सृजन घोटाला : बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व क्लर्क को भेजा जेल, नजारत शाखा करेगा मनी सूट Bhagalpur News
आरोपितों ने 2009 से लेकर 2017 के बीच विभिन्न सरकारी योजनाओं का 317398000 रुपये सरकारी खाते से फर्जी तरीके से सृजन के खाते में स्थानांतरित करा दिया।
भागलपुर [जेएनएन]। करोड़ों के सृजन घोटाले में भागलपुर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन क्लर्क संतोष कुमार सिन्हा ने सीबीआइ की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में 25 सितंबर तक के लिए बेउर जेल भेज दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपित की अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी। ट्रायल कोर्ट में आत्मसमर्पण का निर्देश दिया था।
सीबीआइ ने मामले में 2017 में प्राथमिकी दर्ज की थी। मामले में आरोपित सिन्हा सहित भागलपुर जिला परिषद के तत्कालीन जिला विकास आयुक्त प्रभात कुमार सिन्हा और तत्कालीन नाजिर राकेश कुमार, इंडियन बैंक के तत्कालीन प्रबंधक देव शंकर मिश्रा, सहायक प्रबंधक प्रवीण कुमार, वरुण कुमार और सुब्रत दास, तत्कालीन क्लर्क राम कृष्ण झा और अजय कुमार पांडेय, बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन वरीय प्रबंधक नवीन कुमार, तत्कालीन सहायक प्रबंधक अमरेंद्र प्रसाद साहू, बैंक अधिकारी अतुल रमण और सृजन महिला विकास समिति की तत्कालीन प्रबंधक सरिता झा के खिलाफ 16 दिसंबर 2018 को आरोपपत्र दायर किया था। सीबीआइ के अनुसार इस मामले में आरोपितों ने 2009 से लेकर 2017 के बीच विभिन्न सरकारी योजनाओं का 31 करोड़ 73 लाख 98 हजार रुपये सरकारी खाते से फर्जी तरीके से सृजन के खाते में स्थानांतरित करा दिया। सभी पर बाद में सृजन के खाते से रुपये निकाल आपस में बांट लेने का भी आरोप है।
कैश बुक और बैंक स्टेटमेंट का अध्ययन करेंगे सरकारी वकील
सृजन घोटाला में जिला नजारत के बैंक खाते से हुई 220 करोड़ रुपए की अवैध निकासी मामले में प्रशासन सिविल कोर्ट में मनी सूट दायर करेगा। इसके पूर्व सरकारी वकील कैश बुक और बैंक स्टेटमेंट का अध्ययन करेंगे। नजारत शाखा द्वारा सरकारी वकील को कैश बुक और बैंक स्टेटमेंट उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके पूर्व वकील को एफआइआर से संबंधित कागजात उपलब्ध कराए गए थे। इन कागजातों के अध्ययन के बाद कैश बुक और बैंक स्टेटमेंट की मांग की गई। बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक पर मनी सूट दायर किया जाएगा।
सिविल कोर्ट में मनी सूट करने के लिए प्रशासन ने सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। इसमें नजारत की ओर से की गई चार प्राथमिकी से लेकर घोटाले में फंसे पूर्व सहायक नाजिर अमरेंद्र यादव की फाइल तैयार की गई है। इस मामले में पूर्व सहायक नाजिर अमरेंद्र यादव अभी बेउर जेल में बंद है।
सबसे पहले उजागर हुआ था करोड़ों का सृजन घोटाला
नजारत से सबसे पहले 12 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसके बाद ही सृजन घोटाला उजागर हुआ था। इसमें प्रशासन की ओर से राशि की निकासी के लिए जब चेक बैंक भेजा गया तो लगातार तीन बार बाउंस हो गया। इसके बाद ही तत्कालीन डीएम आदेश तितरमारे ने इसकी जांच के लिए टीम गठित की थी। टीम की जांच में यह बात सामने आई थी कि राशि का सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया है। इसके बाद जांच में लगातार गड़बड़ी सामने आती गई और इस पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसमें कैशबुक में अनियमितता और उसे अपडेट नहीं रखने के मामले में पूर्व सहायक नाजिर अमरेंद्र यादव भी फंसे और फिर आगे सीबीआइ की जांच में वह फंस गया। इसके साथ ही नजारत के मामले की ऑडिट महालेखाकार की टीम ने भी और इसमें करीब 220 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का मामला सामने आया।