टीबी पीड़ितों से संक्रमित हो रहे सामान्य मरीज
रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए सामान्य मरीजों के साथ टीबी मरीज भी लाइन में खड़े रहते हैं।
भागलपुर। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा मेडिकल अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के आउटडोर विभाग में सामान्य मरीज भी टीबी से संक्रमित हो रहे हैं। रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए सामान्य मरीजों के साथ टीबी मरीज भी लाइन में खड़े रहते हैं। उनके बोलने, खांसने या छींकने से हवा में टीबी के किटाणु डेढ़ मीटर तक फैलते हैं।
आउटडोर में प्रतिदिन 15 सौ से अधिक मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक रजिस्ट्रेशन काउंटर खुला रहता है। रजिस्ट्रेशन करवाने में टीबी मरीज भी घंटों लाइन में खड़े रहते हैं। इनमें वे भी मरीज शामिल हैं जो मल्टी ड्रग रेसिस्टेड (एमडीआर) टीबी से ग्रसित हैं। ऐसे मरीजों को खुले में खांसने एवं छींकने से टीबी के किटाणु हवा में उड़ते हैं और सामान्य मरीजों को टीबी का मरीज बना रहे हैं। स्थिति यह है कि एक चिकित्सक भी एमडीआर टीबी से ग्रसित हो चुका है। इसके अलावा गायनी विभाग के समीप ही टीबी विभाग है। दोनों विभागों के मरीज एक साथ ही बरामदे पर लगी कुर्सियों पर बैठते हैं अत: गायनी विभाग में इलाज करवाने आई महिला मरीजों को भी टीबी का संक्रमण हो सकता है।
डब्लूएचओ द्वारा कई बार अस्पताल अधीक्षक से टीबी मरीजों के रजिस्ट्रेशन के लिए अलग काउंटर बनाने की मांग भी की जा चुकी है। लेकिन इसकी व्यवस्था अभी तक नहीं हो पाई। टीबी एंड चेष्ट विभाग में पदस्थापित डॉ. विनय कुमार झा के मुताबिक टीबी मरीजों के लिए अलग काउंटर बनवाना आवश्यक है।
टीबी मरीज के बोलने, छींकने अथवा खांसने से डेढ़ मीटर तक टीबी किटाणु हवा में फैलते हैं। वैसे भी जिला में टीबी मरीजों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। इस संबंध में जेएलएनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल ने बताया कि टीबी मरीजों के लिए शीघ्र ही अलग काउंटर बनाया जाएगा।