श्रावणी मेला 2022 की तैयारी में जुट गए बिहार के गांजा तस्कर! भागलपुर और बांका में कर रहे माल स्टाक
श्रावणी मेला 2022 की तैयारी में बिहार के के गांजा तस्कर जुट गए हैं। बड़े पैमाने पर हो रही गांजा की बरामदगी इस बात की तस्दीक कर रही है कि वे इसे सुल्तानगंज से लेकर देवघर तक खपाने की फिराक में हैं।
संवाद सहयोगी, बांका: विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला 2022 की तैयारी में जहां प्रशासन जुटा है तो वहीं काली कमाई करने वाले बिहार के गांजा तस्कर भी। गांजा तस्कर अभी से माल का स्टाक कर रहे हैं। श्रावणी मेले में देशभर से कई साधू-संतों के साथ-साथ बाबा भोलेनाथ के भक्त अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। ऐसे में चिलम से लेकर गांजा तक की बिक्री के लिए तस्कर सक्रिय हो जाते हैं। तस्कर अपनी दुकान भले ही खुले में न सजाए लेकिन जानकारी मुताबिक छोटे-छोटे फुटकर विक्रेता गांजा खपा ले जाते हैं। लंबे समय बाद फिर एक दफा श्रावणी मेला आयोजित हो रहा है।
गांजा तस्करों की बढ़ती सक्रियता बता रही है कि मेले को लेकर इनकी तैयारी क्या है। शनिवार को बांका जिले के पंडा टोली के समीप गांजा तस्करों के दो ठिकानों पर छापेमारी कर 90 किलो गांजा बरामद किया गया। थानाध्यक्ष अरविंद कुमार राय के नेतृत्व में पुलिस की टीम ने करीब तीन घंटे तक गांजा तस्कर के ठिकाने पर छापेमारी कर कार्टन के आठ पैकेट में 90 किलोग्राम गांजा जब्त किया है। इस दौरान गांजा कारोबारी वृद्ध विष्णुदेव झा को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
कहां से आ रहा गांजा
पुलिस की मानें तो गांजा तस्कर विष्णुदेव झा के पुत्र नंद कुमार झा आठ महीने से इसी मामले में ही जेल में बंद है। गांजा कारोबारी कई वर्षों से गांजा के कारोबार में जुटा हुआ है। गिरफ्तार तस्कर ने पुलिस को बताया कि गांजा की खेप तस्कर द्वारा उसके घर पर ही वाहन के द्वारा डिलीवरी दी जाती थी। गांजा की खेप सुबह ही पहुंचाई गई थी। पूछताछ में गांजा तस्कर ने पुलिस को कभी आंध्र प्रदेश तो कभी नागालैंड तो कभी भागलपुर से गांजा लाने की बात कह रहा है।
उत्पाद विभाग को मंथली देने का लगाया आरोप
बताया जाता है कि गांजा की बड़ी खेप आगामी श्रावणी मेले को देखते हुए मंगाया गया था। तस्कर विष्णुदेव झा की मानें तो इसके लिए उत्पाद विभाग को हर महीने रुपया दी जाती है। उत्पाद विभाग के एक पुलिस कर्मी गांजा तस्कर के संपर्क में काफी दिनों से है। जिसका मोबाइल नंबर भी तस्कर के पास है। तस्कर के अनुसार यह कारोबार उत्पाद विभाग की मिलीभगत से चल रहा है। फिलहाल इन बातों में कितनी सच्चाई है, यह जांच का विषय है। जांच में सीओ विजय गुप्ता भी थे। जब्त गांजा की कीमत आठ लाख रुपये आंकी गई है।