भूखे बच्चों के जख्म पर मिनरल वाटर का मरहम
भागलपुर । रवींद्र भवन स्थित टील्हा कोठी के बाढ़ राहत शिविर में एक ओर भूखे बच्चों को
भागलपुर । रवींद्र भवन स्थित टील्हा कोठी के बाढ़ राहत शिविर में एक ओर भूखे बच्चों को प्रशासन द्वारा मिनरल वाटर बांटा जा रहा है। शुक्रवार को यह नजारा राहत शिविर में देखने को मिला। वहीं दूसरी ओर 1.00 बजे दोपहर में ही खाना खत्म हो गया। इस कारण जहां कई बाढ़ पीड़ित ग्रामीण तो भूखे रह गए। शिविर में दाल और सब्जी तो थी मगर चावल खत्म हो गया था। जब शिक्षा केंद्र के बच्चों को खाना खिलाने शिक्षक लेकर आए तो खाना नहीं मिला। इस पर बच्चों ने हंगामा शुरू कर दिया।
हंगामा शुरू हुआ तो तैयार होने लगा चावल
राहत शिविर शिक्षा केंद्र से लगभग 12 दर्जन से ज्यादा बच्चों को खाना खिलाने के लिए शिक्षक लेकर आए। लेकिन जब उन्होंने बच्चों को लाइन में लगाया तो उन्हें बताया गया कि चावल खत्म हो गया है। वहीं शिविर में इंतजाम में लगे कुछ लोगों ने कहा कि बच्चों ने खाना खा लिया है। वे दोबारा खाना खाने आए हैं। इस पर शिक्षकों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि बच्चे अभी शिक्षा केंद्र से आ रहे हैं। इतने में बच्चों ने हल्ला करना शुरू कर दिया। किसी तरह उन्हें शांत कराया गया। तब जाकर चावल बनना शुरू हुआ।
दोबारा खाना मांगने पर मिलती है डांट
शिविर में शरण लिए कुछ लोगों भोजन स्थल पर खाली थाली लेकर खड़े थे। उन्होंने बताया कि उन लोगों को जब एक बार चावल दाल सब्जी दे दिया जाता है तो दोबारा मांगने पर उन्हें डांट कर भगा दिया जाता है। पीड़ितों ने कहा कि शिविर में उनपर उल्टे आरोप लगाया जाता है कि वे लोग एक-एक बार में 10 लोगों का खाना ले जाते हैं। उसके बाद भी दोबारा खाना मांगने आ जाते हैं।
जानवरों को खिलाते हैं खाना
शिविर की व्यवस्था में लगे कुछ लोगों ने बताया कि बाढ़ पीड़ित यहां से खाना ले जाने के बाद अपने मवेशियों को भी यही खाना दे देते हैं। इसलिए बार-बार वे लोग खाना लेने आ जाते हैं। किंतु शिविर का जब जायजा लिया तो ऐसी शिकायत एक भी जगह देखने को नहीं मिली कि किसी मवेशी को चावल दाल दिया गया है। वहीं पीड़ितों का कहना है कि एक मुट्ठी चावल में मवेशियों को क्या होगा।