सहरसा स्टेशन पर नहीं मिलता है भोजन, भूखे पेट रात गुजारते हैं यात्री
सहरसा स्टेशन पर लंबी दूरी के ट्रेनों का ठहराव होने के बाद भी यहां रेलवे विभाग ने यात्रियों के लिए भोजन की कोई व्यवस्था नहीं की है। यहां का भोजनालय वर्षो से बंद पड़ा है। स्टेशन पर कुव्यवस्था के लिए यात्री रेल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हैं।
सहरसा [राजन कुमार] । रेल यात्रियों को भूखे पेट ही रात गुजारनी पड़ रही है। पूर्व मध्य रेल सहरसा स्टेशन पर यात्रियों को कैंटीन के अभाव में भूखे रहना पड़ रहा है। सहरसा स्टेशन पर लंबी दूरी की कई ट्रेनें रात को आती हैं। रात को आनेवाली ट्रेनों में दर्जनों यात्री ग्रामीण क्षेत्र के रहनेवाले होते हैं। ऐसे यात्री रात में स्टेशन पर रात गुजारते हैं। फिलहाल सहरसा स्टेशन पर रात गुजारना किसी यातना से कम नहीं है।
स्टेशन पर नहीं है कैंटीन की व्यवस्था
स्टेशन पर कैंटीन बंद पड़ा है। खाने के लिए गिनती के एक दो स्टॉल खुले हैं जिसमें बिस्किट व पानी के सिवा कुछ नहीं मिलता है। ऐसे में यात्रियों के समक्ष विकट स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जो यात्री अकेले रहते हैं वे तो सामान लिए बाहर निकलने में भी उन्हें परेशानी है। आखिर सामान उठाए वह बाजार के होटल तक कैसे जाएं। लेकिन परिवार के साथ यात्रा करनेवाले तो अपने परिवार को सामान सहित स्टेशन पर छोड़कर पास के बाजार जाना उनके लिए आसान हो जाता है। लेकिन रात में बाजार जाना भी इनके लिए परेशानी का कारण बन सकता है। देर रात में होटल भी बंद हो जाते हैं।
दस बजे रात में आती है कोसी
पटना से सहरसा के बीच चल रही कोसी एक्सप्रेस रात के दस बजे तक आ जाती है। वहीं दिल्ली से सहरसा के बीच चल रही क्लोन हमसफर एक्स्प्रेस भी रात को ही सहरसा आती है। इसके अलावा वैशाली एक्सप्रेस ट्रेन भी रात को ही सहरसा पहुंचती है। ऐसे में तीन तीन लंबी दूरी की ट्रेन सहरसा पहुंचती है और सैकड़ों की संख्या में यात्री सहरसा उतरते हैं। शहरी क्षेत्र में जानेवाले यात्री तो किसी तरह चले जाते हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के रहनेवाले यात्रियों के समक्ष परेशानी होती है कि उन्हें रात को अपने गांव जाने के लिए कोई सवारी गाड़ी नहीं मिलती है। महिषी के रहनेवाले अमित बताते हैं कि वे कोसी से सहरसा रात के करीब दस बजे पहुंचे लेकिन घर जाने की कोई सवारी नहीं मिली। मजबूरन स्टेशन पर ही ठंड भरी रात गुजारनी पड़ी। लगेज के कारण बाजार खाने के लिए भी नहीं जा सका । यह हाल किसी एक का नहीं कमोबेश सबों की हालत एक जैसी रहती है।
वर्षों पूर्व बंद हुआ कैंटीन
सहरसा स्टेशन समस्तीपुर मंडल अंतर्गत ए ग्रेड स्टेशन में शामिल है। पहले यहां भोजनालय कैंटीन की व्यवस्था थी। लेकिन, पिछले एक दशक से यह भोजनालय बंद पड़ा हुआ है। इन दिनों यात्री सुविधाओं के विस्तार में सहरसा स्टेशन पर पिछले वर्ष से ही फूड प्लाजा खोला गया। फूड प्लाजा में यात्रियों को कैंटीन की सारी सुविधा मिलती थी। भोजन मिलने से यात्री खुश थे। मार्च माह 20 में ही लॉकडाउन के कारण फूड प्लाजा बंद है। फूड प्लाजा में इन दिनों यात्रियों को बिस्किट पानी मिलता है लेकिन भोजनालय बंद है।
सहरसा से चलती है स्पेशल ट्रेन
पूर्व मध्य रेल सहरसा से कई स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू है। लेकिन सहरसा स्टेशन पर कई कैंटीन बंद पड़े हुए हैं। अमूल का कैंटीन कई महीनों से बंद पड़ा हुआ है। नाम का एक दो स्टॉल खुला रहता है। जिससे यात्रियों की परेशानी बढ़ी हुई है। सहरसा स्टेशन पर यात्रियों को शुद्ध पेयजल भी उपलब्ध नहीं है। बोतल बंद पानी पीने को विवश है।
शीघ्र खुलेगा फूड प्लाजा
सहरसा स्टेशन पर यात्रियों के लिए फूड प्लाजा आईआरसीटीसी द्वारा खोला गया है। लेकिन लॉकडाउन के कारण प्रभावित है। उसे शीघ्र खोलने को कहा जा रहा है।
प्रमोद कुमार, सीनियर सुपरवाइजर, आईआरसीटीसी