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घरेलू व्यापार को हड़प रही है विदेशी कंपनियां : कश्मीरीलाल

विदेशी कंपनियां हमारे देश के छह करोड़ छोटे-बड़े दुकानदारों, रेहड़ी ठेलेवालों का रोजगार छीनने पर आमदा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 02:50 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 02:50 PM (IST)
घरेलू व्यापार को हड़प रही है विदेशी कंपनियां : कश्मीरीलाल
घरेलू व्यापार को हड़प रही है विदेशी कंपनियां : कश्मीरीलाल

सहरसा। स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय संगठक कश्मीरीलाल ने कहा कि अमेजन, अलीबाबा, बालमार्ट जैसी विदेशी कंपनियां हमारे देश के छह करोड़ छोटे-बड़े दुकानदारों, रेहड़ी ठेलेवालों का रोजगार छीनने पर आमदा है। हम इन विदेशी कंपनियों को अपना घरेलू व्यवसाय छीनने नहीं देंगे। इन मुद्दों को लेकर 28 सितम्बर को कैट द्वारा आयोजित भारत बंद का मंच समर्थन करेगा। वे सोमवार को सहरसा स्थित संघ भवन में एक कार्यक्रम में शिरकत करने से पूर्व पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा कई उपलब्धियां हासिल करने के बावजूद रोजगार सृजन का मामला अभी अपेक्षाकृत कमजोर है। हर माह दस लाख बेरोजगार युवा इस कड़ी में जुड़ते जा रहे हैं। कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा स्किल इंडिया, स्टार्टअप मुद्रा सरीखी कई योजनाएं प्रारंभ की गई है, परंतु वह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है। स्वदेशी जागरण मंच की ओर से उन्होंने एसपी गुप्ता कमेटी रिपोर्ट को नए सिरे से खंगाल कर लघु, कुटीर, मझोले उद्योगों एवं कृषि क्षेत्र में नई रोजगार की संभावनाओं को तलाशने की मांग की। कहा कि पर्यावरण संरक्षण हमारी सबसे बड़ी जरूरत बन गई है। एक विषमुक्त खेती ओर दूसरा नदियों के अतिक्रमण हटाने, इन्हें स्वच्छ एवं अविरल बनाने का उपाय करना होगा। क्योंकि पर्यावरण संबंधी हर रिपोर्ट पहले से ज्यादा गंभीर, भयावह और चेतावनी देनेवाली आ रही है। राष्ट्रीय संगठक ने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने खाद्य पदार्थ में पौष्टिक तत्व मिलाने संबंधी नोटिफिकेशन जारी किया है। इससे देश के फूड चेन को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। खाद्य पदार्थों में आयातित सेथेंटिक विटामिनों से जनता की सेहत को फायदा पहुंचने के बजाय नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने एफएसएसएआई पारदर्शिता बरतते हुए पार्टनर लिस्ट में एम्स जैसे संस्थानों को शामिल करने की मांग की। अंतरराष्ट्रीय आर्थिक परि²श्य व भारत में उसकी भूमिका की चर्चा करते हुए कहा कि आज जिस प्रकार अमेरिका व चीन एक दूसरे पर आर्थिक प्रतिबंध लगा रहा है। उससे वैश्विक गंभीर परिणाम हो सकते हैं। दोनो देश एक दूसरे पर कड़े आयात कर लगाने लगे हैं। अमेरिका अन्य देशों से भी संघर्षरत है, परंतु लगता है कि वह इन देशों से कुछ समझौते कर चीन से होनेवाली व्यापारिक कठिनाईयों को ठीक करना चाहता है। कहा कि गत दीवाली की तरह अगर सभी देशवासी मिलकर चीनी सामान लेना बंद कर दें, तो अपने छोटे उद्योग धंधों व रोजगार की संभावनाएं बढ़ा सकते हैं। हम अपने देश के लघु उद्योग कृषि में खाद्य प्रौद्योगिकी, युवा शक्ति का प्रयोग करते हुए उद्यमशीलता कर अपने देश को पुन: विश्व का नेतृत्व करने में सक्षम बना सकते हैं। मौके पर संगठन के प्रांत सह संयोजक विजय कुमार ¨सह, विभाग संयोजक रूपेश कुमार झा, जिला संयोजक गोपाल कुमार चौधरी आदि मौजूद रहे।

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