बकरा चोरी से हत्या तक, ऐसे आशीष सिंह ऊर्फ अटिया बना खूंखार, बनना चाहता था पूर्णिया का डान
बिहार के पूर्णिया में पूर्व जिप सदस्य रिंटू सिंह हत्याकांड का मुख्य आरोपी आशीष सिंह उर्फ अटिया गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके ऊपर पचास हजार रुपये का इनाम पुलिस ने घोषित किया था। अटिया के आतंक से शहर हलकान था। मंत्री लेसी सिंह का रिश्तेदार बताया जाने वाला अटिया...
जागरण संवाददाता, पूर्णिया: 50 हजार का इनामी आशीष सिंह उर्फ अटिया की गिरफ्तारी से जहां पुलिस ने राहत की सांस ली है, वहीं उसके गांव सरसी सहित शहरी क्षेत्र के कई लोगों की भी सांस में सांस आई है। महज डेढ़ साल के अंदर हत्या की तीन बड़े वारदात में नामजद अटिया का खौफ सिर चढ़कर बोलने लगा था। सरसी गांव के आपसी रंजिश में हथियार थामने वाला अटिया के निशाने पर गांव के कई और लोग थे। उसके खौफ से कई लोगों ने गांव छोड़ दिया था। इधर शहरी क्षेत्र के कई लोगों की सांसें भी अटिया के नाम से ही फूल रही थी।
बकरा चोरी के वीडियो ने बना दिया कुख्यात
अटिया के अपराध के दुनिया में कदम रखने की कहानी भी अजीब है। जानकारी के अनुसार अटिया तकरीबन ढाई साल पहले स्मैक का आदी हो गया था। साथ ही इसकी शोहबत चोर-उचक्कों से बढ़ने लगी थी। इसी दौरान गांव के बगल में ही मौजूद एक टोले से बकरा चोरी कर अपने शागिर्दों के साथ उसने खा लिया था। बाद में उस टोले के लोगों ने उसे पकड़ लिया था। इसका वीडियो बनाकर गांव के ही कुछ लेागों ने वायरल कर दिया था।
ग्रामीण सूत्रों के अनुसार इसी प्रतिक्रिया में अटिया ने जेल में बंद कुख्यात बिट्टू सिंह के भाई बेनी सिंह की हत्या कर दी थी। बाद में 12 नवंबर को पूर्व जिला पार्षद विश्वजीत सिंह उर्फ रिंटू सिंह की हत्या सरसी चौक पर कर दी गई। इस हत्याकांड के बाद अटिया सूर्खियों में आ गया। इधर छह जनवरी को कुख्यात बिट्टू सिंह के ही नजदीकी नीरज कुमार झा की हत्या पूर्णिया शहर में दिनदहाड़े कर दी गई। इस हत्याकांड में भी अटिया को नामजद किया गया और गांवों से फैलता उसका खौफ शहर तक पहुंच गया।
सिर पर डान बनने का जुनून था सवार
जानकारी के अनुसार बेनी सिंह की हत्या के बाद से ही अटिया इलाके में अपना दबदबा कायम करने की फिराक में था। हाल में उसने एक गिरोह भी बना लिया था, जिसमें कुछ गांव तो कुछ बाहर के लडके भी शामिल थे। यद्यपि इसमें अधिकांश को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। जानकारी के अनुसार इसी जुनून में अटिया के निशाने पर कई लोग आ गए थे। यद्यपि इसमें भी अधिकांश का वास्ता या तो सीधे अपराध से था या फिर किसी बड़े अपराधी के साथ उसका कनेक्शन था।