HRMS system : नियमित कर्मियों और शिक्षकों की सेवा पुस्तिका को ले विभाग हुआ गंभीर, जानिए
सुपौल जिले में 750 नियमित शिक्षक हैं जिन्हें हर हाल में 31 नवंबर से पहले शिक्षकों का डाटा कैप्चरफॉर्मेट की ऑनलाइन एंट्री कराना अनिवार्य होगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी के साथ बैठक कर सेवा पुस्तिका जमा कर देने का निर्देश दिया है।
सुपौल, जेएनएन। एचआरएमएस प्रणाली के तहत नियमित कर्मियों व शिक्षकों की सेवा पुस्तिका का डिजिटलाइजेशन कार्य को शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया है। जिले में कम से कम 750 नियमित शिक्षक हैं, जिन्हें हर हाल में 31 नवंबर से पहले शिक्षकों का डाटा कैप्चरफॉर्मेट की ऑनलाइन एंट्री कराना अनिवार्य होगा। इसको लेकर पिछले दिनों जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी के साथ बैठक कर समय पर सेवा पुस्तिका जमा कर देने का निर्देश दिया है। जारी निर्देश में डीईओ ने कहा है कि सेवा पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ पर पासपोर्ट साइज फोटो लगाना अनिवार्य होगा। ताकि ऑनलाइन इंट्री के समय फोटो को ही अपलोड किया जा सके।
धीमी ऑनलाइन इंट्री के कारण डीईओ, डीपीओ का किया गया वेतन बंद
एचआरएमएस प्रणाली के तहत नियमित कर्मियों व शिक्षकों के डाटा कैप्चरफॉर्मेट में ऑनलाइन इंट्री धीमी रहने पर एचआरएमएस कोषांग के अपर सचिव सह वरीय प्रभारी अधिकारी गिरवर दयाल सिंह ने सुपौल समेत अन्य जिलों के सभी डीईओ व स्थापना डीपीओ का वेतन बंद करने का आदेश दिया है। निर्गत पत्र में पूर्व से उपलब्ध सूचनाओं का डाटा कैप्चरफॉर्मेट में प्रविष्टि करने के लिए सीएफएमएस के तर्ज पर कार्यालय के चेकर-मेकर तथा एप्रिवर के माध्यम से डाटा इंट्री की जानी थी। लेकिन इंट्री की गति धीमी रहने पर डीईओ व स्थापना डीपीओ का अगले आदेश तक वेतन बंद करने का आदेश दिया गया है। दोनों अधिकारियों के वेतन बंद होने के बाद विभाग ने डाटा एंट्री के कार्यों में तेजी लाने को ले सक्रियता बढ़ा दी है। दरअसल शिक्षकों की सेवा पुस्तिका का डिजिटलाइजेशन हो जाने के बाद तीन कर्मियों को सेवानिवृत्ति के दौरान होने वाले कठिनाइयों से छुटकारा मिल जाएगी। जब कभी भी ऐसे कर्मियों के विषय में जानकारी लेनी होगी तो महज एक क्लिक के बाद ही उनका सारा ब्योरा सामने दिखेगा।