अब ग्राम कचहरी सुनाएंगे फैसला, बनायी जा रही यह व्यवस्था Bhagalpur News
ग्राम कचहरियों की धाराओं के तहत 40 मामले का निपटारा ग्राम कचहरी में किया जाएगा। इसके लिए पंचायती राज विभाग ने कवायद तेज कर दी है।
भागलपुर, जेएनएन। ग्राम कचहरियों को और सशक्त बनाने की कवायद तेज कर दी गई है। ग्राम कचहरी को क्रियाशील और व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए पंचायती राज विभाग की ओर से 50 हजार रुपये दिए गए है। जिला पंचायती राज पदाधिकारी के हस्ताक्षर से ग्राम कचहरी के खाते में राशि जा रही है। साथ ही प्रशासनिक व्यय के लिए भी चार हजार रुपये ग्राम कचहरी के खाते में भेजी जा रही है। इसके पूर्व 50 हजार और डेढ़ लाख रुपये फर्नीचर, कंप्यूटर आदि की खरीद के लिए दिए गए हैं।
ग्राम कचहरियों की धाराओं के तहत 40 मामले का निपटारा ग्राम कचहरी में किया जाएगा। इसके लिए पंचायती राज विभाग ने कवायद तेज कर दी है। पंचायती राज विभाग ने पंचायती राज पदाधिकारी को ग्राम कचहरियों की व्यवस्था सदृढ़ करने का निर्देश दिया है। कहा है कि ग्राम कचहरी के कायाकल्प के साथ-साथ कचहरी में कार्यरत न्याय मित्र एवं ग्राम कचहरी के सचिव के कार्यों की सतत समीक्षा और निगरानी की जाए। सरपंच, उपसरपंच व पंच कई सामान्य अपराधों में एक हजार रुपये तक जुर्माना लगा सकते हैं। सरपंच और उपसरपंच को कोई भी व्यक्ति अगर अपशब्द बोलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई का अधिकार है।
ग्राम कचहरी में होगा निपटारा
धारा 140 : थलसेना, नौसेना या वायुसेना की पोशाक पहन लोगों को ठगना, धारा 142-143 : गैरकानूनी तरीके से लगाए गए जमघट में शामिल होना, धारा 145 : सरकारी आदेश के बावजूद गैरकानूनी जमघट में बने रहना, धारा 153 : दंगा-बलवा करने का दोषी पाए जाने, धारा 160 : सार्वजनिक स्थल पर झगड़ा या हंगामा, धारा 172 : सम्मन या आदेश के तामिला के डर से फरार हो जाना, धारा 174 : सम्मन पर जानबूझ कर निश्चित स्थान समय पर आना, धारा 178 : सत्य कथन के लिए शपथ लेने से इनकार करना, धारा 179 : लोकसेवक द्वारा सवाल पूछने पर उत्तर नहीं देना या इनकार करना, धारा 269 : ऐसा काम जिससे छूआछूत की बीमारी फैले, धारा 277 : सार्वजनिक तालाब या जलस्रोत को गंदा करना, धारा 283 : आम रास्ते पर आने-जाने में बाधा पैदा करना, धारा 285 : आग लेकर या पकड़ कर मानव जीवन को खतरे में डालना, धारा 286 : बम या विस्फोटक पदार्थ के संबंध में उपेक्षापूर्ण आचरण, धारा 289- किसी पशु से संकट पैदा हो और उसे संभालने का इंतजाम नहीं करना, धारा 290 : सार्वजनिक स्थान पर उपद्रव करके लोगों को परेशान करना, धारा 294 : सार्वजनिक स्थल पर अश्लील कार्य करना या ऐसे गीत गाना, धारा 294 (अ) : अवैध लॉटरी निकालने के लिए दफ्तर खोलना, धारा 323 : किसी को जानबूझ कर चोट पहुंचाना, धारा 334 : अचानक उकसाने या भड़काने पर किसी के साथ मारपीट करना, धारा 338 : वैसा कार्य जिससे दूसरे के जीवन पर संकट पैदा हो जाए, धारा 341 : किसी को गलत ढंग से बाधा डालना, घारा 352 : किसी व्यक्ति पर हमला करना, धारा 356 : संपत्ति चोरी करने के प्रयास में आपराधिक बल का प्रयोग, धारा 357 : किसी व्यक्ति को बलपूर्वक रोकने की चेष्टा करना, धारा 358 : चिढ़ाने के बाद किसी व्यक्ति द्वारा गुस्से में हमला करना, धारा 374 : किसी को फंसा कर उसकी इच्छा के विरुद्ध काम करवाना आदि शामिल है।
एक हजार तक जुर्माना का अधिकार
सरपंच, उपसरपंच व पंच सामान्य व कम गंभीर अपराधों में एक हजार रुपये तक जुर्माना लगा सकते हैं। इतना ही नहीं सरपंच और उपसरपंच को कोई भी व्यक्ति अगर अपशब्द बोलता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई का अधिकार है। ऐसे मामलों पर सुनवाई का अधिकार है। इतना ही नहीं आइपीसी की 40 धाराओं से जुड़े मामलों पर ग्राम कचहरी में सुनवाई हो सकती है। बिहार पंचायत राज कानून 2006 के अधीन सरपंच, उपसरपंच व पंच को आइपीसी की धारा में 10 हजार रुपये तक के मामलों की सुनवाई व एक हजार रुपये तक जुर्माना का अधिकार है। ग्रामीणों का झगड़ा सुलझाने का भी हक है। ग्राम कचहरी में 40 धाराओं में सुनवाई का अधिकार है।
ग्राम कचहरी को क्रियाशील और सुदृढ़ बनाने की कवायद चल रही है। व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। अभी 54 हजार रुपये प्रत्येक ग्राम कचहरी को दिया जा रहा है। - राजेश कुमार, पंचायती राज पदाधिकारी