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सृजन घोटाले के चार आरोपित भगौड़े घोषित, जानकारी देने वालों को सीबीआइ देगी इनाम

सीबीआइ ने माना है कि ये लोग जांच की प्रक्रिया से लगातार गैरहाजिर हैं। ये लंबे समय से फरार चल रहे हैं। सृजन घोटाले की जांच में इन्हें वांछित माना गया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 10:28 AM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 04:42 PM (IST)
सृजन घोटाले के चार आरोपित भगौड़े घोषित, जानकारी देने वालों को सीबीआइ देगी इनाम
सृजन घोटाले के चार आरोपित भगौड़े घोषित, जानकारी देने वालों को सीबीआइ देगी इनाम

भागलपुर [जेएनएन]। भागलपुर में 1900 करोड़ रुपये के सृजन घोटाले के अब तक फरार चल रहे आरोपितों को भगौड़ा घोषित कर दिया गया है। सीबीआइ ने चार आरोपित पूर्व एडीएम राजीव रंजन सिंह, सृजन की तत्कालीन सचिव रजनी प्रिया, उसके पति अमित कुमार और पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी (डीडब्ल्यूओ) अरुण कुमार की पत्नी इंदु गुप्ता के संबंध में सही जानकारी देने पर 25-25 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है। सीबीआइ ने माना है कि ये लोग जांच की प्रक्रिया से लगातार गैरहाजिर हैं। ये लंबे समय से फरार चल रहे हैं। सृजन घोटाले की जांच में इन्हें वांछित माना गया है। इंदु गुप्ता के पति करोड़ों की अवैध निकासी मामले में आरोपित हैं। एसआइटी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। इंदु गुप्ता संयोगवश एसआइटी की गिरफ्तारी से बच निकली थी। 2017 के अगस्त में घोटाला उजागर होने के बाद अमित और रजनी प्रिया फरार हैं।

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इन्हें किया गया भगौड़ा घोषित

पूर्व एडीएम राजीव रंजन सिंह, सृजन की तत्कालीन सचिव रजनी प्रिया, उसके पति अमित कुमार और पूर्व डीडब्ल्यूओ अरुण कुमार की पत्नी इंदु गुप्ता।

सीएस ने मनी सूट के लिए सरकारी अधिवक्ता से मांगा परामर्श

सिविल सर्जन डॉ. अरुण कुमार ओझा ने सृजन घोटाले में स्वास्थ्य विभाग की 40 लाख 75 हजार 483 रुपये की अवैध निकासी पर मनी सूट दायर करने के लिए सरकारी अधिवक्ता से विधि परामर्श मांगा है। सीएस आवासीय परिसर स्थित दुकानों से प्राप्त आय की राशि फर्जीवाड़ा कर सृजन के खाते में हस्तांतरित की गई थी। अब स्वास्थ्य विभाग ब्याज सहित मूल राशि की वसूली के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा के विरुद्ध मनी सूट दायर करने की तैयारी में है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने पूर्व में ही निर्देश दिया था।

इसके आलोक में सिविल सर्जन ने मनी सूट दायर करने से संबंधित प्रक्रिया एवं व्यय होने वाली राशि का ब्यौरा शीघ्र उपलब्ध कराने के लिए सरकारी अधिवक्ता को पत्र लिखा है। सीएस ने लिखा है कि दुकानों से प्राप्त राशि बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा फर्जीवाड़े से सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खाते में हस्तांतरित की गई है। इस मामले में तिलकामांझी थाने में वर्ष 2017 में ही प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले की जांच सीबीआई कर रही है। सीएस ने कहा है कि उक्त राशि की ब्याज सहित वसूली हेतु सक्षम कोर्ट से दायर करने का निर्देश है।

स्वास्थ्य विभाग और कुमार अनुज मामले की सुनवाई अब 26 को

सृजन मामले में 40 लाख से अधिक की राशि वसूली के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से दायर नीलाम पत्र वाद की सुनवाई अब 26 मार्च को होगी। स्वास्थ्य विभाग ने बैंक ऑफ बड़ौदा के खिलाफ नीलाम पत्र वाद दायर किया था। वाद की सुनवाई जिला आपूर्ति पदाधिकारी के कोर्ट में हो रही है। मंगलवार को ही पूर्व एसडीओ कुमार अनुज बनाम शिक्षा विभाग वाद की सुनवाई होनी थी, जो 26 मार्च को ही होगी। शिक्षा विभाग ने पूर्व एसडीओ कुमार अनुज के खिलाफ करीब साढ़े तीन लाख रुपये वसूली के लिए नीलाम पत्र वाद दायर किया था।


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