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दुष्कर्म जैसी वारदात में भी वर्षों से फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार Bhagalpur News

मामले की सुनवाई में देरी से आरोपितों को इसके लाभ की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। जिनमें रिपोर्ट की प्रतीक्षा है वे चार-पांच साल पुराने मामले हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 04:14 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 04:14 PM (IST)
दुष्कर्म जैसी वारदात में भी वर्षों से फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार Bhagalpur News
दुष्कर्म जैसी वारदात में भी वर्षों से फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार Bhagalpur News

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। एक ओर दुष्कर्म जैसे संगीन अपराध में त्वरित न्याय पर बहस हो रही है, वहीं दूसरी ओर सिर्फ फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण एक दर्जन से अधिक मामले लंबित पड़े हैं। वह भी बच्चियों के साथ। मुकदमे की जांच में पुलिस ने चुस्ती दिखाई तो फॉरेंसिक साइंस लेबोरट्री (एफएसएल) सुस्त पड़ गई। पॉक्सो की विशेष अदालत के न्यायाधीश विनोद तिवारी और विशेष लोक अभियोजक द्वारा बार-बार पत्राचार का भी कोई असर नहीं। फारेंसिक लैब, पटना से अब तक अदालत को जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है। नतीजा, रिपोर्ट के बिना अदालत की कार्रवाई अटकी पड़ी है।

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मामले की सुनवाई में देरी से आरोपितों को इसके लाभ की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। जिनमें रिपोर्ट की प्रतीक्षा है, वे चार-पांच साल पुराने मामले हैं। नवगछिया महिला थाना और कहलगांव थाना में वर्ष 2017 और 2018 में दर्ज मुकदमों समेत 16 ऐसे मामले हैं, जिनमें रिपोर्ट नहीं आई है। सभी में बच्चियों के साथ दुष्कर्म का आरोप है। अमूमन मुकदमों की तफ्तीश में पुलिस पर शिथिलता के आरोप रहे हैं, लेकिन यहां स्थिति विपरीत है। इन मामलों में पुलिस का पक्ष मजबूत है, पर एफएसएल की रिपोर्ट नहीं मिलने से मामले लटके हैं। न्यायालय पूर्व में भी रिपोर्ट को लेकर तल्ख टिप्पणी कर चुका है।

मौका-ए-वारदात से जब्त साक्ष्य हम

दुष्कर्म के मामलों में मौका-ए-वारदातसे पुलिस द्वारा इकट्ठा किया गया साक्ष्य अहम होता है। पीडि़ता के कपड़े आदि की जांच रिपोर्ट महत्वपूर्ण मानी जाती है। फारेंसिक जांच में यह स्पष्ट होता है कि पीडि़ता या उसके परिजन की ओर से लगाए गए आरोप पुष्ट हैं या असत्य हैं। भागलपुर में फॉरेंसिक लैब की व्यवस्था शुरू हुए साल भर से उपर हो गए हैं, जहां से नये मामलों में समय पर रिपोर्ट दी जा रही है। लेकिन इससे पहले के मुकदमों में पटना स्थित फॉरेंसिक लैब में भेजे गए एक दर्जन से अधिक जांच रिपोर्ट अब तक नहीं दी गई है।

बच्चियों के साथ एक दर्जन से अधिक दुष्कर्म के मुकदमे फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण फैसले को लंबित हैं। कई बार निदेशक को पत्र भेजा जा चुका है। - शंकर जयकिशन मंडल, विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो, भागलपुर


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