आधी रात बाद गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा उठा दियारा
नारायणपुर दियारा बुधवार आधी रात बाद एकाएक फायरिग शुरू होने से दहल उठा।
भागलपुर। नारायणपुर दियारा बुधवार आधी रात बाद एकाएक फायरिग शुरू होने से दहल उठा। एकाएक गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका थर्रा उठा। दरअसल दिनेश की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) दियारा में कई माह से कैंप कर रही थी, लेकिन उसे इसकी भनक नहीं थी। कई बार वह एसटीएफ को चकमा देकर भाग निकला था। दियारा में दिनेश की मौजूदगी की बात पुख्ता होते ही एसटीएफ ने नवगछिया एसपी को सूचना दी और ऑपरेशन शुरू कर दिया। टीम ने दिनेश और उसके गिरोह को आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी।
दिनेश और उसके गिरोह के सदस्य ऑटोमेटिक हथियारों से लैस थे। इस कारण वे लोग आत्मसमर्पण के लिए तैयार नहीं हुए। अपराधियों ने एसटीएफ पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। एसटीएफ ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू की। करीब एक घंटे के बाद दिनेश मुनि को मार गिराया, जबकि अन्य अपराधी भाग निकले। एसटीएफ ने उनका भी पीछा किया, लेकिन वे लोग काफी दूर निकल गए थे।
दिनेश मुनि और उसके गिरोह के गुर्गो शराब समेत अन्य नशे के शौकीन थे। जिस जगह एनकाउंटर हुआ वहां पर ही एक गैलन में तीन लीटर के करीब ताड़ी, चखना और सिगरेट के पैकेट मिले। जिससे स्पष्ट है कि वहां दिनेश अपने गुर्गो के साथ बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी में थे। दारोगा की हत्या के बाद उसने दियारा को ही अपना ठिकाना बना लिया था। वे लोग दियारा इलाके में रंगदारी, शराब तस्करी, फसल लूटने में लगे थे। वहां के किसानों में दिनेश गिरोह का काफी खौफ था। अंधेरे के कारण खतरनाक था ऑपरेशन
दियारा में मकई की फसल लगी हुई है। रात को एसटीएफ की टीम तैयार होकर दिनेश के ठिकाने की ओर मोर्चा लेते हुए निकली, लेकिन उन्हें इस बात की भनक भी नहीं थी कि वे लोग ऑटोमेटिक हथियारों से लैस होंगे। टीम में शामिल एक जवान ने बताया कि वे लोग चेतावनी दे ही रहे थे कि अपराधियों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी। तब एसटीएफ ने जमीन पर लेटकर मोर्चा संभाला। दोनों ओर से अंधाधुंध फायरिग हो रही थी। सौ से ज्यादा राउंड गोलियां चलीं।