निशुल्क होगा हेपेटाइटिस सी का इलाज
हेपेटाइटिस सी का इलाज अब निशुल्क होगा। इसका इलाज नेशनल वायरल कंट्रोल प्रोग्राम के तहत निशुल्क की जाएगी। 2030 तक इस बीमारी पर काबू पाने की सरकार ने योजना बनाई है।
भागलपुर। हेपेटाइटिस सी का इलाज अब निशुल्क होगा। इसका इलाज नेशनल वायरल कंट्रोल प्रोग्राम के तहत निशुल्क की जाएगी। 2030 तक इस बीमारी पर काबू पाने की सरकार ने योजना बनाई है। ये बातें रविवार को आइएमए में एसोसिएशन ऑफ फिजीशियन ऑफ इंडिया (एपीआइ) की भागलपुर शाखा द्वारा आयोजित कार्यशाला में पटना से आए डॉ. सौरभ जायसवाल ने कही।
उन्होंने कहा कि पंजाब में सबसे ज्यादा हेपेटाइटिस के मरीज हैं। इस योजना के तहत मरीजों का निशुल्क इलाज करना सरकार ने प्रारंभ कर दिया है। बिहार में हेपेटाइटिस सी के तीन फीसद मरीज हैं। इनमें ज्यादातर वैसे लोग शामिल हैं, जिनका जन्म 1945 और 1955 के बीच जन्म हुआ है। हेपेटाइटिस सी के वायरस की जानकारी 1989 में हुई। उन्होंने कहा कि इस बीमारी के पैथोलॉजी जांच में तकरीबन 20 हजार खर्च होते हैं। इलाज में खर्च की राशि और भी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि एक ही नशा की सूई को अगर दूसरा व्यक्ति उपयोग में लाता है तो हेपेटाइटिस सी होने की संभावना रहती है। समय पर इलाज नहीं करवाने से लीवर सिरोसिस या कैंसर होने की संभावना बनी रहती है। दूषित पानी और भोजन से होता है हेपेटाइटिस ए और बी
पटना के डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि दूषित पानी पीने और भोजन करने से हेपेटाइटिस ए और बी होता है। इसके अलावा दर्द निवारक दवा का ज्यादा समय तक सेवन करने से भी इसका खतरा रहता है। इसे पीलिया भी कहा जाता है। हेपेटाइटिस बी गर्भस्थ शिशु को भी हो सकता है। समय पर इलाज करने से बीमारी ठीक हो जाती है।
मोटापा कई बीमारियों की जड़
कार्यशाला में डॉ. संजीव ठाकुर ने कहा कि मोटापा कई बीमारियों की जड़ है। इस दौरान डॉ. उत्तल दास ने भी लोगों को संबोधित किया। मंच संचालन आइएमए के सचिव डॉ. अमिताभ सिंह ने किया। इस अवसर पर आइएमए अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार, एपीआइ अध्यक्ष डॉ. शांतनु घोष, सचिव डॉ. राजीव सिन्हा के अलावा अन्य कई डॉक्टर शामिल हुए।