एक दूजे का हाथ थाम मांगा अंगिका का सम्मान
अंगिका भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर रविवार को सैंडिस कंपाउंड में मानव श्रृंखला बनाई गई।
भागलपुर। अंगिका भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर रविवार को सैंडिस कंपाउंड में मानव श्रृंखला बनाई गई। इसमें स्कूली बच्चे, विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेता, साहित्यकार, डॉक्टर से लेकर आम लोग शामिल हुए। इस दौरान संत मेंही दास, बाबा तिलकामांझी, बाबा विशु राउत और विषहरी भगत की झांकी भी निकाली गई।
विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि अंगिका एक समृद्ध भाषा है। इसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती है। आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए सरकार से मांग की गई है। अंगिका आंदोलन समिति के संयोजक गौतम सुमन ने कहा कि अंगिका भाषा को सम्मान दिलाने के लिए कई वर्षो से प्रयास जारी है, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। अब यह लड़ाई व्यापक रूप धारन कर चुकी है। यह दुनिया की प्राचीन भाषा है। एकजुट हो गए हैं अंग के लोग : पाठक
लखनलाल पाठक ने कहा कि अंग के लोग अब एकजुट हो गए हैं। बांका के जदयू नेता पप्पू सिंह ने कहा कि अंगिका भाषा की उपेक्षा अब सहन नहीं किया जाएगा। प्रो. देवज्योति ने कहा कि लोकभाषा की उपेक्षा करना ठीक नहीं है। भाजपा के जिला अध्यक्ष रोहित पाण्डेय ने कहा कि सरकार को अपने स्तर से इसे आठवीं सूची में शामिल करने के लिए प्रयास करना चाहिए। जदयू नेता विभूति गोश्वामी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अंगिका अकादमी का गठन किया है। ये लोग हुए शामिल
मानव श्रृंखला में शामिल हो कर शंभु दयाल खेतान, संजय, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. सीएम उपाध्याय, डॉ. अजय कुमार सिंह, डॉ. संजय सिंह, वीरेश मिश्रा, रेणु ठाकुर, डॉ. अमरेंद्र, आमोद कुमार मिश्र, राजकुमार सहित कई लोंगों ने अंगिका भाषा को आठवीं सूची में शामिल करने की मांग की। इस अवसर पर सीपीआइ, सीपीएम, लोजपा, एनसीपी, आप, स्कूलों के शिक्षक, जय प्रकाश उद्यान सह सैंडिस कंपाउंड विकास समिति, रॉटरी क्लब, लायंस क्लब सहित कई संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए।