'Sorry...माफ कर दो सोना-बाबू' : पति-पत्नी ध्यान दें, ऐसे जुड़ी भागलपुर के 53 रिश्तों की कटी डोर
Sorry...माफ कर दो सोना-बाबू बस प्यार भरे शब्दों से भागलपुर में सात जन्मों के रिश्तों में आई दरार सुलझ गई। एसएसपी-महिला थानाध्यक्ष और मनोविज्ञानी ने जो कुछ कहा और बताया वो सभी दंपत्तियों को पढ़ना-समझना और अन्य को भी समझाना होगा। पैच अप कैसे होता है पढ़ें...
कौशल किशोर मिश्र, भागलपुर : बदलते दौर की तेज भागती जिंदगी में पति-पत्नी के अहंकार भरी जुबान की कैंची से कट चुके रिश्ते की डोर जोड़ने में एक छोटा सा शब्द माफी (Sorry) कारगर साबित हो रहा है। चाहे गलती पति की हो या पत्नी की। शब्दों के इस सुखद अहसास से जिंदगी पहले से भी ज्यादा हसीन होने लगी है। इसकी बानगी भागलपुर की महिला थाने में अब मिलने लगी है, जहां बीते एक साल में 53 मामले एक साल में झटके में माफी शब्द से सुलझ गए। आपसी समझदारी में प्यार से समझौता हुआ, जिसमें पति या पत्नी ने इतना कहने भर से विवाद समाप्त हो गया कि माफ कर दो जी.. पत्नी की मीठी बोल से अंदर ही अंदर हिल चुके पति की गहरी नाराजगी पल भर में काफूर हो गए।
महिला थानाध्यक्ष नीता कुमारी अपने अन्य सहयोगियों के साथ अब पति-पत्नी के नाजुक रिश्ते में अचानक आई कड़वाहट और उनके सुखी गहस्थी में लगी आग पर सूझबूझ से दोनों को तनहा सामने कर प्रेम के पानी की बौछार से रिश्ते संवारने का काम कर रही है। महिला थाने में पति-पत्नी के बीच रिश्ते की कड़वाहट माफी शब्द से जुड़ जा रही है।
मामूली बात में टूट जाता है सात जन्मों का बंधन
केस रिकार्ड के मुताबिक पत्नी के मायके वालों का हस्तक्षेप नहीं पसंद आया तो पत्नी से दूरी बना ली तो कोई पति के रूखे स्वभाव से अलग हो गई। पुलिस तक अधिकांश मामले अब पति-पत्नी का एक-दूसरे पर संदेह करने वाले आ रहे हैं। मामूली बातों पर खफा पति-पत्नी रिश्ते की डोर झटके में तोड़ ले रहा है। कहीं पति-पत्नी के मधुर रिश्ते को मोबाइल का रोग उजाड़ दे रहा है।
एसएसपी बाबू राम कहते हैं कि उनके पास अक्सर पति-पत्नी के कड़वाहट भरे रिश्ते की शिकायत पहुंचती है। उन मामलों में केस दर्ज करना उनकी प्राथमिकता सूची में कभी भी नहीं रहा। ऐसे मामले को वह काउंसिलिंग के लिए महिला थाने भेज देते हैं, जहां टूटे रिश्ते जोड़ने में कामयाबी मिल रही है। रिश्ते जुड़ जाने की खुशी में उन पति-पत्नी के बधाई संवाद भी उन तक आते हैं। रिश्तों की नाजुक डोर में भावनाओं के आहत होने से गांठ पड़ जा रही है। उसे खोला न गया तो वह टूट जाती है। महिला थाने में ऐसी गांठ खोलने से कामयाबी मिल रही है।
मनोविज्ञानी डा. राजेश कुमार तिवारी सुख-दुख में साथ निभाने का अहसास पति-पत्नी दोनों में होनी चाहिए, इसके लिए एक-दूसरे की भावना उन्हें समझनी होगी ताकि रिश्ते में कड़वाहट को जगह कभी न मिल सके
..और Sorry शब्द से रिश्तों में आई खटास बदल गई मिठास में
गुजरात के सूरत निवासी हीरा का कारोबार करने वाली कंपनी में मैनेजर जितेंद्र गोहल की शादी को दो वर्ष होने को हैं। उनका विवाह सुल्तानगंज की निष्ठा से हुआ था। शादी के चंद माह में ही रिश्ते में खटास आ गई। मामला महिला थाने तक जा पहुंचा। वहां केस करने के बजाय उनके बीच मामूली बातों को लेकर जो दुराव हुआ था, उसे संभालने की जुगत महिला थानाध्यक्ष और उनकी टीम ने लगाई। दोनों को एक-दूसरे के सामने किया तो उनका एक-दूसरे के प्रति गहरा चुका गुस्सा एक-दूसरे के सारी कह देने मात्र से काफूर हो गया।
दोनों एक-दूसरे से ऐसे मिले कि उनकी आंखें भर आईं। थाने से जितेंद्र और निष्ठा खुशी-खुशी विदा किए गए। अभी दोनों को पांच माह का एक लड़का भी है। दोनों आज भी एक-दूसरे को मिला देने के लिए पुलिस पदाधिकारियों को भूले नहीं हैं, बल्कि शुभकामना देने का कोई अवसर भी नहीं छोड़ते। यह केवल जितेंद्र और निष्ठा के टूटे रिश्ते जुड़ने की मिसाल नहीं है। एक साल में रोजी को पति योगेश से नाराजगी दूर हुई और एक साथ रहने लगे हैं। संगीता की मुकेश से दूरी एक बार फिर नजदीकियों में बदल गई।
हलीमा का इजराइल, जूली का धनंजय कुमार से सजनी का मिंटू से, संगीता का श्रीकांत से, नेहा का राकेश कुमार से, रजनी का बंटी से टूटा रिश्ता फिर जुड़ गया। कुछ ऐसे केस भी आए जिसमें परिवार से अलग रहने की जिद ही टूट की वजह बनी। नए दौर की बहू को सास-ससुर का अनुशासन टोका-टोकी लगी। इसके बाद वह पति से जिद ठान बैठी कि इनके साथ नहीं रहेगी। बंटवारा करके उसका चूल्हा अलग किया जाए। ऐसी बहुओं को समझाने में महिला पुलिसकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी पर रिश्ते की टूटी डोर को जोड़ने में कामयाबी मिली।
महिला थानाध्यक्ष नीता कुमारी ने कहा कि मामूली बातों पर पति-पत्नी एक- दूसरे से रूठ जा रहे हैं। झगड़ा चरम पर पहुंच जा रहा है। वरीय पुलिस अधीक्षक के दिशा-निर्देशन में उन्हें आमने-सामने करने पर आश्चर्यजनक तब्दीली आ रही है। अधिकांश केस में एक-दूसरे को सारी, माफ कर दो.. बोलने मात्र से रिश्ते जुड़ जा रहे हैं।