गंगा किनारे 'Marine Drive' का सपना जल्द होगा पूरा, मुंगेर से भागलपुर तक भू-अर्जन की कार्रवाई तेज
गंगा किनारे मरीन ड्राइव बनाने का सपना जल्द पूरा होगा। मुंगेर से भागलपुर तक भू-अर्जन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इस परियोजना से क्षेत्र में पर्यटन और ...और पढ़ें

मरीन ड्राइव का विकास तेज। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, भागलपुर। पटना की तर्ज पर गंगा नदी किनारे सफियाबाद (मुंगेर) से भागलपुर के सबौर तक 8292.65 करोड़ की लागत से बनने वाले मरीन ड्राइव निर्माण के लिए भू-अर्जन की कार्रवाई तेज कर दी गई है। जल्द ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
इपीसी मोड में मरीन ड्राइव का निर्माण नोडल एजेंसी बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएसआरडीसीएल) की देखरेख में होगा। काम अडानी इंटरप्राइजेज को मिला है। हाल में BSRDCLके अधिकारियों की टीम ने सर्वे कर जमीन संबंधी मामलों और अलायमेंट का जायजा लिया।
टीम ने अजगैवीनाथ धाम परिसीमन अंतर्गत गनगनिया, कमरगंज व मसदी से लेकर अकबरनगर तक सर्वे किया। टीम ने इस दौरान स्थानीय पंचायत जनप्रतिनिधियों से जमीन से संबंधित जानकारी ली। तिलकपुर से अकबरनगर के बीच पड़ने वाले किशनपुर तक गंगा नदी किनारे संचालित ईंट भट्ठे का भी जायजा लिया।
बीएसआरडीसीएल के अधिकारियों के अनुसार नए साल में निर्माण शुरू करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। मरीन ड्राइव का काम अडानी इंटरप्राइजेज को मिला है। इपीसी मोड में होने वाला कार्य के लिए चयनित एजेंसी का क्या निर्णय होता है ये उसी पर निर्भर है। काम दूसरी एजेंसी से भी कराया जा सकता है।
सफियाबाद से सबौर तक 75.80 किलोमीटर लंबा बनने वाली मरीन ड्राइव का काम दो चरणों में होना है। पहले चरण में सफियाबाद से अजगैवीनाथ धाम रोड तक 35 किलोमीटर और दूसरा अजगैवीनाथ धाम रोड से सबौर 40.80 किलोमीटर तक काम होगा। मरीन ड्राइव के निर्माण के लिए 4450.17 करोड़ रुपये का इस्टीमेट है।
दूसरे फेज के अजगैवीनाथ धाम से सबौर तक मरीन ड्राइव इस्टीमेट 3842.48 करोड़ रुपये है। चयनित एजेंसी को 1460 दिनों में यानी चार साल में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है।
मरीन ड्राइव बनाने के लिए नोडल एजेंसी बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड है। मरीन ड्राइव बनाने वाली एजेंसी को 15 सालों तक उसका मेंटेनेंस भी करना होगा। मरीन ड्राइव फोरलेन व एलिवेटेड होगा।

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