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Flood : बकरा व नूना नदी के जलस्तर में वृद्धि, अररिया के गांवों में घुसा पानी

अररिया में बाढ़ से दर्जनों गांवों में पानी घुस गया है। लोग पलायन कर रहे हैं। नेपाल में बारिश का असर यहां भी देखने को मिला है। बाढ़ प्रभावित लोग काफी परेशान हैं। स्‍कूलों मे शरण लिए हुए हैं। प्रशासनिक स्‍तर पर यहां कोई व्‍यवस्‍था नहीं की गई है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 10:42 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 10:42 PM (IST)
Flood : बकरा व नूना नदी के जलस्तर में वृद्धि, अररिया के गांवों में घुसा पानी
दहगामा में ईदगाह के निकट सिकटी बिलायती पथ पर बह रहा पानी

अररिया,  जेएनएन। नेपाल सहित प्रखंड क्षेत्र में लगातार हुई भारी बारिश से बकरा एवं नूना नदी के जल स्तर में वृद्धि हो गई है। बुधवार को उफनाई नूना नदी के बढ़ते जल स्तर से पड़रिया एवं दहगामा पंचायत में टूटे तटबंध के रास्ते गांवों में पानी घुस जाने से एक बार फिर बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। दहगामा वार्ड संख्या एक में ईदगाह टोला पूरी तरह बाढ़ की चपेट में है। वहां के सैकड़ो परिवार के घर आंगन में पानी घुस गया है। जिस कारण पूरे टोले के लोग मवि दहगामा में शरण लिए हुए है। प्रावि ईदगाह टोला में  पानी भर गया है। सिकटी विलायतीबाड़ी सड़क पर दहगामा मिल चौक से पड़रिया फारुख टोला तक दो से तीन फीट पानी बह रहा है। सड़क तो कई जगह पहले ही टूट गई थी। पड़रिया वार्ड नौ फारुख टोला में  भी नूना का पानी फैल गया है। टोले से पूरब नूना के कटे तटबंध के रास्ते निकला पानी पड़रिया होकर कठुआ, सालगोड़ी, कचना एवं औलाबाड़ी में प्रवेश कर गया है। इधर बकरा के जलस्तर में हो रही वृृद्धि से लोग सहमे हुए हैं। सरकारी आंकड़ोंं के मुताबिक जिले में सिकटी में बुधवार को सर्वाधिक 56.4 एएम बारिश हुई है। अगर मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार बारिश हुई तो स्थिति और भयावह हो सकती है। बाढ़ की स्थिति और बढऩे से कई नये इलाके प्रभावित हो सकते हैं।

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कोसी-बागमती अभी भी खतरे के निशान से ऊपर

खगडिय़ा। तेज बारिश को लेकर हाई अलर्ट के बीच राहत की बात यह है कि कोसी-बागमती समेत बूढ़ी गंडक के जलस्तर में कमी आई है। केंद्रीय जल आयोग कोसी उपमंडल बेगूसराय और बाढ़ नियंत्रण अंचल खगडिय़ा की ओर से बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार कोसी का जलस्तर खगडिय़ा के बलतारा में 34.79 मीटर दर्ज किया गया। बीते 24 घंटे के दौरान कोसी के जलस्तर में 10 सेमी की कमी आई है। हालांकि कोसी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है। जबकि खगडिय़ा के संतोष स्लूईस के पास बागमती के जलस्तर में भी कमी आई है। बागमती अभी भी खतरे के निशान से एक मीटर 24 सेमी ऊपर है। जबकि बूढ़ी गंडक खगडिय़ा में खतरे के निशान (36.60) से नीचे आ गई है। बुधवार को बूढ़ी गंडक का जलस्तर 35.27 मीटर दर्ज किया गया।


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