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पोशाक की राशि से हुआ बच्चियों के शव की अंत्येष्टि, एक साथ उठी चारों अर्थियां, माहौल गमगीन

भाई बहन के पवित्र प्रेम को समर्पित लोक पर्व करमा धरमा के दौरान उस समय मातमी सन्‍नाटा पसर गया था जब बांध में डूबने से चार बच्चियों की मौत हो गई थी।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 10:41 PM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 10:41 PM (IST)
पोशाक की राशि से हुआ बच्चियों के शव की अंत्येष्टि, एक साथ उठी चारों अर्थियां, माहौल गमगीन
पोशाक की राशि से हुआ बच्चियों के शव की अंत्येष्टि, एक साथ उठी चारों अर्थियां, माहौल गमगीन

बांका, जेएनएन। शंभूगंज प्रखंड के घोषपुर गांव के समीप मंगिया बांध में चार बच्चियों के डूबकर मौत की घटना के दूसरे दिन बुधवार को भी माहौल गमगीन रहा। पोस्टमार्टम के बाद देर रात चारों बच्चियों का शव गांव लाया गया। इस क्रम में जब जब चारों बच्चियों की एक साथ अर्थी उठी तो स्वजनों के चीख - पुकार से पूरा गांव दहल गया। घोषपुर के अलावे कामतपुर, कुंथा सहित अन्य गांव का माहौल भी गमगीन था।

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शव की अंत्येष्टि सुल्तानगंज घाट पर किया गया।ज्ञात हो कि प्रमोद यादव की 12 वर्षीय पुत्री नेहा कुमारी को छोटे भाई सात वर्षीय अमर कुमार ने मुखाग्नि दी। दिनेश यादव के 13 वर्षीय पुत्री ताप्ति कुमारी को बड़े भाई नमीत कुमार कुमार , गोरेलाल पोद्दार के दस वर्षीय पुत्री नीलू कुमारी को छोटे भाई नितेश कुमार एवं अरूण के दस वर्षीय पुत्री सविता कुमारी को सबसे छोटे भाई संजीव कुमार द्वारा मुखाग्नि दी।

पीड़ित स्वजन रेखा देवी, राधा देवी, अरूण पोद्धार सहित अन्य ने बताया कि सभी गरीबी रेखा से नीचे बसर करते हैं। बच्ची के खाते में विद्यालय से मिलने वाली पोशाक राशि दो दिन पूर्व निकाले थे। ताकि करमा - धरमा पर बच्चियों को ड्रेस दे सके , लेकिन पोशाक के बदले कफन खरीदकर अंत्येष्टि का काम किया।

सहेलियों के मन से हट नहीं रहा दर्दनाक खौंफ का मंजर

मंगिया बांध में चारों बच्चियों के साथ नहाने पहुंची बांकि दर्जनों सहेलियों के मन से उस दर्दनाक खौंफ का मंजर नहीं जा रहा है। घटना के 30 घंटे बाद भी सहेली भयभीत हैं। मौसम कुमारी , साक्षी कुमारी , सोनम कुमारी , डोली कुमारी , अन्नु कुमारी , सुरूचि कुमारी सहित अन्य ने बताया कि साथ पढ़ने और खेलने वाली चारो सहेली ने किसी का क्या बिगाड़ा था। जो हमलोगों से सदा के लिए जुदा हो गई।

ग्रामीणों ने लोक पर्व करमा-धरमा नहीं मनाने का लिया संकल्प

पर्व के दिन इस दर्दनाक घटना के बाद घोषपुर के ग्रामीणों ने आजीवन करमा-धरमा नहीं मनाने का संकल्प ले लिया। पीड़ित स्वजनों के अलावे ग्रामीण विभाष यादव, बूचो यादव, प्रभाष रजक, सदानंद पोद्दार, पंकज पोद्दार, मुकेश कुमार सहित अन्य लोगों ने एक श्वर में कहा कि अब गांव से सदा के लिए करमा - धरमा का पर्व खत्म हो गया।

 

घटना के बाद मंगिया बांध हुआ सूना - गांव से करीब दो सौ मीटर दूर कसबा - घोषपुर सड़क किनारे हमेशा व्यस्त रहने वाली मंगिया बांध घटना के बाद वीरान पड़ गया। उक्त बांध पर सरकारी योजना से छठ पूजा के लिए करीब सौ मीटर तक पक्की घाट बनाया गया है। खासकर बरसात के मौसम में ग्रामीण युवा स्नान करने के साथ कपड़े की साफ - सफाई करते हैं। इधर, घोषपुर गांव के मंगिया बांध में चार बच्चियों की मौत के दो दिन बाद भी अब तक कोई सरकारी लाभ नहीं मिला है। पंचायत के मुखिया विशाखा देवी ने बताया कि कबीर अंत्येष्ठी के तहत पीड़ित को तीन-तीन हजार का सहायता राशि दी जाएगी।

आपदा विभाग के तहत आर्थिक सहायता दिलाने की कागजी प्रक्रिया जारी है। जिला से स्वीकृति आदेश मिलते ही लाभ दी जाएगी। - अशोक कुमार सिंह, सीओ


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