू की आशंका ने बचाई 60 फीसद मुर्र्गों की जान
बर्ड फ्लू की आशंका की वजह से नववर्ष में 60 फीसद मुर्गों की जान बच गई। ज्यादातर खस्सी के मांस की बिक्री हुई। सरकारी पॉल्ट्री फॉर्म में भी मुर्गा की बिक्री बंद रही। एक सप्ताह पूर्व ही फॉर्म के द्वार बंद कर दिए गए।
नववर्ष की पहली जनवरी को मुर्गा की बिक्री कई गुना बढ़ जाती है। गतवर्ष की तुलना में इस वर्ष मुर्गा की बिक्री 60 फीसद प्रभावित रही। दुकानदारों ने कहा कि मात्र 30 से 40 फीसद की बिक्री हुई। तिलकामांझी के मिथिलेश यादव ने कहा कि 2018 की एक जनवरी को तकरीबन दो सौ मुर्गों की बिक्री हुई थी। इस वर्ष एक जनवरी को कुल 61 मुर्गे ही बिके। भीखनपुर के एखलाख कुरैशी और मन्नान ने कहा कि मात्र 20 से 40 मुर्गों की बिक्री हुई। गत वर्ष 140 रुपये प्रति किलो मुर्गा बेचे गए तो इस वर्ष 110-120 रुपये किलो मुर्गा बेचा गया। नवगछिया, माछीपुर, मिरजानहाट, अलीगंज के निजी पॉल्ट्री फॉर्म से मुर्गा मंगाए गए थे। खस्सी की बिक्री ज्यादा हुई।


सरकारी पॉल्ट्री फॉर्म बंद रहे
गत वर्ष पॉल्ट्री फॉर्म से तकरीबन 716 मुर्गों की बिक्री हुई थी। इस वर्ष बर्ड फ्लू की आशंका की वजह से बिक्री बंद कर दी गई। क्षेत्रीय कुक्कुट प्रक्षेत्र के प्रबंधक अभिनित झा ने बताया कि कुछ दिनों तक मुर्गा की बिक्री बंद रहेगी।

स्वाब की जांच रिपोर्ट नहीं आई
जिले के निजी पॉल्ट्री फॉर्मो से एक सौ से ज्यादा मुर्गे-मुर्गियों के स्वाव एक सप्ताह पूर्व जांच के लिए कोलकाता भेजा गया था। जांच में क्या मिला इसकी जानकारी नहीं दी गई है। जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि अगर जांच में बर्ड फ्लू के लक्षण मिलते तो रिपोर्ट शीघ्र भेज दी जाती।


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