पंचतत्व में विलीन हो गए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र, CM भी हुए शवयात्रा में शामिल Supaul News
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र का निधन 19 अगस्त 2019 दिल्ली के एक अस्पताल में हुआ। 21 अगस्त को उनका अंतिम संस्कार सुपौल में कर दिया गया।
सुपौल [जेएनएन]। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र का 21 अगस्त 2019 उनके पैतृक गांव बलुआ बाजार में दाह संस्कार हुआ। तीन बजे उनके शव को घाट पर लाया गया। इसको लेकर बलुआ बाजार स्थित उनके पैतृक आवास पर सुबह से ही लोगों की भारी भीड़ उमड़ती हुई दिख रही है, कड़ी धूप होने के बावजूद भी लोग अपने लोकप्रिय नेता का अंतिम दर्शन करने एवं उनके दाह संस्कार में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं। साथ ही उनके दाह संस्कार कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा अध्यक्ष विजय नारायण चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे हेलीकॉप्टर से बलुआ बाजार पहुंचे। इनके अलावा इलाके के गणमान्य व अधिकारियों का पहुंचने का सिलसिला सुबह से ही जारी रहा। आसपास के गांव के हजारों की संख्या में लोग बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र का अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं।
मुख्यमंत्री एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों के आगमन हेतु सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी खुद सुपौल के एसपी मृत्युंजय चौधरी कर रहे हैं। विधि व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था का व्यापक इंतजाम किया गया है। भारी भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पुलिस फोर्स की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। आसपास के सड़कों को सील कर दिया गया है या रूट डायवर्ट कर दिया गया है। सुपौल जिलाधिकारी महेंद्र कुमार खुद सभी चीजों का बारीकी से ध्यान रख रहे हैं। तेज गर्मी के कारण लोगों को पीने की पानी उपलब्धि रहे इसकी भी ठोस व्यवस्था की गई है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई है डॉग स्क्वायड एवं अन्य माध्यमों से निगरानी की जा रही है। लोग बार-बार डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा अमर रहे का उद्घोष कर रहे हैं। उनका शव गांव पहुंचते ही उनके अंतिम दर्शन को सैलाब उमड़ पड़ा है ।
सोमवार को दिल्ली में हुआ था निधन
बता दें कि डॉ जगन्नाथ मिश्रा तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। पहली बार उन्होंने मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी वर्ष 1975 में संभाली तो दूसरी बार वे 1980 में मुख्यमंत्री बने। आखिरी बार वे वर्ष 1989 से 1990 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद वह 90 के दशक में केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री भी रहे। उन्होंने अपने कॅरियर की शुरुआत लेक्चरर के तौर पर की थी। बाद में उन्होंने बिहार यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के तौर पर अपनी सेवाएं दीं। मिथिलांचल के सबसे कद्दावार नेताओं में उनका नाम शुमार किया जाता है। गौरतलब है कि 19 अगस्त 2019 को लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के एक अस्पताल में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली थी।
पुख्ता सुरक्षा इंतजाम
वहीं, सुपौल के जिलाधिकारी महेंद्र कुमार ने उनके आवास पर जाकर सभी चीजों का बारीकी से मुआयना किया। जिलाधिकारी ने स्पष्ट आदेश दिया कि पूर्व मुख्यमंत्री के दाह-संस्कार में भारी भीड़ आने की प्रबल संभावना है। उन्होंने अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया कि सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की जाए। साथ ही लोगों के आने-जाने एवं ठहरने के लिए उपयुक्त जगह का निरीक्षण किया। साफ-सफाई और लोगों को पीने के लिए साफ पानी का प्रबंध करने के लिए उन्होंने अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर मिश्र के दाह-संस्कार में बड़ी-बड़ी हस्तियों की शामिल होने की जानकारी है। इस कारण सभी आलाधिकारियों को उनका दायित्व सौंपा गया है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर की निगरानी भी बढ़ा दी गई गई है।