गरुड़ को जिला पक्षी घोषित करने की उठी मांग
पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से शुक्रवार को सुंदर वन में गरुड़ संरक्षण सामाजिक सहभागिता विषय संगोष्ठी हुई।
भागलपुर। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से शुक्रवार को सुंदर वन में 'गरुड़ संरक्षण सामाजिक सहभागिता' विषय संगोष्ठी हुई। इसमें गरुड़ को जिला पक्षी घोषित करने की मांग उठी।
मंदार नेचर क्लब के संस्थापक पक्षीविद अरविंद मिश्रा ने कहा कि गरुड़ को जिला पक्षी घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मांग को लेकर जिला प्रशासन से उन्होंने कई बार अनुरोध किया है, लेकिन अब इसमें ग्रामीणों की पहल जरूरी है।
डीएफओ एस सुधाकर ने कहा कि दुर्लभ पक्षी गुरुड़ को बचाना हम सब की जिम्मेदारी है। यह कार्य सामाजिक सहभागिता से ही संभव हो सकता है। उन्होंने कहा इस कार्य में कदवा दियारा के लोगों की जागरुकता काम आ रही है। संगोष्ठी में डॉ. सुनील अग्रवाल, जय नंदन मंडल, स्नातकोत्तर वनस्पति विज्ञान विभाग के डॉ. तपन कुमार घोष, वनस्पति विज्ञान विभाग के डॉ. नरेश पंडित और डॉ. डीएन चौधरी उपस्थित थे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से कोसी कदवा दियारा के लोगों को बुलाया गया था, जो गरुड़ के संरक्षण के कार्य में अपनी बेहतर भूमिका निभा रहे हैं।
संगोष्ठी में स्थानीय गंगा प्रहरी, डॉल्फिन मित्र के अलावा छात्र-छात्राएं भी शामिल हुईं। जय नंदन मंडल ने इस इलाके में गरुड़ की खोज के लिए अरविंद मिश्रा के प्रयासों की सराहना की। डॉ. सुनील अग्रवाल ने गरुड़ों की इस क्षेत्र में वृद्धि को मंदार नेचर की बड़ी सफलता बताया। डॉ. तपन कुमार घोष ने पेड़ों की विविधता की महत्ता पर प्रकाश डाला। कदवा के सरपंच सिराज साह ने कहा कि गरुड़ों के संरक्षण में हम सभी ग्रामीण भरपूर सहयोग करेंगे।
गरुड़ संरक्षण दल का हुआ गठन
मौके पर गरुड़ों के संरक्षण के लिए 20 युवाओं का एक दल गठित किया गया। जिसमें कदवा गांव के प्रिंस कुमार, त्रिदेव, अमित, मनोरंजन, मुकेश, प्रेम राज, राजीव, संतोष, अभिषेक, राहुल, सूरज, पुनीत, धर्मेद्र, रवि, नितीश, विजय, मंजीत, लालू कुमार, सुमन और अनुज शामिल हुए ।