बाढ़ में डूबा मत्स्य पालकों का अरमान, पोखरों में पानी भरने से बह गई मछलियां
मधेपुरा में मछली पालकों को बाढ़ के कारण काफी परेशानी हुई। पोखर में पानी भर जाने के कारण मछलियां वहां से भाग गई। मछली पालकों को लाखों का नुकसान हुआ।
मधेपुरा, जेएनएन। एक तो कोरोना संकट ऊपर से बाढ़ ने तो मत्स्य पालकों की कमर ही तोड़कर रख दी। आलमनगर विघानसभा क्षेत्र के पुरैनी, चौसा एवं उदाकिशुनगंज प्रखंड में बारिश व बाढ़ के कारण 20 हजार से अधिक मत्स्य पालकों को करोड़ों का नुकसान हुआ है। आलमनगर प्रखंड के 14 पंचायत, पुरैनी के नौ पंचायत, चौसा के 13 एवं उदाकिशुनगंज के नौ पंचायत के मत्स्य पालक इससे प्रभावित हुए हैं।
हजारों टन मछली बाढ़ के पानी में बह गया
अनुमान के मुताबिक हजारों टन मछली बाढ़ के पानी में बह गया। मालूम हो कि पानी की अधिकता के कारण इस क्षेत्र में काफी संख्या में लोग मछली पालन करते हैं। लेकिन इस बार तालाब में अधिक पानी बढ़ने के कारण मछली बह गया। मत्स्य सोसाइटी के मंत्री नकुल सिंह ने बताया कि इस बार अन्य सालों से अधिक बारिश हुई है। करोड़ों रुपए का मत्स्य बीज एवं पिछले साल का मछली जो तालाबों में पाला जा रहा था, कोसी के जलस्तर में वृद्धि होने की वजह से सभी तलाब में पानी भर कर बाहर जाने लगा। इससे तालाब की मछलियां भी बह गई।
मुआवजे की मांग
विभाग के वरीय पदाधिकारी को मत्स्य पालक को हुए नुकसान को लेकर लगातार अवगत कराया जा रहा है। जल्द ही तलाब मालिकों को मुआवजा मिले, इसको लेकर प्रयासरत हैं। मत्स्य पालकों का कहना है कि अगर प्रशासन इस दिशा में पहल कर मुआवजा नहीं देती है तो उनलोगों के सामने भुखमरी की स्थिति आ जाएगी। यह स्थिति भी नहीं है कि फिर से बीज लाकर मत्स्य पालन शुरू किया जाय। कोरोना के कारण पहले से ही आर्थिक संकट झेल थे। लेकिन बची-खुची पूंजी बाढ़ व बारिश ने तबाह कर दी है।
मुख्य बातें
- 20 हजार मत्स्य पालकों के सामने गहराई समस्या
- 14 आलमनगर, नौ-नौ उदाकिशुनगंज व पुरैनी
- 13 पंचायत है चौसा में
- मत्स्य पालकों ने प्रशासन से मांगा मुआवजा