पाव भर चूड़ा से बाढ़ पीड़ितों का गुजारा
भागलपुर। बाढ़ से बेहाल ग्रामीणों के दर्द पर मरहम लगाने के बजाय जख्म को कुरेदने का सिलसिला
भागलपुर। बाढ़ से बेहाल ग्रामीणों के दर्द पर मरहम लगाने के बजाय जख्म को कुरेदने का सिलसिला जारी है। बाढ़ पीड़ित अन्न के दाने-दाने के लिए मोहताज है। ये वैसे बाढ़ पीड़ित है जिसका ना ही किसी राहत शिविर में निबंधन हुआ है। गांव में पानी घुसा तो सड़क पर विस्थापित हो गए। ऐसे बाढ़ पीड़ितों को उपेक्षित रखा गया है। पंचायत स्तर से जो राहत सामग्री मिलना है। उसमें भी कटौती की जा रही है। जिसका निचले स्तर पर कोई मॉनेटरिंग नहीं हो पाती है। प्रखंड स्तर के अधिकारी अपना पल्ला झाड़ने के लिए पंचायतों को बाढ़ पीड़ितों तक राहत पहुंचाने की जिम्मेवारी सौंप दी है। यहां खुलकर लोग मनमानी कर रहे हैं। शुक्रवार को नाथनगर के मिर्जापुर गांव में पाव भर चूड़ा का वितरण करने का स्थानीय सीताराम मंडल ने आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पंचायत से 250 ग्राम प्रति परिवार चूड़ा का वितरण किया जा रहा है। जबकि प्रत्येक परिवार को पांच किलोग्राम चूड़ा दिया जाना है। इसके पहले भोजन बनाने के कम चावल दिया गया था। इसकी शिकायत प्रखंड स्तरीय अधिकारी को देने के बाद भी संज्ञान नहीं लिया गया। 10 दिनों से बाढ़ के पानी में समय गुजार देने के बाद अब इतने से भोजन से परिवार का भरण-पोषण किया जा सकता है।