Mount Assisi School Bhagalpur : नेटवर्क की बदहाली में उलझे बच्चे, शिक्षक और दोस्तों को करते रहे कॉल
Mount Assisi School Bhagalpur आज से इस स्कूल का अर्द्धवार्षिक परीक्षा शुरू हुआ। कोरोना काल में विद्यालय में ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन किया था। नेटवर्क ने छात्रों को धोखा दिया।
भागलपुर, जेएनएन। Mount Assisi School Bhagalpur : शहर के प्रतिष्ठित माउंट असीसि स्कूल का ऑनलाइन टेस्ट सोमवार से शुरू हुआ। परीक्षा शनिवार तक चलेगा। पहले दिन ही नेटवर्क की बदहाली में बच्चे उलझे रहे। ज्यादातर बच्चों को पोर्टल नहीं साथ नहीं दिया, कुछ के पोर्टल खुले भी नहीं। वहीं, कइयों का खुला भी तो प्रश्नों का उत्तर देने के बाद सुरक्षित (सेव) नहीं हो रहा था। जबकि कई बच्चों ने आधे-अधूरे ही जवाब दिए। ऐसे में बच्चों को काफी परेशान होना पड़ा। यह सिलसिला ढाई से तीन घंटों तक चलता रहा। बच्चे फोन कर अपने साथियों से इस समस्या का समाधन पूछ रहे थे। अभिभावक भी कभी शिक्षक तो कभी दूसरों से जानकारी लेने में व्यस्त रहे। नेटवर्क के सभी को परेशान कर रखा। ग्रुप में मैसेज का भरमार लग गया। ज्यादातर छात्र परीक्षा दे पाने में सफल नहीं हो सके। दरअसल, स्कूल में पढऩे वाले नर्सरी से लेकर 12 वीं कक्षा तक छात्र-छात्राओं का ऑनलाइन टेस्ट सुबह आठ बजे शाम 5.15 तक चला। शनिवार तक चलेगा। दो पालियों में हर वर्ग की परीक्षा होनी है। हर कक्षा के लिए 30 मिनट का समय निर्धारित किया गया है। रूटीन के अनुसार आज सुबह आठ बजे स्कूल की ओर से भेजे गए पोर्टल को खोला तो नेटवर्क कमजोर बताकर नहीं खुला। हालांकि एक बजे के बाद नेटवर्क में सुधार होने के बाद जिन बच्चों की परीक्षा थी, उन्हें राहत मिली। हालांकि कुछ छात्र और अभिभावकों ने एक बजे के बाद भी नेटवर्क के परेशानी होने की शिकायत की।
कंप्यूटर, अंग्रेजी, रसायन शास्त्र सहित अन्य विषयों का टेस्ट
पहले दिन सभी वर्गों के छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग विषयों का टेस्ट था। कंप्यूटर, अंग्रेजी, रसायन शास्त्र, अर्थ शास्त्र, भौतिकी सहित अन्य पेपर विषय थे। 25 नंबर का सवाल पूछा गया था। इसके लिए 30 मिनट का समय दिया गया था। कक्षा सात के छात्र आयुष, देवराज, रौशन ने बताया कि 20 मिनट तक पोर्टल नहीं खुला। वहीं, इसी कक्षा के छात्र दर्शित वैभव ने कहा कि निर्धारित समय से 10 मिनट बाद पोर्टल खुला और सारे जवाब दे दिए।
बच्चों के चेहरे पर दिखी गंभीरता, अभिभावक भी चिंतित
परीक्षा शब्द सामने था शायद इसलिए लैपटॉप और मोबाइल से चिपके रहने वाले बच्चों के चेहरे पर यह आधे घंटे में गंभीरता दिखी। परीक्षा को लेकर बच्चे की बेचैनी अभिभावकों ने पहली बार महसूस किया। इसलिए पहले बच्चे स्कूल में भी परीक्षा देते थे, इससे सिर्फ स्कूल के शिक्षक ही रूबरू होते थे। अभिभावकों को पता नहीं चलता था कि परीक्षा के समय बच्चे कितनी गंभीरता रहती है। कोरोना की वजह से स्कूल बंद है, ऐसे में ऑनलाइन टेस्ट ही लिए जा रहे थे।
आठवीं कक्षा के ह्रषिक सिंह का टेस्ट 9.30 से 10 बजे तक था। विषय अंग्रेजी-2 था। 10 बजे तक पोर्टल नहीं खुला। ऐसे में यह टेस्ट देने से वंचित रह गए।
दूसरी कक्षा के छात्र दिव्य मिश्रा का टेस्ट 10.15 से था। 10 मिनट बाद पोर्टल खुला और दिव्य ने सारे सवालों के जवाब दे दिए। लेकिन, सवालों का जवाब नेटवर्क के कारण सबमिट नहीं हो सका।
-नेटवर्क की वजह से परेशानी हुई है। इस मामले में देखा जा रहा है। जो भी बेहतर होगा। उसे ठीक किया जाएगा। नेटवर्क के कारण जो छात्र परीक्षा नहीं दे पाए, उसकी परीक्षा फिर से ली जाएगी। शीघ्र ही इसकी तिथि निर्धारित की जाएगी। -फादर जोश थेकल, माउंट असीसि स्कूल।