सुपौल के इस मदरसे में फर्जी तरीके से लिया गया सरकारी लाभ
सुपौल में मदरसा के नाम पर गड़बड़झाले की खुली पोल। लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने सुनवाई कर जिला शिक्षा पदाधिकारी को भेजा निर्णय। मदरसा नुरुल होदा के भवन वाली जमीन में हो रहा कृषि कार्य। सरकारी योजनाओं का लाभ लिया गया है।
जागरण संवाददाता, सुपौल। अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी वीरपुर के यहां दायर परिवाद में राघोपुर प्रखंड के बौराहा पंचायत में फर्जी तरीके से सरकारी लाभ लेने का मामला प्रकाश में आया है। परिवाद पर निर्णय सुनाते हुए लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने कहा कि राघोपुर प्रखंड के बौराहा वार्ड नंबर 08 निवासी मु. अब्बास ने परिवाद दाखिल कर शिकायत की कि गलत तरीके से बौराहा मौजा में खाता 73 खेसरा पुराना 1231 रकवा पांच कट्टा पर अवैध तरीके से मदरसा नुरोल होदा का भवन दिखाया गया है।
लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी ने की जांच
प्राप्त शिकायत के आलोक में अंचल अधिकारी राघोपुर को नोटिस की गई। लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, राघोपुर की ओर से अंचल निरीक्षक, दशरथ मरैया ने 14 दिसंबर 2020 को प्रतिवेदन पत्रांक 1788-2 दाखिल कर बताया कि मौजा बौराहा, थाना नंबर 130 के अंतर्गत जांचोपरांत पाया कि विक्रेता तजमुल हसन ने 02 दिसंबर 2012 को केवाला संख्या 0375 द्वारा राज्यपाल बिहार सरकार पटना वास्ते मदरसा नुरुल होदा मौजा बौराहा के नाम से दान पत्र केवाला किया है। जिसका दाखिल खारिज हो कर भीएनओ 22 पेज संख्या 79 द्वारा रसीद कटती है। इसमें खाता 73 खेसरा 1231 रखवा पांच कट्ठा का 18.75 डी० जमीन दर्ज है।
स्थल जांच के क्रम में पाया कि उक्त जमीन पर मदरसा नुरुल होदा का भवन नहीं है। जमीन पर कृषि कार्य किया जा रहा है। इससे स्पष्ट है कि यदि किसी भी व्यक्ति या संस्था के द्वारा किसी प्रकार का लाभ मदरसा के नाम पर लिया जा रहा है तो वह गलत है एवं इसमें कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है।
कानूनी कार्रवाई का आदेश
इस संबंध में आदेश की प्रति जिला शिक्षा पदाधिकारी सुपौल को भेजते हुए वाद निष्पादित किया गया है। साथ ही संबंधित थाने को परिवादी के भय की आशंका को देखते हुए किसी प्रकार की आपराधिक घटना होने पर कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।