जानिए ... आखिर आज से 26 तक क्यों ठप रहेगी बैंकिंग सेवा
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडेरेशन के आह्वान पर शुक्रवार को प्रस्तावित हड़ताल की पूर्व अधिकारियों ने जुलूस निकालकर जोरदार प्रदर्शन किया।ग्रामीण बैंक हड़ताल से अपने को अलग रखा है।
भागलपुर (जेएनएन)। बैंक में काम है तो 20 दिसंबर तक हर हाल में निपटा लें, नहीं तो आपका काम अब 26 दिसंबर के बाद होगा। चालान, ड्रॉफ्ट और चेक से पेमेंट लेने वाले गुरुवार तक लेनदेन कर लें क्योंकि 21 से 26 दिसंबर के बीच पांच दिन बैंक बंद रहेंगे।
दरअसल, ऑल इंडिया ऑफिसर कन्फडरेशन के आह्वान पर 21 दिसंबर को बैंक कर्मी केंद्र की नीति के विरोध में हड़ताल पर रहेंगे। 22 को महीने का चौथा शनिवार और 23 को रविवार होने के कारण बैंकों में छुट्टी रहेगा। सोमवार 24 को बैंक की शाखाएं खुलेंगी। लेकिन भीड़ के कारण सोमवार को सभी का काम होना संभव नहीं है। अगले दिन 25 को बड़ा दिन का अवकाश है और 26 को यूनाइटेड फोरम की तरफ से फिर बैंकों में हड़ताल है। इतने दिनों तक बैंक बंद होने की वजह से खाताधारकों के चेकों के क्लीयरेंस में बाधा आ सकती है और लोगों को कैश की किल्लत झेलनी पड़ सकती है।
बैंक से कर लें रुपये की निकासी
समय रहते बैंक से रुपए की निकासी कर लें ताकि इस दौरान किसी तरह की दिक्कत न हो। इसके अलावा एटीएम से भी पैसे निकाल लें क्योंकि बैंक बंद होने की वजह से लोग एटीएम के भरोसे ही रहेंगे। वहीं, बैंक ने अवकाश के दिनों में एटीएम में कैश डालने के लिए व्यवस्था रहेगी।
बैज लगाकर बैंक कर्मियों ने किया काम
केंद्र सरकार के गलत फैसला, विलय का विरोध, लंबित वेतन वृद्धि सहित अन्य मांगों को लेकर बुधवार से बैंक कर्मियों ने अपना आक्रोश व्यक्त करना शुरू कर दिया है। बुधवार को सभी बैंक के कर्मी और अधिकारी बैज लगाकर कामों का निपटारा किया। यह विरोध 20 तक जारी रहेगा। बैक यूनियन आइबॉक के जिला सचिव प्रशांत कुमार मिश्रा ने ने कहा 20 दिसंबर को एसबीआइ से घंटाघर तक सरकार के उपरोक्त नीतियों के विरोध में बैंक अधिकारियों की एक बड़ी रैली निकालेंगे।
500 करोड़ का टर्न ओवर प्रभावित होगा
बैंक बंद होने की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। एटीएम में नकदी की किल्लत हो सकती है, इसलिए एहतियातन पहले से नकदी निकाल कर अपने पास रख सकते हैं। हालांकि, इस दौरान डिजिटल ट्रांजेक्शन से भी लेनदेन किया जा सकता है। बैंक कर्मियों के हड़ताल से एटीएम भी बंद रहेंगे। करीब 500 करोड़ का कारोबार प्रभावित होने का आसार है।
सभी शाखाओं में लटके रहे ताले
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडेरेशन (आइबॉक) के आह्वान पर शुक्रवार को प्रस्तावित हड़ताल की पूर्व संध्या पर अधिकारियों ने जुलूस निकालकर जोरदार प्रदर्शन किया। इधर, ग्रामीण बैंक हड़ताल से अपने को अलग रखा है। रैली एसबीआइ मुख्य शाखा के सामने से निकलकर घंटाघर तक गई और सभा में तब्दील हो गई। रैली में बैंक के सेवानिवृत अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए। रैली भागलपुर-बांका जिला इकाई की तरफ से केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक बैंक के आपसी विलय के निर्णय के विरोध में, सरकारी दवाब में बैंक द्वारा उद्योगपतियों और पूंजीपतियों को दिए गए लाखों करोड़ों के कर्ज की वसूली सुनिश्चित करने, बैंकिंग इंडस्ट्री के सारे अधिकारियों के लिए एक साथ वेतन समझौता करने, संगठन द्वारा सरकार को दिये गए मांग पत्र के अनुसार वेतन समझौता करने, सरकार की जन विरोधी आर्थिक नीतियों के विरोध में, बैंक अधिकारियों द्वारा रैली निकली गई। आइबॉक के जिला सचिव प्रशांत कुमार मिश्रा ने बताया कि देश के हर प्रमुख शहर में इस तरह कि रैली निकाली जा रही है। केंद्र सरकार आम जनता को भ्रमित कर रही है। सरकार कर्ज वसूली में विफल है। लाखों-करोड़ डकार के बैठे पूंजीपतियों को अपने संरक्षण में विदेश भगाती है। इन सब कारणों से बैंक कमजोर दिख रहे हैं। यदि कॉर्पोरेट पूंजीपतियों से कर्ज कि वसूली कर ली जाए तो बैंक भी मजबूत बनेंगे और वो पैसा पुन देश के विकास में, गरीबों कि भलाई में खर्च किए जा सकेंगे। सरकार अपनी विफलता छुपने के लिए बैंक विलय कि हानिकारक नीति ला कर आम जनता को ठग रही है। इलाहाबाद बैंक के संजय लाठ ने कहा कि सारे बैंक अधिकारी हड़ताल को सफल बनाने के लिए सबेरे से ही तत्पर रहेंगे। रैली में जिलाध्यक्ष अरुण सिंह, एसबीआइ के प्रदीप रजक, पीएनबी के राजेश झा, सेंट्रल बैंक के कृष्णदेव, केनरा बैंक के अक्षय भगत, एकता कुमारी, सोनी कुमारी, गुंजेश समेत सभी बांका के अधिकारी मौजूद थे।
किस-किस दिन बैंक बंद रहेंगे
21 दिसंबर : बैंक कर्मियों की हड़ताल
22 दिसंबर : चौथा शनिवार के कारण बैंकों में छुट्टी
23 दिसंबर : रविवार का अवकाश
24 दिसंबर : खुला रहेगा बैंक
25 दिसंबर : क्रिसमस का त्योहार
26 दिसंबर : बैंक कर्मियों की हड़ताल