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मेगा कलस्टर बुनकरों के सपनों को देगा पंख

कामगारों के अच्छे दिनों की शुरुआत हो चुकी है। दो वक्त की रोटी के लिए तरस रहे हैंडलूम बुनकरों को न सिर्फ आíथक सहायता दी जाएगी बल्कि उनके काम को विश्वपटल पर नई पहचान भी हासिल होगी। मेगा कलस्टर के जरिये कामगारों के सपनों को पंख लगेंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 02:08 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 02:08 AM (IST)
मेगा कलस्टर बुनकरों के सपनों को देगा पंख
मेगा कलस्टर बुनकरों के सपनों को देगा पंख

भागलपुर। कामगारों के अच्छे दिनों की शुरुआत हो चुकी है। दो वक्त की रोटी के लिए तरस रहे हैंडलूम बुनकरों को न सिर्फ आíथक सहायता दी जाएगी, बल्कि उनके काम को विश्वपटल पर नई पहचान भी हासिल होगी। मेगा कलस्टर के जरिये कामगारों के सपनों को पंख लगेंगे। कलस्टर में बांका व भागलपुर से जुड़ीं 10 बुनकर समितियों के पांच हजार हस्तकरघा बुनकरों के सपने को पंख लगेंगे। :- 28 लाख से बनेगा डिजाइन स्टूडियो : मेगा कलस्टर परिसर में 28 लाख की लागत से एक हजार वर्ग फीट में एक मंजिला डिजाइन स्टूडियो भवन का निर्माण होगा। इसमें संसाधनों के लिए करीब 20 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। सरकार ने भवन निर्माण के लिए सरकारी एजेंसी आयडा (आधारभूत संरचना प्राधिकार, पटना) को राशि उपलब्ध करा दी है। 15 जुलाई के बाद निविदा प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। भवन निर्माण होने से बाजार के डिमांड के अनुरूप कपड़ों पर नए डिजाइन तैयार सकेंगे। यहां डिजाइन का शो-रूम भी होगा। इसमें व्यवसायी आकर बुनकर समितियों के डिजाइन को देख सकेंगे। :- ये हैं मेगा कलस्टर की 10 समितियां : भागलपुर जिले में सात समितियां है। इनमें पंखाटोली, कमालचक, मिरनचक, पीरपैंती, खरीक, नाथनगर व दरियापुर में हस्ककरघा बुनकर सहयोग समितियां है। बांका जिले में बौंसी, अमरपुर व धौरेया में बुनकर समितियां कार्यरत हैं। :- 10 में से नौ सामान्य सुविधा केंद्रों का प्रस्ताव : बांका व भागलपुर जिले की 10 बुनकर समितियों को सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) उपलब्ध कराया जाएगा। एक सीएफसी भवन व उपकरणों पर करीब एक करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सरकार ने पंखाटोली स्थित मेगा कलस्टर परिसर व बांका के कटोरिया में सीएफसी की स्वीकृति दी है। पीरपैंती में सीएफसी की राशि समिति के अध्यक्ष ने वापस कर दी है। अब नौ सीएफसी भवनों का निर्माण होगा। :- सीएफसी सेंटर में मिलेंगी ये सुविधाएं :

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हैंडलूम बुनकर एक ही छत के नीचे कार्य कर सकेंगे। इसमें कपड़ा तैयार करने से संबंधित सभी संसाधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे। यहां कपड़ों पर डॉबी व जकार्ड पर नए डिजाइन तैयार करने की सुविधा मिलेगी। धागों व कपड़ों की रंगाई के लिए आधुनिक डाइंग मशीन उपलब्ध कराई जाएगी। :- दो स्थानों पर बनेगा डाइंग हाउस : कपड़ा रंगाई को लेकर बुनकर कोलकाता पर निर्भर है। इस समस्या को दूर करने के लिए कटोरिया और मेगा कलस्टर पंखाटोली में डाइंग हाउस बनाया जाएगा। एक डाइंग हाउस भवन के निर्माण पर सरकार 89 लाख रुपये खर्च करेगी। आयडा को भवन निर्माण का कार्य करना है। इसके लिए निविदा प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसमें गीजर मशीन दक्षिण भारत की कंपनी लगाएगी।

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मेगा कलस्टर में सामान्य सुविधा केंद्र बनने के बाद बुनकरों को कपड़ा फिनिश्िाग, डाइंग व प्रिंटिंग के साथ बाजार मिलेगा। इससे काफी हद तक समस्या दूर होगी।

- रामशरण राम

महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र

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बुनकरों को प्रशिक्षण देकर तकनीकी रूप से दक्ष बनाया जा रहा है। बाजार के अनुरूप डिजाइन भी उपलब्ध होगा। इससे अपने उत्पादों को विश्व का बाजार आसानी मिल जाएगा।

- मु. अशरफुल होदा

कलस्टर विकास कार्यपालक


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