ठंड में हृदय और ब्लडप्रेशर के मरीज अपनी सेहत का रखें खास ख्याल, बता रहे चिकित्सक
ठंड में मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। इस दौरान हृदय और ब्लडप्रेशर के मरीजों को विशेष सतर्कता की जरुरत है। मरीजों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखनी चाहिए। चिकित्सक से लगातार संपर्क रहने की जरुरत है।
सहरसा, जेएनएन। ठंड के मौसम चल रहा है। इस मौसम में बीमारियां कम सताती हैं। इसलिए चिकित्सक इसे हेल्दी सीजन कहते हैं, लेकिन हृदय और ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए ठंड में अधिक सावधानी रखना जरूरी है। सिविल सर्जन डॉ. अवधेश कुमार ने बताया कि फिलहाल अभी मौसम में बदलाव से वायरल बुखार व सर्दी-जुकाम की समस्या हो रही है लेकिन सर्दी बढऩे पर ब्लड प्रेशर या दिल की बीमारी से पीडि़तों की मुश्किल बढ़ जाएगी।
सर्दी में शारीरिक गतिविधियां भी कम हो जाती
सिविल सर्जन डॉ. अवधेश कुमार ने बताया कि ठंड के दिनों में पसीना नहीं निकलता तथा इस कारण शरीर में नमक का स्तर बढ़ जाता है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। सर्दी में शारीरिक गतिविधियां भी कम हो जाती हैं। लोग व्यायाम करने से भी कतराते हैं, जिससे रक्तचाप बढऩे की संभावना रहती है। खून की धमनियों में सिकुडऩ की वजह से खून में थक्का जमने की आशंका रहती है जो हृदय के रोगियों के लिए परेशानी का कारण बनती है।
रोजाना करें व्यायाम
सिविल सर्जन डॉ. अवधेश कुमार ने बताया कि ठंड में खून का दौरा (ब्लड सर्कुलेशन) कम हो जाता और इसलिए रक्त धमनियां सिकुड़ जाती हैं। इस कारण दिल के मरीजों में हार्टअटैक की संभावना बढ़ जाती है। हृदय रोगियों के लिए आवश्यक है कि इस मौसम में कुछ बातों का खास ख्याल रखें। थोड़ा बहुत शारीरिक व्यायाम अवश्य करें। इसके लिए 'रूल ऑफ फॉर' के अनुसार व्यायाम करना चाहिए। इस रूल के मुताबिक हृदय रोगियों को सप्ताह में चार दिन में कुल चालीस मिनट में चार किमी तेज चाल से चलने से लाभ होता है। ध्यान रखना चाहिए कि वातावरण अधिक ठंडा न हो।
कोरोना वायरस के दौर में इन बातों का रखे खयाल
सिविल सर्जन डॉ. कुमार ने कहा कि वर्तमान में कोरोना वायरस से बचने के लिए कोई दवाई मौजूद नहीं है। आप इससे बचने के लिए कुछ चीजें कर सकते हैं। अपने हाथों को ज्यादा साबुन और पानी के साथ कम से कम 20 सेकेंड तक धोएं। बिना धुले हुए हाथों से अपनी आंखों, नाक या मुंह को न छूएं। जो लोग बीमार हैं, उनके ज्यादा नजदीक न जाएं।