लाजपत पार्क में जलमीनार निर्माण पर High Court ने हटाई रोक, जानिए... क्या है मामला Bhagalpur News
लाजपत पार्क में जलमीनार निर्माण के लिए नगर निगम प्रशासन ने बुडको को जमीन उपलब्ध कराया था। निर्माण कार्य के लिए पार्क के दर्जनों पौधे को काट दिया गया था।
भागलपुर [जेएनएन]। लाजपत पार्क में जलमीनार निर्माण के विरुद्ध याचिका पर एक जुलाई को हाई कोर्ट ने अपना फैसला नगर निगम के पक्ष में सुना दिया है।
हाई कोर्ट की डबल बेंच ने पार्क में जलमीनार निर्माण पर रोक हटा दी। इससे नगर निगम प्रशासन ने राहत की सांस ली है। उपनगर आयुक्त सत्येंद्र वर्मा ने बताया कि जज अमरेश्वर प्रसाद सिंह और अंजना मिश्रा के बेंच ने फैसला सुनाते हुए निर्माण कार्य पर रोक हटा दिया है। न्यायालय ने जनहित में पानी की आवश्कता को लेकर जलमीनार निर्माण को उपयोगी बताया है। इस कार्य के लिए निगम की जहां एक ओर प्रशंसा की गई है। वहीं न्यायालय ने नगर निगम प्रशासन को हिदायत देते हुए कहा, पार्क में इस तरह के निर्माण की छूट नहीं दी जा सकती है। पार्क का विकास करें। इस प्रकार के कार्य हों जिसमें ऐतिहासिक मूल्यों का विशेष ध्यान रखा जा सके। साथ ही पर्यावरण पर कोई असर या नुकसान नहीं पहुंचे। नगर निगम प्रशासन को तीन जुलाई को हाई कोर्ट के आदेश की प्रति मिल गई है।
बतातें चलें कि लाजपत पार्क में जलमीनार निर्माण के लिए नगर निगम प्रशासन ने बुडको को जमीन उपलब्ध कराया था। निर्माण कार्य के लिए पार्क के दर्जनों पौधे को काट दिया गया था। लोगों के टहलने वाले पाथवे को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इससे स्थानीय लोगों ने नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन और धरना दिया गया। इसके बाद हाई कोर्ट में प्रशासन के विरोध में जनहित याचिका दर्ज की गई थी। न्यायालय में मामला जाने के बाद बुडको और नगर निगम ने पौधरोपण और पाथवे का निर्माण कर भरपाई की थी। न्यायालय ने डीएम प्रणव कुमार को मामले के जांच का आदेश दिया था। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया।