Move to Jagran APP

भाकपा के पूर्व विधायक अंबिका प्रसाद का निधन, हर वर्ग के लोगों के चहेते नेता थे

पूर्व विधायक अंबिका प्रसाद जन जन के नेता थे। पीरपैंती क्षेत्र का विधायक नहीं रहने के बावजूद भी उतना ही ध्‍यान देते थे जितना विधायक के रूप में देते थे। उनके निधन पर हर ओर शोक है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 09:39 AM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 03:55 PM (IST)
भाकपा के पूर्व विधायक अंबिका प्रसाद का निधन, हर वर्ग के लोगों के चहेते नेता थे
भाकपा के पूर्व विधायक अंबिका प्रसाद का निधन, हर वर्ग के लोगों के चहेते नेता थे

भागलपुर [जेएनएन]। पीरपैंती विधानसभा के भाकपा के पूर्व विधायक अंबिका प्रसाद (91 वर्ष) का शनिवार रात निधन हो गया। वे काफी दिनों से बीमार थे। शनिवार की रात तबीयत बिगड़ने पर उन्हें इलाज के लिए भागलपुर लाया जा रहा था। पर सबौर के पास रात 10.20 बजे उनका निधन हो गया। 1969 से 2000 तक हुए आठ चुनावों में वे छह बार विधायक चुने गए थे। वर्ष 1998 में अंबिका प्रसाद भागलपुर से लोस चुनाव भी लड़े थे। वे अपने पीछे चार पुत्र डॉ. अरविंद, अंबरेश, अमरेंद्र, अनुरंजन और एक पुत्री सोफिया को छोड़ गए। वे कहलगांव प्रखंड के बोरहिया गांव में रहते थे। पार्थिव शरीर को गांव में रखा गया है। रविवार को दाह संस्कार किया जाएगा।

loksabha election banner

पूर्व विधायक अंबिका प्रसाद के निधन की सूचना मिलते ही पीरपैंती में शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन पर सांसद बुलो मंडल, विधायक रामविलास पासवान, पूर्व जिप अध्यक्ष शंभू दयाल खेतान, जदयू जिला अध्यक्ष विभूति गोस्वामी, कांग्रेस अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह, प्रखंड प्रमुख रश्मि कुमारी, उप प्रमुख सीमा चक्रवर्ती, पूर्व विधायक अमन कुमार, अरबिन्द साह, मुखिया संघ प्रदेश उपाध्यक्ष झुंम्पा सिंह, सीपीआई अंचल मंत्री बलराम निराला, सहायक अंचल मंत्री प्रो भोला यादव, देव कुमार यादव, लक्ष्मण मिश्र, अशोक यादव, मोहन यादव, सीपीएम के अवधेश पोद्दार, जदयू अध्यक्ष विवेका गुप्ता, भाजपा अध्यक्ष शिवबालक तिवारी, सितांसु मण्डल, जिप सदस्य पप्पू यादव, अम्बिका मंडल, राजद अध्यक्ष रमेश रमन, कैलाश यादव आदि ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त किया है।

डॉ शंभू खेतान ने कहा कि अंबिका बाबू सिद्धांत की लड़ाई लडऩे वाले बिहार के पहले व्यक्ति थे। अम्बिका बाबू को हर दलों में काफी सम्मान था। राजद सुप्रीमो लालू यादव भी उनसे राजनीतिक मंत्रणा एवं सलाह लिया किया करते थे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ भी उनका मधुर संबंध थे। हर दलों के नेता उनका काफी सम्मान करते थे। वह मजदूर व किसान के हितों में हमेशा लड़ाई लड़ते रहे। पहली बार 1966 मे वे विधायक बने थे। हर वर्ग के लोगों के चहेते नेता थे। 90 वर्ष के उम्र पर भी गरीबों, किसानों के हित मे आंदोलन करते रहे। पीरपैंती क्षेत्र में नक्सलवाद के खिलाफ उन्होंने लड़ाई लड़ी। 1989 से नक्सलवाद को खत्म करने में उनकी अहम भूमिका रही थी। क्रांतिकारी नेता के रूप में वह जाने जाते थे। सादगी जीवन जीने वाले थे अंबिका बाबू। वे किसान व मजदूरों की आवाज को हमेशा बुलंद करते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.