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TMBU यूजीसी की बैठक : अतिथि व्याख्याता को अधिकतम मिलेंगे 50 हजार रुपये

यूजीसी के इस निर्णय के बाद तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के अतिथि व्याख्याताओं के बीच खुशी है। साथ ही यह भी चिंता है कि राज्य सरकार मानदेय बढ़ाने को लेकर निर्णय क्या लेती है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 09:49 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 10:49 PM (IST)
TMBU यूजीसी की बैठक : अतिथि व्याख्याता को अधिकतम मिलेंगे 50 हजार रुपये
TMBU यूजीसी की बैठक : अतिथि व्याख्याता को अधिकतम मिलेंगे 50 हजार रुपये

भागलपुर [जेएनएन]। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो अतिथि व्याख्याताओं अधिकतम 50 हजार रुपये तक मानदेय मिलेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर अतिथि व्याख्याताओं के लिए सातवां वेतनमान लागू करने का निर्देश विवि को दिया है। नए वेतनमान के तहत अतिथि व्याख्याताओं को प्रति कक्षा 15 सौ रुपये मिलेंगे और 50 हजार रुपये प्रति माह अधिकतम होगा। यानी छठे वेतनमान में मिले रहे अनुदान का दोगुना होगा। यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने आयोग की 537वीं बैठक में लिए गए निर्णय के आधार पर यह निर्देश जारी किया है। बैठक में मानदेय के पुनरीक्षण का निर्णय लिया गया है।

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यूजीसी के इस निर्णय के बाद तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के अतिथि व्याख्याताओं के बीच खुशी है। साथ ही यह भी चिंता है कि राज्य सरकार मानदेय बढ़ाने को लेकर निर्णय क्या लेती है। अभी अतिथि व्याख्याताओं को प्रतिमाह अधिकतम मानदेय 25 हजार रुपये और प्रत्येक कक्षा के लिए एक हजार रुपये मिल रहा है। इससे पहले अधिकतम मानदेय 12 हजार और प्रत्येक कक्षा के लिए 250 रुपये मिलता था। अगर यूजीसी के निर्णय के आधार पर राज्य सरकार भुगतान करेगी तो पिछले छह साल में अतिथि व्याख्याताओं के मानदेय में चार गुना वृद्धि होगी।

अतिथि व्याख्याता संघ के अध्यक्ष डॉ. आनंद आजाद ने बताया कि जल्द ही इस मामले को लेकर कुलपति से मिलेंगे और यूजीसी से तय नए मानदेय के तहत भुगतान करने का प्रस्ताव सरकार को भेजने की मांग करेंगे। राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों का वेतन और अतिथि व्याख्याताओं को मानदेय सरकार ही देती है। बिहार में विवि के लिए सातवें वेतनमान की सिफारिशें लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और यूजीसी ने बढ़ा हुआ मानदेय सातवें वेतनमान से ही लागू करने की बात कही है, इसलिए सरकार को इस पर विचार करना चाहिए।

मालूम हो कि तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में 2012-13 में बड़ी संख्या में अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति हुई थी। तब इनका मानदेय प्रति कक्षा ढाई सौ रुपये और अधिकतम एक हजार रुपये महीना था। 2018 के दिसंबर में इनका मानदेय बढ़ाकर प्रति कक्षा एक हजार और महीने में अधिकतम 25 हजार रुपये करने का निर्णय विवि प्रशासन ने लिया और बजट में प्रावधान कर सरकार के पास भेजा गया है।

72 रिक्त पदों पर होगी बहाली

दिसंबर 2018 में 128 अतिथि व्याख्याताओं की बहाली हुई, जिसे बढ़ाकर दो सौ करने का सुझाव सिंडिकेट ने दिया है। ऐसे में 72 और अतिथि व्याख्याताओं की बहाली विवि में होगी।


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