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Flood In Bihar : यहां पड़ोसी के घर जाने को भी नाव ही सहारा

जलजमाव की समस्या का निदान नहीं होने के कारण वर्षों से लोग परेशानी झेलते हैं दैनिक कार्य के लिए भी लोग पूरी तरह नाव पर ही निर्भर हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 04:40 PM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2020 04:40 PM (IST)
Flood In Bihar : यहां पड़ोसी के घर जाने को भी नाव ही सहारा
Flood In Bihar : यहां पड़ोसी के घर जाने को भी नाव ही सहारा

कटिहार , जेएनएन।  कटिहार जिले के एक गांव में पड़ोसी के जाने के लिए चार माह लोग नाव का सहारा लेते हैं। यह हकीकत है कदवा प्रखंड के शेखपुरा पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या एक की। एक हजार की आबादी वाले इस गांव में बाढ़ व बरसात के मौसम में चार माह तक जलजमाव रहता है। जलजमाव की समस्या का निदान नहीं होने के कारण वर्षों से लोग परेशानी झेलते हैं, दैनिक कार्य के लिए भी लोग पूरी तरह नाव पर ही निर्भर हैं। वर्षों से चली आ रही समस्या को लोग अब नियति मान चुके हैं।

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जलजामव के कारण जहां आवागमन की समस्या गहराती है, वहीं बच्चों का विद्यालय छूटता है। इस तीन माह में गांव में कोई भी आयोजन नहीं होता है। जबकि बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाना भी टेढ़ी खीर साबित होती है। लंबे समय तक जलजमाव के कारण जहां जहरिले कीट का आंतक रहता है, वहीं बच्चों के डूबने की घटना से लोग सशंकित रहते हैं। गांव में मुलभूत सुविधाओं का भी घोर अभाव बना हुआ है।

तटबंध व ङ्क्षरग बांध के बीच बसा है गांव :

बरसात की शुरुआत के साथ ही यहां जलजमाव की समस्या गंभीर होती है। बता दें कि गांव के एक छोड़ पर महानंदा तटबंध है तो दूसरी ओर ङ्क्षरग बांध है। जबकि गांव इसके बीच स्थित है। बरसात के आगमन के साथ ही यहां जलजमाव की समस्या गहराती है। बताते चलें कि आबादी के लिहाज से यहां विद्यालय की भी स्थापना की गई है। लेकिन विद्यालय का भी यही हाल रहता है। जून से लेकर अक्टूबर तक का चार माह हर दिन लोगों के लिए परेशानी से गुजरता है। समस्या को लेकर लोग केले की मेढ़ की नाव तैयार कर आवागमन का विकल्प तैयार करते हैं।

कटाव से छूटा आशियाल अब पानी बनी तबाही :

बताते चलें कि इस गांव के अधिकांश लोग पहले महानंदा नदी के भीतर बसे हुए थे। जहां कटाव के कारण गांव तबाह होने के बाद लोग ने तटबंध के बाहर तो आशियाना सजाया लेकिन समस्या से उनका पीछा नहीं छूट पाया है। ग्रामीण मुस्लिम, वाहिद, जुनैद, नदीम, सागर राय, इंद्रावती देवी, हबीबुल आदि ने बताया कि बाढ़ से तबाह होकर उन्होंने ठिकाना तो बदला लेकिन परेशानी से उनका पीछा नहीं छूट पाया है।

ङ्क्षरग बांध में पाइप डाल हो सकता है निदान :

बतातें चले कि अगर ङ्क्षरग बांध में पाइप डालकर पानी का बहाव महानंदा की ओर किया जाता है तो इस समस्या से निजात मिल सकती है। मुखिया प्रतिनिधि मु इकबाल ने बताया कि जल निकासी की व्यवस्था करने हेतू कई बार विभागीय अभियंता से गुहार लगाई गई है। लेकिन इस दिशा में पहल नहीं हो पाई है। इसके कारण हर साल लोग परेशानी झेलने को मजबूर होते हैं।


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