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आचार संहिता के पेच में फंसा किसानों को मिलने वाला अनुदान

अचार सहिंता लागू रहने के कारण किसानों को फसल अनुदान नहीं मिल सका है। इस बार बाढ़ के कारण एक लाख से अधिक किसानों के फसल की क्षति हुई है। फसल क्षति को लेकर कृषि विभाग से किसानों को अनुदान देने की घोषणा हुई थी।

By Amrendra TiwariEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 05:44 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 05:44 PM (IST)
आचार संहिता के पेच में फंसा किसानों को मिलने वाला अनुदान
मधेपुरा में 22 हजार 115 हेक्टेयर में धान की फसल हुई प्रभावित

मधेपुरा, जेएनएन। बाढ़ के कारण जुलाई व अगस्त माह में किसानों के धान फसल डूबने से पूरी तरह से नष्ट हो गई। किसानों को हुई क्षति का आकलन कृषि विभाग की टीम के द्वारा किया गया था। कृषि विभाग की टीम ने माना की बाढ़ के कारण किसानों को काफी क्षति हुई है। कृषि विभाग ने आकलन रिपोर्ट के आधार पर अनुदान देने की घोषणा की थी। विभागीय स्तर पर घोषणा होने के बाद किसानों ने फसल क्षति को लेकर अगस्त माह में ही ऑनलाइन आवेदन भी किया था। लेकिन किसानों के द्वारा आवेदन करने के तीन माह बाद भी अभी तक किसानों को अनुदान की राशि नहीं मिल सकी है। ऐसे में अनुदान की राशि नहीं मिलने से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों को अनुदान मिलने में हो रही देरी की बड़ी वजह आचार संहिता को माना जा रहा है। कृषि विभाग की माने तो किसानों के ऑनलाइन आवेदन करने के बाद आवेदनों की जांच कर स्वीकृत किया गया था। राशि वितरण को लेकर प्रक्रिया शुरू होने वाली थी। लेकिन तब तक आचार संहिता लागू हो गई। इस वजह से किसानों को फसल क्षति अनुदान का भुगतान नहीं हो पाया।

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22 हजार 115 हेक्टेयर में धान की फसल हुई प्रभावित

कृषि विभाग के रिपोर्ट के मुताबिक बाढ़ के कारण धान की फसल करीब 22 हजार 115 हेक्टेयर में प्रभावित हुई थी। जबकि किसानों का मानना है कि कृषि विभाग के रिपोर्ट से काफी अधिक क्षति हुई है। मालूम हो कि जिले में इस बार 84 हजार हेक्टेयर में धान की खेती हुई थी। धान की बाढ़ और अत्यधिक बारिश के कारण पूरे जिले में प्रभावित हुई। बाढ़ के कारण इसका व्यापक असर चौसा एवं आलमनगर में प्रखंड क्षेत्र में हुआ था।

एक लाख से अधिक किसान हुए प्रभावित

बाढ़ और अत्यधिक बारिश के कारण जिले के विभिन्न परखंडों में करीब एक लाख से अधिक किसानों को फसल डूबने से नुकसान हुआ था। ऐसे में किसानों को समय पर अनुदान की राशि नहीं मिल पाने के कारण काफी परेशानी हो रही है। किसानों का कहना है फसल क्षति अनुदान नहीं मिलने के कारण कर्ज लेकर अब अगली फसल की तैयारी करनी पड़ रही है।

प्रति हेक्टेयर किसानों को मिलना है 13 हजार 500

प्रभावित हुए किसानों को फसल क्षति मुआवजा के रूप में कृषि विभाग से प्रति हेक्टेयर 13 हजार 500 रुपये की दर से फसल क्षति अनुदान का भुगतान होना है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पूरे जिले में 29 करोड़ 85 लाख 52 हजार 500 रुपये अनुदान किसानों के बीच वितरित होना है। यह अनुदान अब किसानों के बीच विधानसभा का चुनाव संपन्न होने के बाद वितरित किया जाएगा।

फसल क्षति अनुदान मिलने में किसानों को देरी हुई है। अब विधानसभा का चुनाव संपन्न होने के बाद किसानों के बीच फसल क्षति अनुदान का वितरण किया जाएगा। कृषि विभाग की ओर से सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।

-राजन बालन, जिला कृषि पदाधिकारी, मधेपुरा।


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