Third Wave Of Corona : मुंगेर के खड़गपुर में स्वास्थ्य व्यवस्था कमजोर, चिकित्सकों की कमी कैसे करेगी COVID-19 पर वार
मुंगेर के हवेली खड़गपुर अस्पताल में चिकित्सकों की घोर कमी है। ऐसे में कोरोना की संभावित तीसरी (Third Wave Of Corona) लहर से निपटना चुनौतीपूर्ण होगा। यहां स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ व्यवस्था का भी घोर अभाव है। कोरोना की दूसरी लहर में यहां सात लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी।
रामप्रवेश सिंह, हवेली खड़गपुर (मुंगेर)। कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave Of Corona) की संभावना स्वास्थ्य विभाग जता रहा है। इससे निपटने के लिए सरकार ने स्वास्थ्य विभाग अलर्ट किया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हवेली खड़गपुर कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी को लेकर कमर कस लेने की बातें कर रहा है। लेकिन चिकित्सकों व पारा कर्मियों की कमी से सभी तैयारी हवा में दिख रही है। केंद्र पर प्रखंड क्षेत्र के अलग अलग गांवों से 100 से ज्यादा लोग हर दिन इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं। चिकित्सकों व सुविधाओं की भारी कमी के कारण कुछ का आंशिक रूप से ही इलाज संभव हो पा रहा है, जबकि अन्य मरीजों को इस हाईटेक युग में इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।
चिकित्सक आधुनिक चिकित्सा संसाधनों के घोर अभाव तथा समस्याओं का अंबार होने के चलते किसी तरह आधा अधूरा इलाज करने को विवश हैं। विभाग की उदासीनता का आलम यह है कि इस अस्पताल की महत्ता को जानते हुए भी आज तक यहां इलाज के विशेष प्रबंध नहीं हो सका है। समस्याओं से कब और कैसे निजात मिलेगा यह विभाग से बेहतर कोई नहीं जानता है।
- - 100 से अधिक लोगों का यहां होता है इलाज
- - 13 चिकित्सक के पद में पांच चिकित्सक के पद है रिक्त
- - 30 बेड की यहां है व्यवस्था, 50 बेड की की जा रही व्यवस्था
- - 15 आक्सीजन सिलेंडर है मौजूद
कैसे होगा बेहतर इलाज, चिकित्सकों की है कमी
हवेली खड़गपुर प्रखंड क्षेत्र की आबादी लगभग दो लाख से ज्यादा है। इन आबादी में से 100 से ज्यादा से लोग हर दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हवेली खडग़पुर में उपचार के लिए आते हैं। हालांकि, कोरोना संक्रमण काल से इन स्वास्थ्य केंद्र में उपचार कराने वाले मरीजों की संख्या में काफी कमी आई है। यहां चिकित्सकों की कमी के कारण उन तमाम मरीजों का समुचित उपचार संभव नही हो पाता है। यहां चिकित्सक के कुल 13 पद में पांच पद रिक्त हैं। यह पद पिछले कई बर्षों से रिक्त है। यहां नाक, कान, गला, चाइल्ड स्पेशलिस्ट के अलावे सर्जन डाक्टर नही हैं।
दवा की नहीं है कमी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवा की कमी नहीं है। यहां सारी दवाई उपलब्ध है। उपचार कराने आने वाले मरीजों का चिकित्सक द्वारा उपचार कर दवा उपलब्ध कराई जा रही है। अल्ट्रासाउंड सीटी स्कैन जैसी सुविधाएं नहीं है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पैथोलाजिकल टेस्ट की सभी व्यवस्थाएं हैं। अल्ट्रासाउंड और सिटी स्कैन जैसी सुविधाएं नहीं है। यहां एक्स-रे की सुविधा तो है लेकिन चालू नहीं है।
बेड, आक्सीजन व एंबुलेंस की व्यवस्था
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 30 बेड मौजूद हैं, जबकि 50 बेड और बनाने की तैयारी की जा रही हैं। आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए 15 आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं। उपचार कराने के लिए आए मरीजों को जरूरत पड़ने पर आक्सीजन उपलब्ध कराया जाता है। वही मरीजों को लाने और ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था मौजूद है । हालांकि यहां वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं है।
आक्सीजन प्लांट लगाने की दिशा में नहीं हुआ पहल
दूसरी लहर झेलने के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आक्सीजन प्लांट लगाने की दिशा में अबत पहल नहीं हो सका है। हालांकि आक्सीजन प्लांट लगाने को लेकर सिर्फ स्वास्थ्य केंद्र परिसर में गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है। कोरोना की दूसरी लहर में सात लोगों जान जा चुकी है। हवेली खडग़पुर प्रखंड क्षेत्र में कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार थी।
'कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए विभाग के निर्देश का पालन कर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है । प्रखंड क्षेत्र में वैक्सिनेशन को लेकर लोगों को जागरूक किया गया है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में अलग अलग स्थानों पर शिविर लगाकर वैक्सिनेशन का कार्य तेजी से किया जा रहा है । स्वास्थ्य केंद्र में बेड एवं आक्सीजन की व्यवस्था सुदृढ़ है।' -डा. एलबी गुप्ता, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी।