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यहां बाढ़ के भय से ही बाधित हो जाती है पढ़ाई

बरसात और बाढ़ के पानी में जहां विद्यालयों की स्थिति खराब हो जाती है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Jul 2018 11:46 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 12:00 AM (IST)
यहां बाढ़ के भय से ही बाधित हो जाती है पढ़ाई
यहां बाढ़ के भय से ही बाधित हो जाती है पढ़ाई

सुपौल (विमल भारती): सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के तटबंध के अंदर बसे गांव में संचालित विद्यालयों में नामांकित छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बरसात आते ही रूक जाया करती है। बरसात और बाढ़ के पानी में जहां विद्यालयों की स्थिति खराब हो जाती है वहीं 3 माह तक शिक्षक भी विद्यालय जाने से कतराते हैं। प्रखंड क्षेत्र में लौकहा, बहुअरवा, कवियाही, तकिया, करहरी, कटैया, ढोली, सियानी, बलथरबा, शीहपुर सहित एक दर्जन गांव में सरकार के प्राथमिक तथा मध्य विद्यालय स्थापित है। इन विद्यालयों में पर्याप्त संख्या में शिक्षक भी तैनात हैं। लेकिन यह शिक्षक बरसात के मौसम में अपनी ड्यूटी भूल जाया करते हैं। कोसी के गांव में अब तक बरसात की छुट्टी नहीं हुआ करती है। इन जगहों के विद्यालयों में भी गर्मी की छुट्टी होती है। जिसमें 1 माह तक शिक्षक-छात्र विद्यालय नहीं आते हैं फिर बरसात के 3 माह यानी कुल मिलाकर वर्ष में 4 माह शिक्षक और छात्रों का संपर्क नहीं होता है। सरकारी विद्यालयों में दशहरा, दीपावली, छठ जैसे पर्व को लेकर भी छुट्टियां हुआ करती है। कोसी क्षेत्र के कई अभिभावकों का कहना है कि वहां के विद्यालय 8 माह भी नियमित रूप से नहीं चलते हैं। जिस कारण बच्चों के शैक्षणिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अभिभावकों की माने तो छात्र-छात्राओं को पूरे कोर्स की पढ़ाई नहीं होने के कारण वह मध्य विद्यालय की शिक्षा से आगे बढ़ते ही अपने को कमजोर महसूस करने लगते हैं और यही कारण है कि कोसी में शिक्षा धीरे-धीरे काफी कमजोर होता जा रहा है।

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नहीं आते अधिकारी

कोसी के गांव के अभिभावक बताते हैं कि उस क्षेत्र में स्थापित विद्यालयों की निगरानी करने में सरकारी अधिकारी भी कतराते हैं। अगर संयोग से वर्ष में कभी कोई अधिकारी आ भी गए तो उससे विद्यालयों की व्यवस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। अभिभावक बताते हैं कि पूरे कोसी के इलाके में कभी भी सभी शिक्षक नहीं जाते। अगर कोई शिक्षक 15 दिन विद्यालय आते हैं तब फिर दूसरे शिक्षक अगले कार्य दिवस में विद्यालय पहुंचते हैं। अभिभावक बताते हैं कि कोसी के बच्चे किसी भी वर्ष सभी विषयों की पढ़ाई पढ़ सके हों ऐसा कोई उदाहरण नहीं हो सका है। -कोट

कोसी के इलाके में पहले बरसात की छुट्टी नहीं हुआ करती थी। इस बीच में जिला शिक्षा पदाधिकारी के समक्ष बरसात के समय कोसी के विद्यालयों का हाल रखा गया। उनके द्वारा बरसात के मौसम में कोसी क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों में छुट्टी देने पर विचार करने का आश्वासन दिया गया है। यदि ऐसा हुआ तो उसी के गांव में पूरे बरसात छुट्टी होगी और फिर वहां गर्मी की छुट्टी नहीं दी जाएगी। कोसी क्षेत्र में भौगोलिक स्थिति खराब रहने के कारण छात्र छात्राओं को नियमित रूप से शिक्षा देने में परेशानी होती है।

मनोहर कुमार

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी


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