रानी दियारा का एक चौथाई हिस्सा गंगा में समाया, टपुआ गांव में भी भीषण कटाव
कहलगाव में गंगा सहित अन्य नदिया उफान पर हैं। जलस्तर लगातार बढ़ने से नदी खतरे के निशान से मात्र पांच सेंटीमीटर नीचे रह गई है।
भागलपुर। कहलगाव में गंगा सहित अन्य नदिया उफान पर हैं। जलस्तर लगातार बढ़ने से नदी खतरे के निशान से मात्र पांच सेंटीमीटर नीचे रह गई है। गंगा का जलस्तर प्रत्येक चार घंटे पर एक सेंटीमीटर बढ़ रहा है। इसकी वजह से पानी तेजी से मैदानी इलाकों में फैल रहा है।
इधर, रानीदियारा और टपुआ गाव में भीषण कटाव जारी है। रानीदियारा धीरे-धीरे गंगा में विलीन होते जा रहा है। टपुआ गाव को गंगा कटाव से बचाने के लिए ग्रामीण जद्दोजहद कर रहे हैं। प्रशासन की उपेक्षा के कारण ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। रानी दियारा गाव का एक चौथाई से ज्यादा हिस्सा गंगा में समा गया है। बुधवार को भी कटाव के मुहाने पर पहुंचे विजय कापरी, भुटकू मंडल, गोपी कापरी, सत्तन मंडल, मत्तन मंडल, रामवृक्ष कापरी, भीम मंडल, सोनेलाल कापरी, चुल्हाय मंडल, बाबूलाल मंडल, संजय मंडल, अधिक मंडल, मंटू मंडल, लड्डू कापरी, तरिया देवी, गोपी कापरी, चन्दर मंडल, युगल मंडल, केशो मंडल, गंगा मंडल आदि अपना-अपना घर उजाड़ रहे हैं। 100 से ज्यादा कटाव पीड़ित गाव से पलायन कर अन्यत्र शरण लिए हुए हैं। बंद किया कटाव निरोधी कार्य
सिचाई विभाग ने कटाव निरोधी कार्य बंद कर दिया गया है। प्रशासन की ओर से कटाव पीड़ितों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है, न ही राहत शिविर खोला गया है। टपुआ गाव को बचाने के लिए ग्रामीण जीजान से लगे हुए हैं। सोमवार को कटाव स्थल पर डाले गए बास का बोझा, बम्बू रॉल कटाव की भेंट चढ़ गया। ग्रामीण पेड़ और उसकी की टहनियों को कटाव स्थल पर डाल रहें हैं ताकि कटाव की रफ्तार कम हो सके। टपुआ गाव पर भी कटाव का खतरा बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री से लगाई गांव को बचाने की गुहार
पंचायत समिति सदस्य कन्हाई लाल सिंह, राहुल कुमार, सुबोध मंडल, रामबचन मंडल, अमित कुमार, सुबोध यादव सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के नाम आवेदन देकर टपुआ गाव को गंगा कटाव से बचाने के लिए गुहार लगाई है। आवेदन की प्रतिलिपि जल संसाधन मंत्री, मुख्य अभियंता, प्रमंडलीय आयुक्त, जिला पदाधिकारी को भी भेजी गई है। पंचायत समिति सदस्य कन्हाई लाल ने कहा कि अविलंब कटाव निरोधी कार्य शुरू नहीं किया गया तो मजबूर होकर ग्रामीणों को आदोलन करना पड़ेगा।