JLNMCH : बदमाश करते रहे फायरिंग, कैंप की पुलिस देखती रही तमाशा Bhagalpur News
JLNMCH में इमरजेंसी के बाहर बाइक लगाने से मना करने पर बदमाशों ने देर रात निजी कंपनी एसएसआइएस के सुरक्षा गार्ड इंद्रजीत को गोली मार दी। इसके बाद वे हवाई फायरिंग करते हुए भाग निकले।
भागलपुर [रजनीश]। पूर्व बिहार के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में रविवार की रात करीब 10.15 बजे ताबड़तोड़ फायरिंग। दस कदम पर पुलिस कैंप। हथियार चमकाते बाइक सवार बदमाश फरार..। कैंप से किसी जवान को निकलने की साहस नहीं। खुद डरकर जान बचाने में लगे रहे। दीगर की बात है कि मुख्य गेट के पास ही पुलिस कैंप है और बदमाश आराम से निकल गए। सुरक्षा गार्ड इंद्रजीत को गोली मारने की घटना के बाद अस्पताल की सुरक्षा पर फिर से प्रश्न उठने लगे हैं।
हाल के वर्षो में अस्पताल से बच्चा चोरी, चिकित्सकों मारपीट की घटना के बाद सुरक्षा नाम पर कोई पहल नहीं की गई। अस्पताल की सुरक्षा पूरी तरह भगवान भरोसे है। यहां कभी भी कुछ भी हो सकता है। कोई देखने वाला नहीं है। भागलपुर की स्मार्ट पुलिसिंग पूरी तरह ध्वस्त है। आम आदमी से लेकर मरीज तक सुरक्षित नहीं है। अस्पताल में न तो किसी के आने के बाद चेकिंग की व्यवस्था न और न कहीं वार्ड में। अस्पताल में अधिक भीड़ व आक्रोशित लोगों के गुस्से के सामने कैंप में तैनात होमगार्ड के जवान पूरी तरह से मजबूर दिखते हैं। अस्पताल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था और बेहतर करने के लिए किसी भी प्रकार की प्रशासनिक पहल नहीं की जाती है। अलग बात है कि जब भी किसी तरह का उपद्रव होता है तो ऐसे में वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी बेहतर सुरक्षा व्यवस्था का भरोसा दिलाते हैं। पर, इसे अमल में नहीं ला पाते हैं।
इंद्रजीत के काम को देखकर ज्यादातर नाइट में ली जाती थी ड्यूटी : गोली से घायल सुरक्षा गार्ड इंद्रजीत की स्थिति खतरे से बाहर है। आइसीयू में इलाज चल रहा है। शरीर से हट्ठा-कट्ठा और काम को लेकर हमेशा तत्पर रहने के कारण अस्पताल प्रशासन ज्यादातर इंद्रजीत से ड्यूटी रात में लेती थी। इमरजेंसी में अक्सर बवाल और हंगामे की घटनाएं होती रहती है। जिसे इंद्रजीत बखूबी से सुलझता रहा है। इसलिए इमरजेंसी में ही तैनात रहता है। अस्पताल में एसएसआइएस कंपनी को सुरक्षा का जिम्मा दिया गया है। 24 घंटे के दौरान तीन शिफ्टों में गार्डो की ड्यूटी बदलती है। बैजानी निवासी घायल गार्ड परिवार सात सालों से अस्पताल में तैनात है। अपने दो बच्चे और पत्नी के साथ बूढ़ानाथ में रहता है।
जेएलएनएमसीएच में गार्ड को मारी गोली
जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में इमरजेंसी के बाहर बाइक लगाने से मना करने पर बदमाशों ने देर रात निजी कंपनी एसएसआइएस के सुरक्षा गार्ड इंद्रजीत कुमार को गोली मार दी। इसके बाद वे हवाई फायरिंग करते हुए भाग निकले। गार्ड का इलाज आइसीयू में चल रहा है। उनकी हालत खतरे से बाहर है। सूचना मिलते ही एसएसपी सहित कई थाने की पुलिस अस्पताल पहुंची। घटना के बाद जूनियर डॉक्टरों ने रात दो बजे तक इमरजेंसी और मुख्य गेट को बंद कर दिया। सुरक्षा की मांग को लेकर वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। रात डेढ़ बजे प्राचार्य अस्पताल पहुंचे और सभी को समझाने की कोशिश की। पर जूनियर डॉक्टरों ने एक नहीं सुनी।
उधर, पुलिस ने दो घंटे के अंदर घटना में शामिल एक बदमाश गोलू उर्फ अविनाश को मुंदीचक से गिरफ्तार किया। रोशन की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। पुलिस ने रोशन की बाइक और मोबाइल को जब्त किया है। सिटी डीएसपी राजवंश सिंह रोशन के भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रहे है। दरअसल, रात 10.15 बजे इंद्रजीत की ड्यूटी इमरजेंसी में लगी थी। दूसरे गार्ड के साथ वह गेट पर तैनात था। इसी बीच दो युवक बाइक से पहुंचे और इमरजेंसी गेट के बाहर बाइक लगा दी। गार्ड ने मना किया तो गोलू ने कमर से पिस्तौल निकालकर इंद्रजीत को गोली मार दी। गोली सीने के नीचे लगी। इसके बाद अस्पताल में अफरातफरी मच गई।
राजेश से हुई थी बकझक इंद्रजीत को मार दी गोली
पकड़े गए आरोपित गोलू ने पुलिस को बताया कि रात साढ़े आठ बजे के करीब मरीज को देखने दोस्तों के साथ अस्पताल आया था। इमरजेंसी के बाहर बाइक लगाने पर ड्यूटी में तैनात राजेश कुमार से बकझक हुई। गोलू ने पुलिस को बताया कि राजेश ने अपने साथियों के साथ पिटाई कर दी। किसी तरह सभी जान बचाकर अस्पताल से निकले। करीब डेढ़ घंटे बाद गोलू साथियों के साथ फिर अस्पताल पहुंचा और इमरजेंसी के पास बाइक खड़ी की। ड्यूटी समाप्त होने की वजह से राजेश अस्पताल से चला गया था। इंद्रजीत ड्यूटी पर था। बाइक लगाने पर जब इंद्रजीत ने मना किया तो गोली मार दी।
गार्ड को गोली मारने के बाद अस्पताल में भगदड़ की स्थिति मच गई। इमरजेंसी में तैनात जूनियर डॉक्टरों और कर्मियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इमरजेंसी गेट में ताला जड़कर प्रदर्शन करने लगे। जूनियर डॉक्टर हमलावरों की गिरफ्तारी और अस्पताल की सुरक्षा पुख्ता करने की मांग कर रहे थे।
रात दो बजे तक अस्पताल में रही नो इंट्री
गार्ड को गोली मारने के बाद जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी और मुख्य गेट को बंद कर दिया। रात दो बजे तक अस्पताल में न तो कोई प्रवेश किया और न ही कोई बाहर निकला। इस दौरान इलाज कराने पहुंचे लोगों को मजबूरन निजी नर्सिंग होम जाना पड़ा। नवगछिया से बेटे को पेट दर्द की शिकायत पर अस्पताल पहुंचे रामकिशोर प्रसाद गेट खोलने के लिए गुहार लगाते रहे। पर, मुख्य गेट नहीं खुल सका। घटना को लेकर जूनियर डॉक्टरों और सुरक्षा में तैनात निजी गार्डों में आक्रोश कम नहीं रहा था। पुलिस के समझाने के बाद भी जूनियर डॉक्टर इमरजेंसी का दरवाजा खोलने को तैयार नहीं थे।
पिछले महीने बच्चा चोरी की नीयत से घुसे थे दो युवक
चार जून को तमाम सुरक्षा को दरकिनार करते हुए जेएलएनएमसीएच के गायनी (महिला) वार्ड में बच्चा चोरी की नीयत से दो युवक घुस गए थे। मरीजों का इलाज कर रही डॉ. प्रियंका और कर्मचारियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। हंगामा सुनकर दोनों युवक भाग खड़ा हुआ। इसके बाद वार्ड में भर्ती मरीजों में अफरातफरी मच गई थी।
दो वर्ष पहले भी चली थी गोलियां
अस्पताल के मुख्य गेट-पुलिस कैंप के पास दो साल पहले भी गोलियां चली थी। इस दौरान भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। गोली चलाने के बाद बाइक सवार बदमाश आराम से चलते बने। पुलिस भी कैंप में बैठी रही। अस्पताल परिसर में बराबर कुछ न कुछ घटनाओं को अंजाम बदमाश देते रहे हैं।
हाल के वर्षो में हुई घटनाएं
मार्च 2019 जूनियर डॉक्टरों से मारपीट
दिसंबर 2018 में परिजनों का हंगामा और मारपीट
चार जून 2019 को बच्चा चोरी की कोशिश
2017 के नवंबर में बच्चा गायनी वार्ड से बच्चे की चोरी
नौ नवंबर 2017 को अस्पताल गेट पर फायरिंग