जमुई के ऑक्सीजन मैन बनकर विपिन दे रहे टूटती सांस को आस, इस तरह लोगों की कर रहे मदद
जमुई के ऑक्सीजन मैन विपिन लोगों की खूब मदद कर रहे हैं। भारत ऑक्सीजन के मालिक विपिन सिंह पिछले 28 साल से जमुई के सरकारी अस्पताल से लेकर हर प्राइवेट अस्पताल और छोटे-बड़े क्लीनिक में ऑक्सीजन सप्लाई का काम कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जमुई। 1993 में पढ़ लिख कर एक रोजगार के रूप में ऑक्सीजन सिलेंडर का धंधा शुरू किया जो बाद में लोगों की जान बचाने का जुनून बन गया। यह कहते हैं जमुई के पूर्ण खैरा निवासी विपिन ङ्क्षसह । भारत ऑक्सीजन के मालिक विपिन सिंह पिछले 28 साल से जमुई के सरकारी अस्पताल से लेकर हर प्राइवेट अस्पताल और छोटे-बड़े क्लीनिक में ऑक्सीजन सप्लाई का काम कर रहे हैं।
पिछले वर्ष मार्च में जब कोरोना की पहली लहर में पूरा देश मुश्किलों से घिर गया था तब इनका सच्चा समाजसेवी चेहरा लोगों के सामने आया। वह सिलसिला लगातार चल रहा है और अब जब कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत से लोग मर रहे हैं। देश में हाहाकार मचा है। तब विपिन ङ्क्षसह ने आम आदमी को खासकर जमुई वासियों को यह आश्वासन दिया है कि वह बिहार झारखंड बंगाल जहां से भी संभव होगा, ऑक्सीजन लाकर जमुई के लोगों को उपलब्ध कराएंगे। वे कहते हैं कि कि रोजगार के रूप में यह उनके लिए भले यह ही एक पेशा हो परंतु अब जब ऑक्सीजन के लिए किसी की सांस लडख़ड़ाती है और उसे उनके द्वारा किए ऑक्सीजन सप्लाई से जीवनदान मिलता है तो मन गदगद हो जाता है इसकी कोई कीमत नहीं है। दिल्ली पटना से लोग जमुई में रह रहे अपने परिवार के लिए इनसे आग्रह कर ऑक्सीजन मुहैया करा रहे हैं।
केस स्टडी-1
भरोसा इतना कि पिछले वर्ष कोरोना कि पहली लहर में जमुई के एसडीओ लखींद्र पासवान कोरोना संक्रमित होकर ऑक्सीजन के लिए बेचैन थे। प्रशासनिक महकमे के बड़े पदाधिकारी होने के बावजूद उन्हें जब चारों ओर मुश्किल दिखाई पडऩे लगी तो उन्होंने दैनिक जागरण के माध्यम से ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले विपिन ङ्क्षसह से संपर्क साधा । विपिन ङ्क्षसह ने तुरंत नया ऑक्सीजन सिलेंडर तत्कालीन जमुई एसडीओ को पहुंचा कर उनका डॉक्टर ले जाकर इलाज भी कराया और सूई भी दिलवाई। रात में हालत बिगडऩे पर इसी ऑक्सीजन ने उनकी जान बचाई और वह पटना में बड़े अस्पताल में पहुंचकर इलाज के बाद सकुशल हो गए।
केस स्टडी-2
जमुई के एक वरिष्ठ अधिवक्ता रतनपुर निवासी पूर्व मुखिया यदु मोदी उम्र के इस पड़ाव पर अचानक एक रात कोरोना संकट के दौरान सांस की तकलीफ से पीडि़त हो गए। अपने एक नजदीकी व्यक्ति के माध्यम से विपिन ङ्क्षसह से संपर्क साधा। रात के वक्त और कोरोना संक्रमण के गंभीर खतरे के बावजूद विपिन ङ्क्षसह ने अपनी जीप से ऑक्सीजन सिलेंडर मास्क उनके घर पर पहुंचाकर उन्हें ऑक्सीजन उपयोग करने के तरीके सिखा दिये और उनको एक नया जीवन दिया।
विपिन ङ्क्षसह कहते हैं कि कठिनाइयां है ऑक्सीजन और सिलेंडर की उपलब्धता पर भी दाम बढऩे के साथ-साथ भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है लेकिन किसी भी वक्त 24 घंटे किसी भी व्यक्ति तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं। एक फोन पर वह किसी की जान बचाने के लिए तत्पर है और तभी आज जमुई का हर व्यक्ति विपिन ङ्क्षसह को ऑक्सीजन मैन के रूप में जानता पहचानता है।