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कहलगांव के पूर्व एसडीपीओ मनोज कुमार सुधांशु निलंबित, जानिए वजह Bhagalpur News

कहलगांव के पूर्व एसडीपीओ मनोज कुमार सुधांशु को गृह विभाग ने निलंबित कर दिया। उनपर अपराधियों का साथ देने सहित कई मामलों में लापरवाही का आरोप है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 01:40 PM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 01:40 PM (IST)
कहलगांव के पूर्व एसडीपीओ मनोज कुमार सुधांशु निलंबित, जानिए वजह Bhagalpur News
कहलगांव के पूर्व एसडीपीओ मनोज कुमार सुधांशु निलंबित, जानिए वजह Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। कहलगांव के तत्कालीन एसडीपीओ मनोज कुमार सुधांशू को सरकार ने बुधवार को निलंबित कर दिया है। निलंबन की अवधि में उनका मुख्यालय गया डीआइजी का कार्यालय होगा। वे वर्तमान में डुमरांव स्थित बीएमपी-4 में डीएसपी के रूप में तैनात हैं। गृह विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। गृह विभाग ने बगैर अनुमति उनके मुख्यालय छोडऩे पर भी रोक लगा दी है। मनोज पर आरोप है कि उन्होंने कहलगांव थाने में पासिंग गिरोह के विरुद्ध दर्ज कांड 337/18 तारीख 28 मई 2018 में जांच मिलने पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा उन्होंने इस मामले में जब्त करीब 50 लाख रुपये को छोडऩे के लिए एनओसी दे दिया गया।

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पांच माह के भीतर एक ही जिले में दूसरी बार हुआ स्थानांतरण

मनोज कुमार सुधांशू 29 सितंबर 2018 को भागलपुर में मुख्यालय डीएसपी-1 के रूप में तैनात किए गए थे। लेकिन पांच माह के भीतर ही 18 फरवरी 2019 को उनका स्थानांतरण कहलगांव एसडीपीओ के रूप में हो गया। बता दें कि कहलगांव एएसपी मु. दिलनवाज अहमद के तबादले के बाद जगह रिक्त था। पांच माह के भीतर ही एक ही जिले के अनुमंडल में डीएसपी के स्थानांतरण के बाद कई प्रश्न खड़े हुए थे।

इंट्री पासिंग गिरोह मामले में फंस गई गर्दन

तत्कालीन कहलगांव एएसपी मु. दिलनवाज अहमद ने 25 मई 2018 को इंट्री पासिंग गिरोह के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की। इस दौरान इंट्री पासिंग गिरोह का लालू मंडल, गौतम मंडल, विकास पंडित आदि दबोचे गए। इनके पास से ही करीब 50 लाख रुपये नकद व खाते में पुलिस ने जब्त किया। इस मामले की जांच तत्कालीन डीएसपी रमेश कुमार को सौंपी गई। उनके तबादले के बाद जांच मनोज कुमार सुधांशू को मिली। डीआइजी विकास वैभव ने इस केस की समीक्षा की थी। उन्होंने पाया था कि गिरोह के बैंक खाते में पुलिस ने 50 लाख रुपये जब्त किये थे।

जब्त राशि की हो गई निकासी

इस मामले में तत्कालीन जांचकर्ता डीएसपी मुख्यालय रमेश कुमार ने उक्त राशि को जांच में सबूत माना था और यह साबित किया था कि कैसे इंट्री माफिया अवैध कमाई से लाखों रुपये जमा किये हुए हैं। लेकिन मनोज कुमार सुधांशू ने अभियुक्त के बैंक खाते में जमा की गई अवैध राशि एवं संपत्ति को पीएमएलए एक्ट के तहत जब्त करने की कार्रवाई नहीं की। बल्कि जब्त किए गए फ्रीज बैंक खातों को रिलीज कराने के लिए न्यायालय में अनापत्ति प्रमाणपत्र दे दिया। जिससे अभियुक्तों ने मोटी धनराशि बैंक से निकाल ली।


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