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2016 जैसी भयावह होने लगी बाढ़, हर किसी को छोडऩा पड़ा था घर-द्वार, देखें... Live तस्वीरें Bhagalpur News

केंद्रीय जल आयोग बेतार केंद्र हनुमान घाट के स्थल प्रभारी जितेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि प्रत्येक चार घंटे पर एक सेंटीमीटर जलस्तर में वृद्धि हो रही है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 29 Sep 2019 03:26 PM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2019 03:26 PM (IST)
2016 जैसी भयावह होने लगी बाढ़, हर किसी को छोडऩा पड़ा था घर-द्वार, देखें... Live तस्वीरें Bhagalpur News
2016 जैसी भयावह होने लगी बाढ़, हर किसी को छोडऩा पड़ा था घर-द्वार, देखें... Live तस्वीरें Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। बीते 3 दिनों से जिले में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। अब तक तीन दिनों में औसतन 209.21 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है। इधर रविवार की सुबह तक जहां गंगा के जलस्तर धीरे-धीरे कमी आ रही थी , दोपहर बाद से एक बार फिर बढऩा शुरू हो गया है। केंद्रीय जल आयोग बेतार केंद्र हनुमान घाट के स्थल प्रभारी जितेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि प्रत्येक चार घंटे पर एक सेंटीमीटर जलस्तर में वृद्धि हो रही है। उन्होंने पूर्वानुमान में सोमवार की शाम चार बजे तक खतरे के निशान से एक मीटर तीन सेंटीमीटर उपर पहुंच जाने की बात कही है।

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यूं कहे कि तीन वर्ष पूर्व 2016 में आई भीषण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होते जा रही है। वह बाढ़ तो इतनी भयावह थी कि हर किसी को घर द्वार छोडऩा पड़ा था। दो माह तक लोग राहत शिविर में ही रह गए थे।

हालांकि इस बार भी बीते नौ दिनों से भागलपुर में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है। सुल्तानगंज से लेकर पीरपैंती तक के लोगों का बुरा हाल है। सबौर में बाढ़ के पानी से एनएच 80 में कटाव हो जाने के कारण भागलपुर कहलगांव मुख्य मार्ग पर आवाजाही पूरी तरह ठप है।

इधर रविवार को नाथनगर चंपा पुल का सड़क धंसने के कारण वहां भी प्रशासन ने बैरियर लगा आवाजाही को एहतियातन सुरक्षा को लेकर बंद कर दिया है। गंगा के जलस्तर में एक बार फिर हो रही वृद्धि के कारण बाढ़ ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है यूं कहे कि यहां बाढ़ और बारिश की वजह से लोग नारकीय जीवन जीने को विवश हैं।

बीते नौ दिनों से प्रभावित लोग घर से बाहर जहां-तहां ऊंचे स्थानों पर बारिश के बीच जी रहे हैं। इनके बाल बच्चों और पशुओं को भरपेट भोजन भी नसीब नहीं हो रहा है। प्रशासन द्वारा मुहैया की जा रही राहत सामग्रियां महज ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। अब तो लोग राहत शिविरों में बीमार भी पडऩे लगे।

बहरहाल गंगा खतरे के निशान से 58 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है । पूर्वानुमान के अनुसार सोमवार संध्या चार तक खतरे के निशान से 63 सेंटीमीटर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। वर्तमान जलस्तर 34.24 मीटर है , जबकि खतरे का निशान 33.68 मीटर है।

नरकटिया जमींदारी तटबंध पर दबाव कायम, दहशत

बिहपुर-खरीक की सीमा पर नरकटिया गांव के समीप गंगा जमींदारी तटबंध पर बाढ़ के पानी का दबाव कायम है। इससे बिहपुर, खरीक और नारायणपुर के लाखों लोग डरे-सहमे हैं। कई गांवों से लोगों का पलायन जारी है। नरकटिया, लत्तीपुर, गौरीपुर, अमरपुर, सोनवर्षा, बभनगामा आदि गांवों के सैकड़ों ग्रामीण तीन दिनों से तटबंध पर ही डेरा डाले हैं। ग्रामीणों का आरोप था कि जल संसाधन विभाग द्वारा कटाव रोकने के लिए कम मजदूरों को लगाया गया है, जिस कारण कटाव नहीं थम रहा। ग्रामीणों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों समेत पूर्व विधायक ई. शैलेंद्र द्वारा जल संसाधन मंत्री संजय झा से इसकी शिकायत करने पर मंत्री ने तत्काल विभाग के चीफ इंजीनियर राजेश कुमार को फोन कर बांध को हरहाल में बचाने का निर्देश दिया, जिसके बाद कटाव स्थल पर बोल्डर गिराया गया।

डीएम प्रणव कुमार भी तटबंध पर नजर बनाए हुए हैं। तटबंध की सुरक्षा को लेकर क्षेत्र में मां गंगे की पूजा-प्रार्थना भी तेज हो गई है। तटबंध टूटने की आशंका से हर तरफ भय और ङ्क्षचता का माहौल बना हुआ है। सभी बदहवास हैं। तटबंध टूटा तो दर्जनों गांवों में तबाही मच जाएगी। पूर्व विधायक ई.शैलेन्द्र ने नवगछिया एसडीपीओ प्रवेंद्र भारती को फोन कर तटबंध पर पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति कराने की मांग की है।

जदयू के राज्य परिषद सदस्य बुलंजी चौधरी, प्रखंड जदयू व्यवसायिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मनोज लाल, सोनवर्षा की मुखिया नीनारानी, सरपंच प्रमोद ङ्क्षसह, लालमोहन, भाकपा के कामरेड निरंजन चौधरी, रामशरण यादव, पूर्व मुखिया राजीव सनगही, सवर्ण सेना के जिलाध्यक्ष सानू सनगही आदि तटबंध पर श्रमदान करने में जुटे हैं।

 

लक्ष्मीपुर तटबंध पर पानी का दबाव, एसडीओ ने लिया जायजा

एसडीओ मुकेश कुमार ने लक्ष्मीपुर तटबंध का जायजा लिया। तटबंध पर गंगा नदी के पानी का दबाव बना है। एसडीओ ने तटबंध पर निगरानी बनाए रखने का निर्देश दिया। तटबंध टूटा तो नवगछिया अनुमंडल कार्यालय, एसपी कार्यालय, एसडीपीओ कार्यालय जलमग्न हो गया जाएगा।

मवेशी के साथ गंगा में बहे युवक को ग्रामीणों ने बचाया

पीरपैंती बाजार मरगंग पुल से आगे दियारा का एक युवक मवेशी के साथ पानी पार कर रहा था। इसी बीच वह तेज धारा में बहने लगा। यह देख बिंदटोली के कुछ युवकों ने नाव के सहारे उक्त युवक समेत गाय और बछड़े को बचाया।

नरकटिया तटबंध को हरहाल में बचाया जाएगा

नवगछिया पुलिस जिला भाजपा उपाध्यक्ष सह खरीक की जिला परिषद सदस्य कुमकुम देवी ने शनिवार को नरकटिया तटबंध का निरीक्षण किया। उन्होंने डीएम सहित अन्य अधिकारियों से बचाव कार्य तेज कराने की मांग की। साथ ही लोगों को धैर्य से काम लेने की अपील की।

अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की बात कहीं। कहा कि नरकटिया तटबंध को हरहाल में बचाया जाएगा। इसके लिए सभी किए जाएंगे। उन्होंने तटबंध को बचाने में श्रमदान कर रहे ग्रामीणों के समर्पण को सराहा। मौके पर सौरभ, रविशंकर ठाकुर, दीपक, सिट्टू, मंगल, चंदन आदि मौजूद थे।

कई प्रमुख मंडियों में घुसा पानी, बढ़ी परेशानी, कारोबार ठप

नगर के कलाली रोड, कटरा, जैन कटरा, सोना पट्टी श्री मार्केट, सुत्ता पट्टी, बाटा गली, लहेरी टोला सहित कई मंडियों में बारिश और नालियों का गंदा पानी दुकानों में घुस गया है। इस कारण दर्जनों दुकानें बंद रही। कारोबार पूरी तरह ठप रहा। बारिश रुकने के बाद कुछ दुकानदार खुद पानी को निकालते दिखे। निगम की इस लापरवाही से व्यवसायियों में आक्रोश है।

भोलानाथ पुल का हाल 

दरअसल, कलाली रोड में जलनिकासी के लिए एक साल से नाले का निर्माण हो रहा है, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो सका है। इस कारण इन इलाकों में जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण स्थिति और भयावह हो गई है। इससे ग्राहकों और दुकानदारों को काफी परेशानी हो रही है। 

इन मंडियों में करीब ढाई हजार दुकानें 

इन मंडियों में छोटी-बड़ी करीब ढाई हजार दुकानें हैं। मंडी में कपड़ा, खाद्यान्न आदि की दुकानें हैं। जलजमाव की वजह से इन गलियों में ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं। कल से नवरात्रा शुरू है, इसको लेकर कपड़े के दुकानदारों ने काफी तैयारी की रखी है, लेकिन जलजमाव की वजह से ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं। दुकानदार विमल केडिया, दीपक मनीष छपारिया, अमितेश, राजेश साह ने बताया कि जलजमाव की वजह से गली में चलना मुश्किल हो गया है। किसी को हमारी समस्या का फिक्र नहीं है। नाला का निर्माण अब तक नहीं हुआ है।  

भारी बारिश में बिजली आपूर्ति चरमराई

भारी बारिश की वजह से बिजली आपूर्ति व्यवस्था सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक चरमरा गई। सुल्तानगंज और सबौर ग्रिड से भी आपूर्ति बाधित रही। इससे शहरी क्षेत्र के सबौर, बरारी, मायागंज, बीजीपी-1, बीजीपी-2, नाथनगर समेत अन्य फीडर की आपूर्ति प्रभावित रही।  

भारी बारिश से सड़कें तालाब में तब्दील, कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति

पिछले दो दिनों से जोरदार बारिश के बाद शहरी इलाके में जगह-जगह जलजमाव से लोग परेशान हैं। नवगछिया अनुमंडल सहित सुल्तानगंज से पीरपैंती तक तेज बारिश से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शहर के भोलानाथ पुल, आनंद चिकित्सालय रोड, लोहिया पुल के नीचे, लोहा पट्टी, आरबीएसएस रोड भीखनपुर , तिलकामांझी सहित अन्य मार्गों पर एक फीट से ऊपर बानी जम गया है। भोलानाथ पुल और लोहिया पुल के नीचे लोहा पट्टी की ओर जाने वाली सड़क पर घुटने भर पानी बह रहा है। आदमपुर चौक पर भी जलजमाव से लोग परेशान हैं। स्कूली बच्चों को बारिश की वजह से घर लौटने में काफी परेशानी हुई। 


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