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Global Teacher Prize: श‍िक्षक कैसे करें आवेदन, TOB के let's talk में सत्‍यम ने बताई पूरी प्रक्रिया, बोले शिक्षा मंत्री- बेहतरीन हैं हमारे शिक्षक

Global Teacher Prize इस अंतरराष्‍ट्रीय पुरस्‍कार है। इसके लिए कोई भी शिक्षक आवेदन कर सकते हैं। TOB के lets talk में आवेदन प्रक्रिया की पूरी जानकारी Top-50 में चयनित सत्‍यम मिश्रा ने दी। सत्‍यम भागलपुर के निवासी हैं। ब‍िहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा-बेहतर हैं हमारे शिक्षक।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 01:01 AM (IST)Updated: Thu, 30 Sep 2021 02:44 PM (IST)
Global Teacher Prize: श‍िक्षक कैसे करें आवेदन, TOB के let's talk में सत्‍यम ने बताई पूरी प्रक्रिया, बोले शिक्षा मंत्री- बेहतरीन हैं हमारे शिक्षक
टीचर्स आफ ब‍िहार के कार्यक्रम में आए थे सत्‍यम मिश्रा।

आनलाइन डेस्‍क, भागलपुर। Global Teacher Prize: बिहार के भागलपुर निवासी सत्‍यम मिश्रा का चयन ग्लोबल टीचर्स प्राइज 2021 के टाप-50 में हुआ है। शिक्षकों को मिलने वाला यह अंतरराष्‍ट्रीय  पुरस्‍कार है। प्रथम स्‍थान पर आने के लिए सत्‍यम अभी भी दो कदम दूर हैं। सितंबर के प्रथम सप्‍ताह में टाप 50 का चयन हुआ था। अक्‍टूबर में टाप 10 में शामिल श‍िक्षकों की सूची जारी की जाएगी। नवंबर में विजेता शिक्षक के नाम घोषित कर दिए जाएंगे। सत्‍यम मिश्रा पिछले द‍िनों टीचर्स ऑफ बिहार के एक कार्यक्रम में आए थे। लेट्स टॉक में उन्‍होंने ग्लोबल टीचर्स प्राइज के लिए आप कैसे आवेदन करें। इस बारे में महत्‍वपूर्ण जानकारी दी। 

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उन्‍होंने कहा कि आवेदन प्रक्रिया न‍िशुल्‍क है। प्रत्‍येक वर्ष फरवरी के आसपास आवेदन की प्रक्रिया शुरू होती है। आवेदन आनलाइन भरने होते हैं। अपने इमेल आइडी से पहले निबंधन कराना होता है। इसके बाद 10 प्रश्‍न पूछे जाते हैं। यह प्रश्‍न आपके व्‍यक्तित्‍व, कार्य, उद्देश्‍य, शिक्षा, श‍िक्षण कार्य और आपके छात्रों से जुड़े रहते हैं। आपसे यह भी पूछा जाता है कि आप अपने छात्र को किस रूप में देखते हैं और उनसे आपको क्‍या उम्‍मीद है।

इसके बाद आप जिस श‍िक्षण संस्‍थान से जुड़े हैं वहां से तीन रिकमेंडेशन लेटर (Recommendation letter) अपलोड करनी होती है। आवेदन के दौरान दो वीडियो भी अपलोड करें। वीडियो आपके शिक्षण कार्य के हो सकते हैं या फ‍िर आपके कुछ प्रयोग के। आवेदन भरने और इंटरव्‍यू के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करें।

सत्‍यम मिश्रा ने बताया कि इसके बाद पूरी पारदर्शिता के साथ चयन प्रक्रिया शुरू की जाती है। इग्‍लैंड में इसका मुख्‍य कार्यालय है। वर्की फाउंडेशन एवं यूनेस्को की यह योजना है। भारत सहित व‍िश्‍व भर से शिक्षक इसमें आवेदन करते हैं। वर्ष 2021 में आवेदन करने वाले श‍िक्षकों को shot list किया जा रहा है। आवेदन की जांच के बाद 50 शिक्षकों की सूची जारी दी गई है। इन 50 शिक्षकों में भारत के दो शिक्षक शामिल हैं। अब इन 50 शिक्षकों से इंटरव्‍यू ली जा रही है। आनलाइन इंटरव्‍यू लेने के बाद 10 श‍िक्षकों का चयन किया जाएगा। सत्‍यम मिश्रा और टीचर्स आफ ब‍िहार के श‍िक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शुभकामनाएं दी है। 

सत्‍यम क्‍या करेंगे इतनी राशि का?

सत्‍यम ने बताया कि प्रथम स्‍थान पर आने वाले शिक्षक को एक मिलीयन डालर दिया जाता है। भारतीय मुद्रा के अनुसार साढ़े सात करोड़ रुपये। सत्‍यम ने बताया कि अगर वे प्रथम स्‍थान आए और प्राइज के रूप में उन्‍हें इतनी राशि मिली तो इसमें से छह करोड़ रुपये इस प्राइज के लिए शामिल टाप 50 शिक्षकों (जिसमें वे अभी शामिल हैं) के बीच बराबर बांट दी जाएगी। शेष डेढ़ करोड़ रुपये का 80 प्रतिशत भारत में श‍िक्षण कार्य में लगाया जाएगा। 

कितने बार कर सकते हैं आवेदन 

ग्लोबल टीचर्स प्राइज के लिए शिक्षक अपनी मर्जी के अनुसार कई बार आवेदन कर सकते हैं। अगर एक बार शिक्षक का चयन नहीं हुआ तो बार-बार आवेदन किया जा सकता है। एक बार अगर आप टाप 10 में शामिल हो गए या प्रथम स्‍थान पर पहुंच गए तो आप उसके बाद आवेदन नहीं कर सकते। उन्‍होंने कहा कि इस प्राइज के लिए आवेदन कोई भी शिक्षक कर सकते हैं। जरुरी नहीं है कि वे शिक्षक सरकारी स्‍कूल के हैं या प्राइवेट के। किसी संस्‍थान से जुड़े शिक्षक भी इस प्राइज के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह अंतरराष्‍ट्रीय पुरस्‍कार है। इसके लिए आवेदन करना भी गौरव से कम नहीं है। अगर आप टाप 50 में भी पहुंच गए तो आपके लिए यह स्‍थान किसी पुरस्‍कार और सम्‍मान से कम नहीं है।  

पिछले द‍िनों बिहार की सबसे बड़ी प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी 'टीचर्स ऑफ बिहार' के आनलाइन कार्यक्रम में 'ग्लोबल टीचर्स' विषय पर विस्तृत जानकारी साझा करने एवं शिक्षकों के प्रश्नों से रूबरू होने के सत्यम मिश्रा शामिल हुए थे। संचालन डा. चंदन श्रीवास्तव (सहायक आचार्य, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय, गया) ने किया था। सत्यम मिश्रा ने कहा कि शिक्षक का कार्य मात्र कक्षा में शिक्षण कार्य करने पर ही समाप्त नहीं होता, बल्कि विद्यार्थियों को उचित निर्देशन प्रदान करना, विद्यार्थियों की भावनाओं को समझना, विद्यालय में सामाजिक वातावरण का निर्माण करना, विभिन्न पाठ्य सहगामी क्रियाओं का संचालन करना आदि भी शिक्षक के महत्वपूर्ण कार्य हैं। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए एक आदर्श शिक्षक के कई कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व होते हैं, जिसमें मुख्य रूप से कुशल प्रबंधक, कुशल नेतृत्वकर्ता, नियंत्रक, मनोवैज्ञानिक, अनुदेशक, अनुसंधानकर्ता, मार्गदर्शक, परामर्शदाता एवं समन्वयक के रूप में कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों का निर्वहन शामिल है। इतना ही नहीं जब तक शिक्षक खुद स्वाध्याय नहीं करेंगे तब तक वर्ग में बच्चों को अच्छी एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षक प्रतिष्ठित होते हैं। इस पद पर आने वाले शिक्षक यदि पूरे मनोयोग से नई तकनीक का प्रयोग करके बच्चों को नवाचारी विधि से शिक्षा देंगे तो बच्चों के लिए शिक्षा ग्रहण करना आसान होगा तभी बच्चे रूचिपूर्वक शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। उन्‍होंने यह भी कहा कि भले ही आज हमलोग तकनीक का सहारा लेकर छात्रों को पढ़ाते हैं। लेकिन सच यह भी है कि शिक्षक का कुछ भी विकल्‍प नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा कि बिहार के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों में भी असीमित संभावनाएं हैं, बस जरूरत है इसे तराशने की। टीचर्स ऑफ बिहार के फाउंडर पटना के शिक्षक शिव कुमार एवं उनकी पूरी टीम के प्रयास की सराहना करते हुए सत्‍यम ने कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था में भी अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिल रहा है। सरकारी स्कूल के शिक्षकों में भी प्रतिस्पर्धा की भावना जगी है। वह भी अपने स्कूलों में नवाचारी प्रयोग के माध्यम से बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहें है। जिसका दूरगामी परिणाम भविष्य में देखने को अवश्य मिलेगा। इस आयोजन में प्रमुख रूप से टीओबी के रंजेश कुमार, केशव कुमार, मृत्‍युंजय ठाकुर, नसीम अख्‍तर, रंजेश कुमार, मुदीत कुमार, खुशबू कुमारी आदि की प्रमुख भूम‍िका रही। 

शिक्षा मंत्री ने सत्‍यम को बुलाया, दी शुभकामनाएं

ब‍िहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सत्‍यम मिश्रा को मिलने बुलाया। वे पिछले दिनों भागलपुर आए थे। मंत्री ने जिला अतिथि कक्ष में सत्‍यम से काफी देर तक बात की। उन्‍होंने शिक्षा क्षेत्र में उनके उल्‍लेखनीय योगदान को सराहा। ग्लोबल टीचर्स प्राइज के लिए 50 शिक्षकों में उनका चयन होने पर उन्‍हें बधाई दी। सत्‍यम ने शिक्षा मंत्री को टीचर्स आफ ब‍िहार के बारे में भी जानकारी दी। उन्‍होंने कहा टीचर्स आफ ब‍िहार शिक्षा और शिक्षक के समर्पित है। इस दौरान उन्‍होंने टीचर्स आफ ब‍िहार के फाउंडर श‍िव कुमार के प्रयासों की सराहना की। सत्‍यम ने अपने द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में योगदान की जानकारी मंत्री को दी। साथ ही कई सुझाव भी द‍िए। मंत्री ने कहा कि ब‍िहार में शिक्षा को गुणवत्‍तापूर्ण तरीके से संचा‍लित करवाना उनका प्रमुख उद्देश्‍य है। यहां के शिक्षक काफी योग्‍य हैंं। 

कौन हैं सत्‍यम मिश्रा, जानिए

सत्‍यम मिश्रा भागलपुर के रहने वाले हैं। माउंट असिसी स्‍कूल भागलपुर से 12वीं की पढ़ाई की है। इसके बाद भारत के व‍िभिन्‍न संस्‍थानों से बीटेक व इंजीन‍ियरिंग की। टीच फर इंडिया से जुडे। गणित के सूत्र तलाशे। इंटर्नसिप भी की। मलाल स्‍कूल में भी पढ़ाया। अभी माउंट असिसी स्‍कूल पोड़ैयाहाट (झारखंड) में शिक्षक हैं। सत्‍यम मिश्रा के दादा स्‍व. निशिकांत मिश्र है। उनके पिता रविकांत मिश्र हैं। राजीव कांत मिश्र उनके चाचा हैं।

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आइए बताते हैं टीचर्स आफ ब‍िहार के बारे में

टीचर्स आफ ब‍िहार (TOB) शिक्षकों का Professional Learning Community है। इस मंच में ब‍िहार के सरकारी विद्यालयों के शिक्षक शामिल हैं। इंटरनेट मीडिया के लगभग सभी प्‍लेटफार्म पर यह मंच सक्रिय है। टीओबी के फाउंडर शिव कुमार ने कहा कि शिक्षकों का शिक्षकों के लिए शिक्षकों के द्वारा बनाया गया यह एक अभिनव मंच है। जो ब‍िहार में हो रहे शैक्ष‍िक प्रयासों, नवाचारों और शिक्षकों की प्रतिभाओं को पहचान प्रदान करता है। State Team Leader of Teachers of Bihar Khushboo Kumari (Resident of Bhagalpur) said that Teachers of Bihar is India's biggest Online Professional Learning Community for Government Teachers of Bihar & across India. खुशबू कुमारी ने सत्‍यम मिश्रा को टीओबी के let's talk कार्यक्रम में बतौर मुख्‍य अतिथि आने के लिए धन्‍यवाद द‍िया।


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