सहरसा में बाढ़: असमय कोसी में उफान, पानी में बह गये दर्जनों नाव
सहरसा में बाढ़ बिहार में पिछले तीन दिनों से बारिश हो रही है। कोसी नदी में असमय उफान आ गया है। कोसी तटबंध के अंदर नदी पानी से लबालब हो गया। निचले इलाके के खेत-खलिहान में भी पानी फैल गया है।
संवाद सूत्र, नवहट्टा (सहरसा)। कोसी नदी में असमय आए उफान से पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर नदी पानी से लबालब हो गया। निचले इलाके के खेत-खलिहान में भी पानी फैल गया है। अचानक आई बाढ़ से कई नाव पानी में बह गए हैं। फसल की बर्बादी के साथ ही जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पूर्वी कोसी तटबंध स्पर के करीब से नदी की धारा बहने लगी एवं सुरक्षा के लिए बिछाया गया परकोपाइन भी डूब गया है। खलिहान में बंधे मवेशी को ऊंचे स्थान पर ले जाना पड़ा।
ढाई लाख के पार पहुंचा डिस्चार्ज
कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि मंगलवार की देर रात से ही शुरू हो गई। वीरपुर बैराज पर नदी के डिस्चार्ज में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है मंगलवार की 12 बजे रात दो लाख चालीस हजार, बुधवार की अहले सुबह चार बजे दो लाख पचास हजार एवं छह बजे दो लाख साठ हजार दर्ज की गई है। आठ बजे सुबह दो लाख 66 हजार क्युसेक नापा गया। दस बजे के बाद जलस्तर में कमी आने लगी है।
बंद हो गया बाढ़ नियंत्रण कक्ष
बाढ़ अवधि के लिए निर्धारित 15 जून से 15 अक्टूबर का समापन शुक्रवार को ही हो गया। बाढ़ अवधि के दौरान कोसी बराज से लेकर विभिन्न स्पर और तटबंधों पर रात-दिन तीन शिफ्टों में काम करने वाले इंजीनियर और कर्मचारी सामान्य ड्युटी में लगा दिए गए। बाढ़ अवधि के समाप्त होने के साथ ही कोसी बराज, बराह क्षेत्र और कौशिकी भवन स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने काम करना बंद कर दिया है। बाढ़ संघर्षात्मक कार्यों को कराये जाने के लिए बने स्थायी कैंप को भी बंद कर दिया गया। तटबंध पर रोशनी की अब कोई व्यवस्था नहीं है।
नदी में बह गये दर्जनों नाव
बाढ़ अवधि समाप्ति होने से पूर्व ही कोसी नदी नरम पड़ गई थी। जलस्तर कम होने से नदी थोड़ी दूर में सिमट गई। तटबंध के अंदर बसे गांव के लोग अपने-अपने नाव को नदी की तलहटी पर यूं ही छोड़ कर निङ्क्षश्चत हो गए। मंगलवार की रात को अचानक आए उफान में नदी की धारा की शिकार नाव हो गई। शाहपुर चाही के श्याम मुखिया, नागो यादव, रामजी टोला के उमेश यादव, असई के सागर मुखिया समेत कई लोगों का नाव पानी में इधर उधर बह गया। सुबह होते ही लोग उसकी तलाश में जुट गए हैं।