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कोरोना ने घर लौटाया, बाढ़ फिर भेजेगी परदेस

कोरोना के कहर ने जहां देश के विभिन्न इलाकों में फंसे प्रवासियों को घर लौटना मजबूरी थी लेकिन बाढ़ उन्हें वापस जाने के लिए विवश करेगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jun 2020 01:28 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jun 2020 01:28 AM (IST)
कोरोना ने घर लौटाया, बाढ़ फिर भेजेगी परदेस
कोरोना ने घर लौटाया, बाढ़ फिर भेजेगी परदेस

भागलपुर [संजय सिंह]। कोरोना के कहर ने जहां देश के विभिन्न इलाकों में फंसे प्रवासियों को घर लौटने को मजबूर कर दिया, वहीं बाढ़ इन्हें फिर पलायन को मजबूर करेगी।

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लॉकडाउन के कारण इस बार बाढ़ निरोधी कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाया। खासकर कोसी के नेपाल प्रभाग में भारतीय अभियंता को प्रवेश करने की अनुमति गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद मिल पाई। यहां तटबंध आदि की मरम्मत की जिम्मेवारी इन्हीं की है। अब भी दर्जनों स्थानों पर कार्य जारी है, जबकि इसे मई तक पूरा कर लिया जाना था।

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सुपौल होकर प्रवेश करती है कोसी

कोसी का उद्गम स्थल नेपाल है। यह बिहार में सुपौल के रास्ते प्रवेश करती है। सहरसा में चंद्रायण बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल और पश्चिमी तटबंध में बाढ़ नियंत्रण का कार्य होना था। इस पर आठ करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। कुछ स्थानों पर अब भी काम चल ही रहा है।

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प्रोटेक्शन प्लान अधर में

खगड़िया में बाढ़ नियंत्रण के लिए 13 करोड़ 25 लाख की लागत से काम हो रहा है। कोसी और बागमती तटबंध का काम पूरा कर लिया गया है, लेकिन जीएन (गोगरी-नारायणपुर) तटबंध का काम अभी चल रहा है। खगड़िया शहर को बचाने के लिए खगड़िया टाउन प्रोटेक्शन प्लान बनाया गया था। भू-अर्जन का काम पूरा नहीं होने से यह योजना अधर में लटकी हुई है।

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कटाव निरोधी कार्य अभी अधूरा

समस्तीपुर और बेगूसराय में यदि किसी कारण से तटबंध टूटता है तो खगड़िया पर खतरा उत्पन्न हो सकता है। मधेपुरा के 42 गांव भी हर साल बाढ़ की जद में आते हैं। कोसी कटिहार के कुर्सेला में गंगा में मिल जाती है। कुर्सेला की भी 20 हजार की आबादी हर साल बाढ़ से प्रभावित होती है। कोसी और गंगा के संगम स्थल से कुछ दूर मनिहारी नगर पंचायत में 93 करोड़ रुपये की लागत से कटाव निरोधी कार्य गांधी टोला और सिग्नल टोला में चल रहा है। यह काम भी अधूरा है।

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भारत में 76 जगहों पर कटाव निरोधी कार्य होने थे। इनमें से 65 जगहों पर काम पूरा कर लिया गया है। नेपाल प्रभाग में 11 जगहों पर काम होना था। लॉकडाउन के कारण निविदा का निष्पादन देर से हुआ। इस कारण वहां 50 से 75 फीसद काम ही पूरा हो पाया है। कार्यपालक अभियंताओं को 15 जून तक काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

- ई. प्रकाश दास, मुख्य अभियंता बाढ़ नियंत्रण, वीरपुर, सपौल

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बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल दो का काम पूरा कर लिया गया है। प्रमंडल एक का काम 15 जून तक पूरा कर लिया जाएगा।

- संजय रमण

अधीक्षण अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, खगड़िया

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बाढ़ का आना तय है। कोरोना संकट के बीच यह महाविनाशकारी हो सकती है। बाढ़ पूर्व तैयारी में अतिरिक्त सजगता बरतनी होगी। सरकार अपने स्तर से जो कर रही है, वह ठीक है। लेकिन तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ परंपरागत ज्ञान का समन्वय भी जरूरी है। अब समय आ गया है कि हम बाढ़ सहजीवन की अवधारणा को लेकर पुन: सोचें, विचारें।

- प्रेम कुमार वर्मा, जलयोद्धा

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जिला : प्रभावित गांव : प्रभावित आबादी

सहरसा : 151 : 500,000

सुपौल : 200 : 500,000

मधेपुरा : 42 : 120,000

खगड़िया : 30 : 50,000

कटिहार : 25 : 20,000

कुल : 448 : 11,90,000

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