पुलिस के लाख दावे के बाद भी गंगटा जंगल में नहीं थम रही लूट की वारदात, ये है कारण
जमुई का गंगटा जंगल सेफ जोन नहीं रह गया है। यहां लगातार लूट की घटनाएं हो रही है। पुलिस के लाख दावे के बाद भी यहां पर अपराध कम नहीं हो रहा है। इससे लोग इस रास्ते से होकर गुजरना नहीं चाहते हैं।
जमुई, जेएनएन। कानून व्यवस्था के लाख दावे के बाद भी गंगटा जंगल में लूट की वारदात नहीं थम रही है। आंकड़े इस बात के गवाह हैं। नवंबर से लेकर साल के अंतिम माह दिसंबर में अब तक यहां आधा दर्जन से भी अधिक लूट की वारदात हो चुकी है। रविवार की देर रात्रि भी अपराधियों ने सवालाख बाबा स्थान से एक किमी पूरब दिशा में सड़क अवरुद्ध कर दर्जन भर वाहनों पर सवार लोगों से लूट की वारदात को अंजाम दिया। हालांकि इस दौरान पुलिस को एक अपराधी को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। इधर, लगातार हो रही लूट की वारदात से परेशान लोग अब पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस लगातार गश्त करने का दावा तो करती है लेकिन घटना के बाद उनके दावों की पोल खुल जाती है।
इस मार्ग से गुजरने में परहेज करते हैं लोग
गंगटा जंगल के भौगोलिक बनावट की बात करें तो जंगल के मुख्य पथ की लंबाई 9 किमी है। इसी पथ पर सवालाख बाबा स्थान तथा थाड़ी मोड़ है। दोनों जगह को लूट प्वाइंट माना जाता है। लगातार हो रही लूट की वारदात के बाद लोग इस रास्ते होकर गुजरने से परहेज करने लगे हैं। दूसरी ओर लूट की शिकायत करने पर लक्ष्मीपुर व गंगटा पुलिस घटनास्थल के संबंधित इलाके में नहीं रहने की बात एफआइार दर्ज नहीं करती है। इसके पीछे का कारण सीमा विवाद बताया जाता है।
बैठक कर डीआइजी ने दिया था लूट की वारदात को रोकने का टास्क
नवंबर माह में सवालाख बाबा के समीप पर्यटक ठहराव स्थल के समीप एक भवन में डीआइजी मनु महाराज ने जमुई एवं मुंगेर पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इस दौरान डीआइजी ने गंगटा तथा लक्ष्मीपुर थाना के पुलिस पदाधिकारियों को एक-दसरे के साथ समन्वय स्थापित कर लूट की घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दिया था। साथ ही कहा था कि लूट के शिकार लोग किसी भी थाना में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। पीडि़त को कोई परेशानी न हो इसका भी ख्याल रखना है। इसके अलावा उन्होंने संदिग्ध लोगों की गतिविधि पर नजर रखने व चार्जसीटेड की सूची पर विशेष ध्यान रखने को कहा था। बावजूद फिर लूट की घटना ने पुलिस की सक्रियता पर सवाल खड़ा कर दिया है। सवाल यह है कि क्या दोनों थाना की पुलिस डीआइजी के निर्देशों पर अमल कर रही है। अगर अमल हो रहा है तो फिर लूट की वारदात कैसे हो जा रही है।
कब-कब हुई लूट की वारदात
- 7 नवंबर को थाड़ी मोड़ के समीप जसीडीह निवासी चालक संजय यादव तथा चंदन कमार से अपराधियों ने 32 हजार रुपये लूट लिए।
- 13 नवंबर को अपराधियों ने लखीसराय जिला के सूर्यगढ़ा मानिकपुर गांव निवासी संदीप कुमार का बाइक उस वक्त लूट लिया जब वह अपने एक दोस्त के साथ मुंगेर के बरियारपुर अपने रिश्तेदार के घर जा रहा था।
- 22 नवंबर को लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के जिनहरा बाजार निवासी व्यवसायी मनोज मंडल से अपराधियों ने एक लाख 32 हजार रूपया लिया था।
- 25 नवंबर को दनियामा निवासी ट्रक चालक कमलेश सिंह व खंडबिहारी निवासी गोरव कुमार के अलावा एक दर्जन वाहनों से लूटपाट की गई।
- 13 दिसंबर को सवालाख बाबा स्थान से एक किमी पूरब आधा दर्जन वाहनों पर सवार लोगों से लाखों रुपये नगदी, मोबाइल व अन्य कीमती सामानों की लूट
गंगटा जंगल का इलाका नक्सल क्षेत्र में आता है। बावजूद पुलिस अपनी सुरक्षा का ख्याल रखते हुए लगातार गश्त कर रही है। संदिग्धों की गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
डॉ राकेश कुमार, एसडीपीओ, जमुई।