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जीविका दीदी के लिए अच्छी खबर: संकुल संघ का सहकारिता विभाग में होगा निबंधन, बांका में किया गया आवेदन

सभी प्रखंड के एक-एक संकुल संघ का सहकारिता विभाग में निबंधन के लिए किया है आनलाइन आवेदन। निबंधन बिहार स्वावलंबी सहकारी समिति अधिनियम 1996 के तहत किया जाना है। जीविका दीदी के हौसलों को मिलेगी मजबूती। पढ़ें पूरी खबर।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 11:14 AM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 11:14 AM (IST)
जीविका दीदी के लिए अच्छी खबर: संकुल संघ का सहकारिता विभाग में होगा निबंधन, बांका में किया गया आवेदन
नई जिम्मेदारी से बढ़ेगा जीविका दीदियों का आत्मविश्वास।

संवाद सूत्र, बांका: केंद्र सरकार द्वारा देश में सहकारिता आंदोलन को धार देने के लिए गृह मंत्री के नेतृत्व में एक अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया है। इससे पूरे देश में सहकारिता आंदोलन से सामाजिक न्याय और विकास को एक नया दिशा दिया जा सके। जीविका के जिला प्रबंधक सूक्ष्म वित्त राकेश पांडे ने बताया कि गरीबी उन्मूलन को लेकर बिहार सरकार की पहल पर जीविका से जुड़ी महिला संगठनों को सहकारिता विभाग में निबंधन कराया जा रहा है।

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इसके लिए जिले के सभी प्रखंड़ों से एक-एक संकुल स्तरीय संघ का चयन का निबंधन के लिए सहकारिता विभाग  में आनलाइन आवेदन किया गया है। संकुल संघ का निबंधन बिहार स्वावलंबी सहकारी समिति अधिनियम 1996 के तहत किया जाना है। इन सभी संकुल संघों को सहकारी समितियों का प्रमाण पत्र देने से पहले सहकारिता विभाग द्वारा कई स्तर पर जांच पड़ताल की जाएगी। सभी मानक के अनुसार पाए जाने के बाद ही सहकारिता विभाग द्वारा प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

निबंधन केे बाद जिम्मेदार संगठन के रुप में कार्य करेगी

सहकारिता विभाग से निबंधन होने से महिलाएं स्वायत्तता और जिम्मेदारी के साथ आजीविका प्रोत्साहन के लिए कार्य करेगी। जीविका से जुड़ कर महिलाएं कई तरह के स्वरोजगार कर रही है। निबंधित होने वाले संकुल समिति में अलग-अलग पंचायतों से 30-30 दीदियां प्रवर्तक सदस्यों के रूप में जुड़ेगी। इनमें से 12 दीदियों को निदेशक मंडल की सदस्य होगी। इसके बाद सभी निबंधित संघ एक जिम्मेदार के रूप में कार्य करेंगी। इन सभी संघ का प्रति वर्ष आडिट भी किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी सहकारिता विभाग की होगी। इसके साथ ही सभी प्रक्रिया पूरी करने वाले संकुल संघ को सरकारी एवं गैर सरकारी बैंक एवं अन्य संस्था के माध्यम से स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहयोग मिलेगा।

'जीविका दीदी पहले से ही काफी बेहतर तरीके से काम कर रही है। समूह से जुड़ कर ये कई तरह के स्वरोजगार से कर अपने परिवार का भरन पोषण कर रही है। नई जिम्मेदारी मिलने से ये जीविका दीदियों का आत्मविश्वास और बढ़ेगा। इससे ये लोग और सशक्त होंगी।' -संजय कुमार जिला परियोजना प्रबंधक


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